Tuesday, May 30, 2017

"नज़ारे-वजारे"देखलो ,पढ़ लो और सुन लो !- पीताम्बर दत्त शर्मा

                            * अध्याय एक *
अरुण जेटली ने किया केजरीवाल पर मानहानि का दावा,
बोले झूठे आरोप लगाए, अब दस करोड़ लावा ।
केजरीवाल ने बकील किये जेठमलानी,
याद आ गई नानी :)
वकील की फीस आठ करोड़ चालीस लाख,
वकील ने दिया बसूली का नोटिस, मिटटी में मिली साख :)
वकील तो गया ही, मुक़दमा भी पिटेगा,
बडा बेआबरू होता, ये शख्स दिखेगा :) :)
ये है पूरा मामला -
जेठमलानी ने केजरीवाल की तरफ से वकील बनकर भरी अदालत में अरुण जेटली को धूर्त कहा ...
इस पर जेटली ने केजरीवाल के ऊपर 10 करोड़ का दूसरा मानहानि का केस फाइल कर दिया, जिसे अदालत ने भी स्वीकार कर लिया ....
घबराए केजरीवाल ने जेठमलानी के धूर्त कहे जाने पर जेटली से लिखित रूप में माफी मांग ली। अपने मुवक्किल के माफी मांगने से नाराज जेठमलानी ने केजरीवाल का वकील बनने से ही इनकार कर दिया और अपने 8.40 करोड़ बकाया के लिए केजरीवाल को नोटिस भेज दिया।
उधर दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने सरकारी खजाने से राम जेठमलानी को फीस दिए जाने से मना कर दिया। फाइल पर लिख दिया कि अरविंद केजरीवाल के निजी केस का पैसा सरकारी खजाने से नहीं दिया जा सकता।
केजरीवाल बुरी तरह फंस गये।
                                             *अध्याय दो *
एक बार एक लड़का गरीबी के कारण अपने स्कूल की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक जा-जाकर कुछ सामान बेचा करता था। एक दिन सारा दिन घूमने पर भी उसका कोई सामान नहीं बिका। उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी। लेकिन उसके पास खाने के लिए कुछ नहीं था। उसने सोच लिया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा। वहां उससे खाना मांग लेगा।
एक घर के बाहर जाकर उसने दरवाजा खटखटाया। दरवाजा खटखटाते ही एक लड़की ने दरवाजा खोला। जिसे देखकर एक पल के लिये वह घबरा गया। उसी घबराहट के कारण बजाय खाने के पीने के लिए एक गिलास पानी माँग लिया।
लड़की ने उस लड़के के चेहरे को देख कर भांप लिया था कि वह भूखा है। इसलिए वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई। लड़के को कुछ समझ ना आया।
“पी लो, तुम्हारे लिए ही है।“ लड़की के ऐसा कहने पर लड़के ने धीरे-धीरे सारा दूध पी लिया।
“कितने पैसे दूं?” लड़के ने पूछा।
“पैसे किस बात के?” लड़की ने जवाब में कहा,” माँ ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए।”
“तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूँ।” जैसे ही उस लड़के ने वह घर छोड़ा, दूध पीने से उसे न केवल शारीरिक तौर पर शक्ति मिल चुकी थी बल्कि उसका भगवान और आदमी पर भरोसा और भी बढ़ गया था।
इस घटना के बीत जाने के सालों बाद एक दिन वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गयी। लोकल अस्पताल में उसका इलाज संभव ना हो सका तो डॉक्टर ने उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भेज दिया।
हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली(Howard Kelly) को मरीज देखने के लिए बुलाया गया। होवार्ड केल्ली अस्पताल पहुंचे और मरीज की जानकारी हासिल की। जैसे ही उसने लड़की के कस्बे का नाम पढ़ा, उसकी आँखों में चमक आ गयी। वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया।
उसने उस लड़की को देखा, एकदम पहचान लिया और तय कर लिया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन-आसमान एक कर देगा। उसकी मेहनत और लग्न रंग लायी और उस लड़की कि जान बच गयी। जब लड़की एकदम ठीक हो गयी तो डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जा कर उस लड़की के इलाज का बिल लिया। उस बिल के कोने में एक नोट लिखा और उसे उस लड़की के पास भिजवा दिया।
लड़की बिल का लिफाफा देखकर घबरा गयी, उसे मालूम था कि वह बीमारी से तो वह बच गयी है लेकिन बिल कि रकम जरूर उसकी जान ले लेगी। फिर भी उसने धीरे से बिल खोला, रकम को देखा और फिर अचानक उसकी नज़र बिल के कोने में पेन से लिखे नोट पर गयी, जहाँ लिखा था।
“एक गिलास दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है।”
नीचे डॉक्टर Howard Kelly के हस्ताक्षर थे। ख़ुशी और अचम्भे से उस लड़की के आँखों से गालों पर आंसू टपक पड़े उसने ऊपर कि ओर दोनों हाथ उठा कर कहा,
” हे भगवान! आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, आपका प्यार इंसानों के दिलों और हाथों द्वारा न जाने कहाँ-कहाँ फैल चुका है।
                                                * अध्याय तीन *
एक 80 वर्षीय बुजुर्ग के हृदय का ऑपरेशन हुआ ।
बिल आया 8 लाख रुपया, बिल देखने के बाद बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए , यह देखकर डॉक्टर ने कहाँ रोइये मत में इसे कम कर देता हूँ।
बुजुर्ग ने कहा यह बिल तो बहुत कम है, अगर 10 लाख भी होता तो में देने में समर्थ हूँ। आँसू तो इस लिए आये कि जिस प्रभु ने 80 वर्ष तक इस दिल को सम्भाला, उसने कोई बिल नही भेजा आपने केवल तीन घण्टा सम्भाला, 8 लाख रूपये।
वाह प्रभु ...आप कितना ध्यान रखते है हमारा ।

