Tuesday, May 30, 2017

"नज़ारे-वजारे"देखलो ,पढ़ लो और सुन लो !- पीताम्बर दत्त शर्मा

                            * अध्याय एक *
अरुण जेटली ने किया केजरीवाल पर मानहानि का दावा,
बोले झूठे आरोप लगाए, अब दस करोड़ लावा ।
केजरीवाल ने बकील किये जेठमलानी,
याद आ गई नानी :)
वकील की फीस आठ करोड़ चालीस लाख,
वकील ने दिया बसूली का नोटिस, मिटटी में मिली साख :)
वकील तो गया ही, मुक़दमा भी पिटेगा,
बडा बेआबरू होता, ये शख्स दिखेगा :) :)
ये है पूरा मामला -
जेठमलानी ने केजरीवाल की तरफ से वकील बनकर भरी अदालत में अरुण जेटली को धूर्त कहा ...
इस पर जेटली ने केजरीवाल के ऊपर 10 करोड़ का दूसरा मानहानि का केस फाइल कर दिया, जिसे अदालत ने भी स्वीकार कर लिया ....
घबराए केजरीवाल ने जेठमलानी के धूर्त कहे जाने पर जेटली से लिखित रूप में माफी मांग ली। अपने मुवक्किल के माफी मांगने से नाराज जेठमलानी ने केजरीवाल का वकील बनने से ही इनकार कर दिया और अपने 8.40 करोड़ बकाया के लिए केजरीवाल को नोटिस भेज दिया।
उधर दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने सरकारी खजाने से राम जेठमलानी को फीस दिए जाने से मना कर दिया। फाइल पर लिख दिया कि अरविंद केजरीवाल के निजी केस का पैसा सरकारी खजाने से नहीं दिया जा सकता।
केजरीवाल बुरी तरह फंस गये।
                                             *अध्याय दो *
एक बार एक लड़का गरीबी के कारण अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक जा-जाकर कुछ सामान बेचा करता था। एक दिन सारा दिन घूमने पर भी उसका कोई सामान नहीं बिका। उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी। लेकिन उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था। उसने सोच लिया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा। वहां उससे खाना मांग लेगा।
एक घर के बाहर जाकर उसने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला। जिसे देखकर एक पल के लिये वह घबरा गया। उसी घबराहट के कारण बजाय खाने के पीने के लिए एक गिलास पानी माँग लिया।
लड़की ने उस लड़के के चेहरे को देख कर भांप लिया था कि वह भूखा है। इसलिए वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई। लड़के को कुछ समझ ना आया।
“पी लो, तुम्हारे लिए ही है।“ लड़की के ऐसा कहने पर लड़के ने धीरे-धीरे सारा दूध पी लिया।
“कितने पैसे दूं?” लड़के ने पूछा।
“पैसे किस बात के?” लड़की ने जवाब में कहा,” माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए।”
“तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ।” जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, दूध पीने से उसे न केवल शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी बल्कि उसका भगवान और आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था।
इस घटना के बीत जाने के सालों बाद एक दिन वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी। लोकल अस्पताल में उसका इलाज संभव ना हो सका तो डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया।
हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली(Howard Kelly) को मरीज देखने के लिए बुलाया गया। होवार्ड केल्ली अस्पताल पहुंचे और मरीज की जानकारी हासिल की। जैसे ही उसने लड़की के कस्बे का नाम पढ़ा, उसकी आँखों में चमक आ गयी। वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया।
उसने उस लड़की को देखा, एकदम पहचान लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगा। उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और उस लड़की कि जान बच गयी। जब लड़की एकदम ठीक हो गयी तो डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस लड़की के इलाज का बिल लिया। उस बिल के कोने में एक नोट लिखा और उसे उस लड़की के पास भिजवा दिया।
लड़की बिल का लिफाफा देखकर घबरा गयी, उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच गयी है लेकिन बिल कि रकम जरूर उसकी जान ले लेगी। फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कोने में पेन से लिखे नोट पर गयी, जहाँ लिखा था।
“एक गिलास दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है।”
नीचे डॉक्टर Howard Kelly के हस्ताक्षर थे। ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के आँखों से गालों पर आंसू टपक पड़े उसने ऊपर कि ओर दोनों हाथ उठा कर कहा,
” हे भगवान! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों द्वारा न जाने कहाँ-कहाँ फैल चुका है।
                                                * अध्याय तीन *
एक 80 वर्षीय बुजुर्ग के हृदय का ऑपरेशन हुआ ।
बिल आया 8 लाख रुपया, बिल देखने के बाद बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए , यह देखकर डॉक्टर ने कहाँ रोइये मत में इसे कम कर देता हूँ।
बुजुर्ग ने कहा यह बिल तो बहुत कम है, अगर 10 लाख भी होता तो में देने में समर्थ हूँ। आँसू तो इस लिए आये कि जिस प्रभु ने 80 वर्ष तक इस दिल को सम्भाला, उसने कोई बिल नही भेजा आपने केवल तीन घण्टा सम्भाला, 8 लाख रूपये।
वाह प्रभु ...आप कितना ध्यान रखते है हमारा ।

कैसा लगा अवश्य बताइयेगा जी !!

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