Thursday, July 27, 2017

"देख तमाशा ,राजनीति का"! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

"डी एन ए"को अलग बताने वाले ,ईमानदार व सच्चाई के रास्ते पर चलने वाले, भविष्य में प्रधानमंत्री बनने का सपना देखने वाले और सख्त प्रशासक माननीय श्रीमान नीतीश जी ,मुसलमानों से भी तेज़ गति से लालू जी को तलाक,तलाक और तलाक बोल आये ,इतना ही नहीं तुरन्त मोदी जी से दूसरा निकाह भी कर लिया !विधान सभा में बहुमत साबित हो या चाहे ना हो ,लेकिन लोग तो पूछेंगे कि "इतनी कौन सी आग लगी थी"?कहने को तो हज़ार कारण नितीश जी के पास भी हैं और लालू परिवार के पास भी हैं ! और तो और राजनीति के "फिस्सड्डी खिलाडी अपने राहुल बाबा" भी बड़े पॉइन्ट मार कर बोल रहे हैं कि "हमें पता था कि नितीश जी की डील हो चुकी है ,इसलिए हमने उनकी बात ही नहीं सुनी "!! अरे भले मनुष्य !अगर आप इतने बड़े राजनीतिज्ञ ही थे तो अपना "महागठबंधन"तो बचा लिया होता किसी शरद यादव या अनवर अली से मिलकर !अब जब लुटिया डूब चुकी है तब "कारीगिरी"दिखा रहे हैं !
                         उधर लालू जी की होशियारी देखो ! वो भी पत्रकारों को और जनता को 302 के केस का कागज़ दिखा रहे हैं और आज भस्मासुर बता रहे हैं !इतने ही होशियार थे तो जो फार्मूला त्यागपत्र देने के बाद बता रहे थे ,वो पहले क्यों नहीं सुझाया ?कि बिना नीतीश जी और बिना तेजस्वी के कोई दूसरा मुख्यमंत्री चुन लिया जाये !अरे आप मुख्यमंत्री बन नहीं सकते,तो शरीफ नीतीश क्यों बनवास भुगतते ?
                          असलियत ये है कि लालू जी बड़ा दखल दे रहे थे !अपने बेटों के कन्धों पर बंदूक रख कर चला रहे थे ! बड़ा परेशां किये हुए थे !दूसरी बात ये थी कि नितीश जी चाहते थे कि महागठबंधन का भावी प्रधानमंत्री अभी घोषित कर दिया जाए ! ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों की तयारी विधिवत शुरू की जा सके ! कांग्रेस की परेशानी ये थी कि राहुल के नाम पर कोई भी दल मान नहीं रहा था ,और दूसरे किसी को भी भावी प्रधानमंत्री पद का दावेदार , कांग्रेस बनाना नहीं चाहती थी ! तो नीतीश बाबू ने सोचा कि क्यों न एन डी ए के साथ जाकर मुख्यमंत्री भी बन जाऊं और केंद्र में भी किसी को मंत्री बनवादूँ !
                            मतलब सभी केवल अपने स्वार्थपूर्ति हेतु ही राजनीती में काम करते हैं ! भारत की जनता को केवल काम बेईमान ही चुनना होता है !लेकिन सवाल ये भी खड़ा होता है कि केवल यही चंद लोग और उनके परिवार ही हम पर राज करें ऐसा क्यों और किस अधिकार से ? जनता जवाब मांगती है !

प्रिय "5TH पिल्लर करप्शन किल्लर"नामक ब्लॉग के पाठक मित्रो !सादर प्यारभरा नमस्कार ! वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे !
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1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (29-07-2017) को "तरीक़े तलाश रहा हूँ" (चर्चा अंक 2681) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

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