कैसा लगा अवश्य बताइयेगा जी !!

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Saturday, May 27, 2017

टकराव में फंसी दुनिया के लिये आतंकवाद भी मुनाफे का बाजार !!

भारत ने पहली बार पाकिस्तानी पोस्ट को फायर एसाल्ट से उडाने की विडियो जारी कर खुद को अमेरिका और इजरायल की कतार में खड़ा कर दिया । क्योंकि सामान्य तौर पर भारत या पाकिस्तान ही नहीं बल्कि चीन और रुस भी अपनी सेना का कार्रवाई का वीडियो जारी तो नहीं ही करते हैं। तो इसका मतलब है क्या । क्या अब पाकिसातन अपने देश में राष्ट्रवाद जगाने के लिए कोई वीडियो जारी कर देगा । या फिर समूची दुनिया ही जिस टकराव के दौर में जा फंसी है, उसी में भारत भी एक बडा खिलाड़ी खुद को मान रहा है । क्योंकि दुनिया के सच को समझे तो गृह युद्द सरीखे अशांत क्षेत्र के फेहरिस्त में सीरिया ,यमन , अफगानिस्तान ,सोमालिया , लिबिया , इराक , सूडान और दक्षिण सूडान हैं । तो आतंक की गिरप्त में आये देशों की फेरहिस्त में पाकिस्तान , बांग्लादेश , म्यानमार ,टर्की और नाइजेरिया है। 

तो आंतकी हमले की आहट के खौफ तले भारत , फ्रास ,बेल्जियम ,जर्मनी ,ब्रिटेन और स्वीडन हैं । वहीं देशों के टकराव का आलम ये हो चला है कि अलग अलग मुद्दों पर उत्तर कोरिया , दक्षिण कोरिया ,चीन ,रुस ,फिलीपिंस , जापान, मलेशिया ,इंडोनेशिया ,कुर्द और रुस तक अपनी ताकत दिखाने से नहीं चूक रहे। तो क्या दुनिया का सच यही है दुनिया टकराव के दौर में है । या फिर टकराव के पीछे का सच कुछ ऐसा है कि हर कोई आंख मूंदे हुये है क्योकि दुनिया का असल सच तो ये है कि 11 खरब , 29 अरब 62 करोड रुपये का धंधा या हथियार बाजार । जी दुनिया में सबसे बडा धंधा अगर कुछ है तो वह है हथियारों का । और जब दुनिया का नक्शा ही अगर लाल रंग से रंगा है तो मान लीजिये अब बहुत कम जमीन बची है जहा आतंकवाद, गृह युद्द या दोनों देशों का टकराव ना हो रहा हो । और ये तस्वीर ही बताती है कि कमोवेश हर देश को ताकत बरकरार रखने के लिये हथियार चाहिये । तो एक तरफ हथियारों की सलाना खरीद फरोख्त का आंकडा पिछले बरस तक करीब 11 सौ 30 खरब रुपये हो चुका है। 

तो दूसरी तरफ युद्द ना हो इसके लिये बने यूनाइटेड नेशन के पांच वीटो वाले देश अमेरिका, रुस , चीन , फ्रासं और ब्रिटेन ही सबसे ज्यादा हथियारो के बेचते है । आंकडो से समझे तो स्टाकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्त इस्टीटयूट के मुताबिक अमेरिका सबसे ज्यादा 47169 मिलियन डालर तो रुस 33169 मिलियन डालर , चीन 8768 मिलियन डालर , फ्रास 8561 मिलियन डालर और ब्रिट्रेन 6586 मिलियन डालर का हथियार बेचता है । यानी दुनिया में शांति स्तापित करने के लिये बने यूनाइटेड नेशन के पांचो वीटो देश के हथियारो के धंधे को अगर जोड दिया जाये तो एक लाख 4 हजार 270 मिलियन डालर होता है । यानी चौथे नंबर पर आने वाले जर्मनी को छोड़ दिया जाये तो हथियारों को बेचने के लिये पांचो वीटो देशो का दरवाजा ही सबसे बडा खुला हुआ है । आज की तारीख में अमेरिका-रुस और चीन जैसे देशों की नजर में हर वो देश है,जो हथियार खऱीद सकता है। क्योंकि हथियार निर्यात बाजार का सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं तीन देशों के पास है । अमेरिका के पास 33 फीसदी बाजार है तो रुस के पास 23 फीसदी और चीन के पास करीब 7 फीसदी हिस्सा है ।यानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो दो दिन पहले ही रियाद पहुंचे और दनिया में बहस होने लगी कि इस्लामिक देसो के साथ अमेरिकी रुख नरम क्यो है तो उसके पीछे का सच यही है कि अमेरिका ने साउदी अरब के साथ 110 बिलियन डालर का सौदा किया । यानी सवाल ये नहीं है कि अमेरिका इरान को बुराई देशों की फेहरिस्त में रख कर विरोध कर रहा है । सवाल है कि क्या आने वाले वक्त में ईरान के खिलाफ अमेरिकी सेन्य कार्रवाई दिखायी देगी । और जिस तरह दुनिया मैनेचेस्टर पर हमला करने वाले आईएस पर भी बंटा हुआ है उसमें सिवाय हथियारो को बेच मुनापा बनाये रखने के और कौन सी थ्योरी हो सकती है । 

और विकसित देसो के हथियारो के धंधे का असर भारत जैसे विकासशील देसो पर कैसे पडता है ये भारत के हथियारों की खरीद से समझा जा सकता है । फिलहाल , भारत दुनिया का सबसे बडा या कहे पहले नंबर का देश का जो हथियार खरीदता है । आलम ये है कि 2012 से 2016 के बीच पूरी दुनिया में हुए भारी हथियारों के आयात का अकेले 13 फ़ीसदी भारत ने आयात किया. । स्कॉटहोम इंटरनेशनल पीस रीसर्च इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ भारत ने 2007-2016 के दौरान भारत के हथियार आयात में 43 फ़ीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई । और जिस देश में जय जवान-जय किसान का नारा आज भी लोकप्रिय है-उसका सच यह है कि 2002-03 में हमारा रक्षा बजट 65,000 करोड़ रुपये का था जो 2016-17 तक बढ़कर 2.58 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. । जबकि 2005-06 में कृषि को बजट में 6,361 करोड़ रुपये मिले थे जो 2016-17 में ब्याज सब्सिडी घटाने के बाद 20,984 करोड़ रुपये बनते हैं । यानी रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की इजाजत के बावजूद भारत के लिए विदेशों से हथियार खरीदना मजबूरी है। जिसका असर खेती ही नहीं हर दूसरे क्षे6 पर पड रहा है । और जानकारों का कहना है कि भारत हथियार उद्योग में अगले 10 साल में 250 अरब डॉलर का निवेश करने वाला है । यानी ये सवाल छोटा है कि मैनचेस्टर में इस्लामिक स्टेट का आंतकी हमला हो गया । या भारत ने पाकिसातनी सेना की पोस्ट को आंतक को पनाह देने वाला बताया । या फिर सीरिया में आईएस को लेकर अमेरिका और रुस ही आमने सामने है । सवाल है कि टकराव के दौर में फंसी दुनिया के लिये आंतकवाद भी मुनाफे का बाजार है ।- : साभार - श्रीमान पुण्य प्रसन्न वाजपेयी जी !! सधन्यवाद !




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                           आप सबसे अनुरोध है कि आप मुझे अपने अनमोल सुझाव देते रहा करें !
                               सधन्यवाद !
                                                  आपका अपना ,
                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

Tuesday, May 23, 2017

"सेक्स"और विनाशकारी अज्ञानता !- पीताम्बर दत्त शर्मा (स्वतंत्र -टिप्पणीकार)

  समय-समय पर भारत में "सेक्स की अज्ञानता" एक विनाशकारी दुर्घटना का कारण बनती है !भारतीय सभ्यता-संस्कृति ने "कोक-शास्त्र"नामक ग्रन्थ दिया ! दूसरी कथाएं भी यही बतातीं हैं कि माँ पार्वती से लेकर चाहे सीता जी हों या राधा-मीरां जी हों !मध्यकाल की कोई राजकुमारी हों या फिर मुग़ल शासन काल की कोई राजपूतानी ! सभी ने अपने मन चाहे मर्द से पहले प्यार किया ,फिर इज़हार किया और फिर शादी करके सेक्स किया और अपना परिवार भारतीय संस्कृति के अनुसार चलाया !समाज और परिवारों ने इसका विरोध भी किया और परिस्थिति अनुसार समर्थन भी !ऋषियों-मुनियों ने भारतीय परम्पराओं को इस प्रकार से बुना ,जिससे सभी काम भी हो जाएँ और समाज में "अराजकता" भी नहीं फैले !शरीर की इच्छाओं को "मन-दिमाग और दिल"में बाँट दिया !"पाप और पुण्य"का बार्डर बनाया!"रीती-रिवाज़ों"की गूंद बनाकर मनुष्य के साथ ऐसे चिपका दिया ,जो समय बीतने के साथ और ज्यादा मजबूत होता गया !खुले सेक्स को गन्दा बताया गया !कोई दुर्घटना हो भी जाये तो उसे जनहित में छिपाना भी बेहतर इलाज समझा गया !मिलीजुली क्रियाओं-प्रतिक्रियाओं"के साथ सभी भारतीय रह रहे थे !
                       लेकिन तभी यहां मुगल और अँगरेज़ आये जिनकी सभ्यतानुसार महिलाएं केवल एक सेक्स मशीन थीं !कोई भी किसी भी महिला या बच्ची-बूढी को अपनी हवस का शिकार बना लेता था ! चाहे उस बेचारी महिला की "इच्छा"हो या ना हो !ये लोग "शौंकिया - सेक्स"करने के आदि थे ! मुगलों और अंग्रेज़ों के नजदीक रहने वाले उनके "झंडा-बरदार"दरबारी लोग अपने "मालिकों"की सेवा में नयी-नयी औरतों को बहला-फुसला कर ले जाते और पेश करते रहे !नाच के नाम पर या फिर मुजरे के नाम पर वैश्यालय खुलने लग गए !धनि लोगों और उनके चमचों का ये शुगल बन गया ! और सेक्स बदनाम और गंदा हो गया ! माताएं अपनी बच्चियों को इस से दूर रहने का कहने लगीं !नए नए रिवाज़ और कहावतें गढ़ी गयीं  !
                              लेकिन "दलाल और चमचे"लोग "तू डाल-डाल ,तो मैं पात-पात"वाली कहावत अनुसार नित नए तरीके निकालने लगे !इन लोगों ने अंग्रेज़ों के जाने के बाद "काले-अंग्रेज़ों"की "सेवा"करनी शुरू कर दी !ऐसे कार्यों में महिलाएं भी प्रमुखता से रोल निभातीं थीं !जैसे वैश्यालयों की "महारानी"बनना आदि आदि ! भारत के हर बड़े शहरों में सेक्स के बाजार खुल गए ,जो आज भी हैं !छोटे शहरों में लुकाछिपी से ये काम हो रहा है !ऐसे लोगों ने "आधुनिकता के नाम पे महिलाओं को मुर्ख बनाना शुरू किया !पहले कहते कि औरत को "बेड़ियों"में बाँध रख्खा है !फिर अन्धविश्वास का ढोल बजाकर गाँव के विद्वानों को मूर्ख बताया गया !उसे घर से बाहर निकाल कर पैसे के जाल से फांसा गया दफ्तरों के मैनेजरों बाबुओं द्वारा ! फिर अन्याय का ढिंढोरा पिता जाने लगा !यानी जो लोग महिलाओं की इज्जत लुटवाने का षड्यंत्र रचते हैं उन्हीं के गैंग के आदमी महिलाओं के अधिकारों हेतु झूठा लड़ते भी हैं !हद्द है !
                     और भारतीय समाज ना तो भारतीय रहा और नाही वो अँगरेज़ बन पाया ! आज हालात ये हैं कि ज्यादा तर महिलाएं सेक्स करने के लिए अपने पति को भी जल्दी से इजाजत नहीं देतीं ! सो बहाने बनातीं हैं !आधुनिक होने के बावजूद वो आज भी नहीं समझ पायी कि सेक्स वैसा ही है जैसे "देसी गहि लगा आलू का परांठा"!!जो पेट भरने के बाद भी स्वाद लगता है !हर दुसरे दिन खाने को जी करता है !और खाते रहने में कोई हर्ज़ भी नहीं है !जब भी जी चाहे जिस किसी के भी साथ मन चाहे सेक्स करने को तो कर लेना चाहिए !
               लेकिन - लेकिन - लेकिन !!!!! अगर कोई एक पक्ष अगर "ना" कर दे तो !!!--------फिर चाहे किसी पक्ष का कितना भी मन कर रहा हो ! कितना भी सुहाना मौसम हो !कितनी भी अच्छी-अनुकूल परिस्थितियां हों !!!!उसे दूर हट जाना चाहिए !! जबरदस्ती करने वाले को "फांसी" ही लगनी चाहिए !ऐसा मेरा मानना है ! और मैं चाहता हूँ कि मेरे पाठक मित्र इस विषय पर खुलकर अपने विचार रख्खें ! समाज में चर्चाएं चलाएं !इंटरनेट माध्यमों का भरपूर प्रयोग करके इस गंभीर विषय पर बहस करके कोई निष्कर्ष निकला जाना चाहिए !जैसे 3 तलाक पर निकलने की संभावना बनी हैं ! 



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                         मैं बड़े ही गर्व के साथ कह सकता हूँ की मेरे ब्लॉग को माननीय प्रधानमंत्री श्री मान नरेंद्र मोदी जी और माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष भाजपा श्री मान अमित शाह जी भी पढ़ते हैं !उन्होंने मुझे ट्वीट भी किये हैं ! कई बड़े लेखक और लेखिकाएं,कवी-कवित्रियाँ और स्वतंत्र टिप्पणीकार आदि भी जुड़े हैं जिससे मैं अपने आपको गौरवान्वित समझता हूँ !आशा करता हूँ की आप सबका मुझे और ज्यादा साथ मिलेगा ! फिर मैं बारी बारी से आप सबके शहरों में आकर मिलूंगा !आपसे और ज्यादा सीखूंगा !
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                               सधन्यवाद !
                                                  आपका अपना ,
                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

Saturday, May 20, 2017

इंसाफ पर ना-पाक मुहर क्यों ?? - मुकरने वाले को दो करारा जवाब !


क्या भारत को वाकई कुलभूषण जाधव मामले में काउंसलर एक्सेस मिल जायेगा। ये सबसे बड़ा सवाल है क्योंकि पाकिस्तान के भीतर का सच यही है कि कुलभूषण जाघव को राजनयिक मदद अगर पाकिस्तान देने देगा तो पाकिस्तान के भीतर की पोल पट्टी दुनिया के सामने आ जायेगी । और पाकिस्तान के भीतर का सच आतंक, सेना और आईएसआई से कैसे जुड़ा हुआ है इसके लिये चंद घटानाओं को याद कर लीजिये। अमेरिकी ट्विन टावर यानी 2001 में 9/11 का हमला। और पाकिस्तान ने किसी अमेरिकी एजेंसी को अपने देश में घुसने नहीं दिया । जबकि आखिर में लादेन पाकिस्तान के एबटाबाद में मिला । इसी तरह अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या आतंकवादियों ने 2002 में की । लेकिन डेनियल के अपहरण के बाद से लगातार पाकिस्तान ने कभी अमेरिकी एजेंसी को पाकिस्तान आने नहीं दिया। फिर याद कीजिये मुबंई हमला । 26/11 के हमले के बाद तो बारत ने पांच डोजियर पाकिस्तान को सौंपे। सबूतों की पूरी सूची ही पाकिस्तान को थमा दी लेकिन लश्कर-ए-तोएबा को पाकिस्तान ने आंतकी संगठन नहीं माना । हाफिज सईद को आतंकवादी नहीं माना । भारत की किसी एजेंसी को जांच के लिये पाकिस्तान की जमीन पर घुसने नहीं दिया । फिर सरबजीत को लेकर एकतरफा जांच की । पाकिस्तान के ही मानवाधिकार संगठन ने सरबजीत को लेकर पाकिस्तानी सेना की संदेहास्पद भूमिका पर अंगुली उठायी तो भी किसी भारतीय एजेंसी को पाकिस्तान में पूछताछ की इजाजत नहीं दी गई । और जेल में ही सरबजीत पर कैदियों का हमला कर हत्या कर दी। 

और दो बरस पहले पठानकोट हमले में तो पाकिस्तान की जांच टीम बाकायदा ये कहकर भारत आई कि वह भी भारतीय टीम को पाकिस्तान आने की इजाजत देगी । लेकिन दो बरस बीत गये और आजतक पाकिस्तान ने पठानकोट हमले की जांच के लिये भारतीय टीम को इजाजत नही दी । यानी अगला सवाल कोई भी पूछ सकता है कि क्या वाकई पाकिस्तान जाधव के लिये भारतीय अधिकारियों को मिलने की इजाजत देगा । यकीनन ये अंसभव सा है । क्योंकि पाकिस्तान के भीतर का सच यही है कि सत्ता तीन केन्द्रों में बंटी हुई है । जिसमें सेना और आईएसआई के सामने सबसे कमजोर चुनी हुई सरकार है. और तीनों को अपने अपने मकसद के लिये आतंकवादी या कट्टरपंछी संगठनो की जरुरत है। और सत्ता के इसी चेक एंड बैलेस में फंसे पाकिस्तान के भीतर कोई भी विदेशी अधिकारी अगर जांच के लिये जायेगा या पिर जाधव से मिलने ही कोई राजनयिक चला गया। तो पाकिस्तान का कौन सा सच दुनिया के सामने आ जायेगा। 

लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस के फैसले को अगर पाकिस्तान नहीं मान रहा है तो मान लीजिये इसके पीछे बडी वजह पाकिस्तान के पीछे चीन खड़ा है,जो भारत के लिये अगर ये सबसे मुश्किल सबब है , तो पाकिस्तान के लिये सबसे बडी ताकत है । क्योंकि इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस के फैसले को जिस तरह पाकिस्तान ने बिना देर किये खारिज किया उसने नया सवाल तो ये खडा कर ही दिया है कि क्या आईएसजे के फैसले को ना मान कर पाकिस्तान यून में जाना चाहता है । यून में चीन के वीटो का साथ पाकिस्तान को मिल जायेगा ।जैसे जैश के मुखिया मसूद अजहर पर वीटो पर चीन ने बचाया । जाहिर है चीन के लिये पाकिस्तान मौजूदा वक्त में स्ट्रेटजिक पार्टनर के तौर पर सबसे जरुरी है और भारत चीन के लिये चुनौती है । और ध्यान दें तो कश्मीर में आंतकवाद से लेकर इकनामिक कॉरीडोर तक में जो भूमिका चीन पाकिस्तान के साथ खडा होकर निभा रहा है उसमें जाधव मामले में भ चीन पाकिस्तान के साथ खडा होगा इंकार इससे भी नहीं किया जा सकता । लेकिन जाधव मामले में पाकिस्तान का साथ देना चीन को भी कटघरे में खड़ा सकता है । क्योंकि मौजूदा वक्त में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के 15 जजो की कतार में चीन के भी जज जियू हनक्वीन भी है । और आज फैसला सुनाते हुये दो बार रोनी अब्राहम ने सर्वसम्मति से दिये जा रहे फैसले का जिक्र किया । तो एक तरफ चीन के जज अगर फैसले के साथ है तो फिर मामला चाहे यूएन में चला जाये वहा चीन कैसे पाकिस्तान के लिये वीटो कर सकता है । लेकिन ये तभी संभव है जब चीन भी जाधव मामले पर आईएसजे के फैसेल को सिर्फ कानूनी फैसला माने । लेकिन सच उल्टा है . कोर्ट का फैसला भारत पाकिस्तान के संबंधो के मद्देनजर सिर्फ कानून तक सीमित नहीं है और चीन का पाकिस्तान के साथ खडे होना या भारत के खिलाफ जाना कानूनी समझ भर नहीं है । बल्कि राजनीयिक और राजनीति से आगे न्यू वर्ल्ड आर्डर को ही चीन जिस तरह अपने हक में खडा करना चाह रहा है उसमें भारत के लिये सवाल पाकिस्तान नहीं बल्कि चीन है । जिससे टकराये बगैर पाकिस्तान के ताले की चाबी भी नहीं खुलेगी ये भी सच है । 

क्योंकि इससे पहले कभी इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस के पैसले को लेकर पाकिस्तान का रुख इस तरह नहीं रहा । क्योकि ये चौथी बार है, जब भारत और पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में आमने-सामने हैं। और 1945 में बने इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस के इतिहास में ये पहला मौका है जब किसी देश के खिलाफ इतना कडा पैसला दिया गया हो । और याद किजिये तो 18 बरस पहले पाकिस्तान ने इसी इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का दरवाजा ये कहकर खटखटा था कि भारत ने जानबूझ कर पाकिस्तान के टोही विमान को मार गिराया । जबकि सच यही था कि सोलह सैनिकों को ले जा रहा पाकिस्तान का विमान जासूसी के इरादे से भारत के कच्छ में घुस आया था । और तब कोर्ट की 15 जजो की पीठ ने 21 जून 2000 को पाकिस्तानं के आरोपों को बहुमत से खारिज कर दिया था । और आज पाकिस्तान की दलील जाधव को जासूस बताने की खारिज हुई ।तो पाकिस्तान को दोनो बार मात मिली है। और पन्नों को पलटें तो 1971 के युद्द के बाद पूर्वी पाकिस्तान को भारत ने जब बांग्लादेश नाम का देश ही खडा कर दिया । और 90 हजार पाकिस्तानी सैनिको को बंदी बनाया । युद्द के बाद 1973 में पाकिस्तान भारत के खिलाफ आसीजे पहुंचा। पाकिस्तान ने आरोप लगाया कि भारत 195 प्रिजनर्स ऑफ वॉर्स को बांग्लादेश शिफ्ट कर रहा है, जबकि उन्हें भारत में गिरफ्तार किया गया है। ये गैरकानूनी है। भारत ने इस मामले लड़ाई लड़ी लेकिन जब तक कुछ फैसला हो पाता दोनों देशों ने 1973 में न्यू दिल्ली एग्रीमेंट साइन कर लिया। और उससे पहले 1971 में भारत ने अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के अधिकार क्षेत्र के खिलाफ एक मामला दायर किया था। पाकिस्तान ने इस संगठन में भारत की शिकायत की थी। इसमें संगठन ने पाकिस्तान का साथ दिया था इसीलिए इस संगठन के खिलाफ भारत ने अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का रुख किया। लेकिन-आसीजे से भारत को निराशा हाथ लगी क्योंकि 18 अगस्त 1972 को फैसला पाकिस्तान के पक्ष में गया था। उस वक्त पाकिस्तान के राष्ट्रपति जुल्फिकार अली भुट्टो ने इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस की खूब वाहवाही की थी । और आज पाकिस्तान उसी इंटरनेशनल कोर्ट आफ जस्टिस के फैसले को गलत बता रहा है । तो सवाल अब कुलभूषण जाधव पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट के फैसले का नहीं बल्कि इंसाफ पर पाकिस्तान के नापाक मुहर का है ।






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                               सधन्यवाद !
                                                  आपका अपना ,
                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

Tuesday, May 16, 2017

"मत टूटने दो मासूम फूलों को,पढ़ जायेंगे,जल्दी क्यों"? - पीताम्बर दत्त शर्मा(स्वतंत्र-टिप्पणीकार)

हाय !! कितना दुखद ये समाचार आया है !दिल बैठा -बैठा सा जा रहा है मेरा ये समाचार सुनकर ही ,लेकिन जिस माता-पिता,भाई-बहन,दादा-दादी,भैया-भाभी,चाचा-चाची,मामा-मामी,बुआ-फूफा और नाना-नानी के सामने दसवीं-बारहवीं के छात्र-छात्रा की लाश पड़ी होगी उन का क्या हाल होगा ?अडोसी-पड़ोसियों के आंसू भी नहीं थम पा रहे होंगे !कल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी ने अपने"भांजे-भांजियों"के लिए एक सन्देश भी प्रसारित करवाया था कि "बच्चो ! घबराना मत!अबकी बार अगर सफल नहीं हो पाए तो कोई बात नहीं ! फिर मेहनत करना !अगली बार पास हो जाएंगे अच्छे नंबर लेकर !जीवन एक धारा है ! इसे बहता रहना चाहिए रुकने नहीं देना है हमको इस धारा को" !!
                      लेकिन हाय !! हमारे मध्य-प्रदेश के कई शहरों में 12 नन्हें बच्चों ने घबरा कर ऐसे निर्णय ले लिए जिस से  ना केवल परिवारों बल्कि उनके विद्यालयों और पूरे देश में कोहराम मच गया !रो-रो कर सबका बुरा हाल है सबका !एक "सन्नाटा सा फ़ैल गया है जैसे जीवन में ! कौन,कौन किस-किस को कैसे ढाढस बँधाये ?शब्द ही नहीं मिल रहे !आंसू ही नहीं रुक पा रहे !क्या किया जाए ?क्यों गिरी ये बिजली ? कौन दोषी हैं इस पाप के ?क्या वो स्कूल वाले ?या फिर वही माँ-बाप,जिन्होंने ज्यादा नंबर पाने की चाह में ,आसानी से अपना बुढ़ापा गुज़र जाए,आराम से उनका बच्चा अफसर बनकर अपना जीवन-यापन करे ,इस चाह में उस पर दबाव डाला ?कौन दोषी है ?
                           अफ़सोस ! किसी भारतीय अदालत में तो कोई केस नहीं चलेगा ,लेकिन भगवान् की अदालत में ही इसका निर्णय होगा ! जो दोषी होगा उसे फिर सज़ा मिलेगी ?या फिर ये दुःख सहना ही उनके किसी पिछले जन्म के कुकर्म की सज़ा है ?जो वो भुगत रहे हैं !आज मैं बड़े ही भावुक मन से ये लेख लिख पा रहा हूँ !इस लिए सभी मृत बालकों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए ,परिवार के सदस्यों को ये दुःख सहन करने की परमात्मा शक्ति प्रदान करे !ऐसी कामना करता हूँ ! 
                         


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                               सधन्यवाद !
                                                  आपका अपना ,
                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

Tuesday, May 9, 2017

" हमारी प्यारी सरोज जोशी" !! - पीताम्बर दत्त शर्मा

"चुलबुली,नटखट,बिन्दास और महान कवयित्री ,व्यंगकार और लेखिका" ! हमारी प्यारी सरोज जोशी !!जी की पेश हैं अनमोल रचनाएँ !
पांडव भी वही कर रहें थे,,,
जो कौरव कर रहे थे,,,,
*युद्ध*
बेचारी निर्दोष जनता अपने अपने राजाओं को बचाने के लिए मर कट रही थी ।
वही आज हो रहा है । मुद्दों से अलग स्वार्थ की राजनीति ,,,
आरोप पत्यारोपों की राजनीति खेली जा रही है ।
कोई भी राजा हमारे बारे में न सोच रहा हो पर अपने राजा की जीत पर ताली पीट रहे हैं हम ।
 वाह रे ------राजाओं,,,,
और वाह री -------प्रजा,,,,
सभी धन्य हैं हम ।

<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<

अजी ,
कोई एक पत्रकार का नाम बताओ जो आपकी नजरों में सच्चा हो ।
बेचारे सच भी बोले ,,,शातिर उनपर झूठ का मुलाजमा चढ़ाकर सच को भी झूठ बता देते हैं ।

अपने अपने आकाओं की नजरों में चढ़ने के लिए ।।।
भले ही वो इन्हें घास ही न डालता हो ।🤣🤣🤣🤣🤣
,"अंधेर नगरी,,,, चौपट राजा "।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
भला हो
सूरज ,चाँद ,सितारे
हमसे दूर है
वरना *अम्बानी*और *रामदेव*
इनकी भी पुड़िया बनाकर बेच देतें 
<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
जिसने भी *प्रभो* को देखा है-----
वो मेरा एक काम करेगा ??????
मैंने उनके नाम चिट्ठी लिखी है ,, उन तक पहुंचा दो ।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
इंसान प्यार करने के लिए होता है ,
और
पैसा उपयोग करने के लिए ,,,
पर सब उल्टा पुलटा हो रहा है ।
इंसान का उपयोग हो रहा है
पैसे से प्यार हो रहा है ।
वाह रे ईश्वर तेरी माया,,,,
किसान के हिस्से घूप,
बिचौलियों के हिस्से माया ।
<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
अभी तो मैं ही नही समझ पाई खुद को ------
कि मैं क्या हूँ ।
और तुम *लोगा* यूँ ही हमें समझने में समय बर्बाद कर रिये हो ।
टेड़ी खीर हूँ भाईयों , बहनों
इतना समझ लो ।🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
हर वक्त ज्ञान भरी पोस्ट हो ,,,,जरूरी तो नही ?
आज बस हँसने का मूड है ।
भले ही *लाफ्टर डे* नही है आज ।
युवा पीढ़ी को हँसने के लिए बहानों की जरूरत होती है ।
हम तो बेवजह भी हँस लेते हैं ।🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣
ऐसे-- ,
सरोज जोशी
<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<

पत्तो सी होती है *स्त्रियां*
सूखने पर दरख्त भी
हाथ खींच लेता है
झाड़ लेता है पल्ला
अपनी जिम्मेदारियों का,
छोड़ देता है
बिखरने के लिए
बड़ी ही निर्दयता से
जानता है वो
उनकी जगह
नइ पत्तियाँ
ले लेगी
वो कभी
सूना नही
रहेगा।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>
ये साला
हमारे शरीर मे आत्मा का वास है !!
किसकी खोज है ये ????
इसका झांसा दे ,,साधुओं की दुकानें चल पड़ी ।🤣🤣
सरोज जोशी ! सधन्यवाद !


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                               सधन्यवाद !
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                                                   पीताम्बर दत्त शर्मा,
                                                     सूरतगढ़ !

Monday, May 8, 2017

"जिस दिल में बसा था प्यार तेरा......."!!केजरीवाल जी !!- पीताम्बर दत्त शर्मा (स्वतंत्र टिप्पणीकार)

सन 2012 में रामलीला मैदान में जिस केजरीवाल को देखने सुनने जनता प्यार से उमड़ पड़ती थी,वही जनता उसे अपने दिल से ना केवल निकाल चुकी है,बल्कि उनके श्री मुख से बचाव के दो बोल भी सुन्ना नहीं चाहते हैं ! टीवी चेनेल वाले उनके पुराने भक्त बड़ी कोशिशें करते साफ़ नज़र आ रहे हैं लेकिन केजरीवाल बड़े घाघ नेता हैं !माफ़ करना जी नेता नहीं घाघ व्यापारी हैं वो भी बेईमान वाले मक्कार !इसीलिए वो कुछ बोल नहीं रहे हैं !अपने चमचों को आगे करके सही समय का इंतज़ार कर रहे हैं ! वो बोलेंगे अवश्य !ऐसा हो ही नहीं सकता कि "केजरीवाल !और बोलेन नहीं ! अजी वो  तो बिना बात के घंटों बोल सकते हैं !वैसे ये खूबी "आप "पार्टी के सभी नेताओं में है , किसी में काम और किसी में थोड़ी ज्यादा !
                         अफसर रह चुके हैं केजरीवाल जी इसीलिए "बीच"में से अपना कमीशन कैसे निकालना है,ये वो और उनके अन्य नेता भली भांति जानते हैं !तरह-तरह के बिल ज्यादा बनवाना,वकील की फीस की रसीद ज्यादा बनवाना और चंदे को कैसे एडजस्ट करना है यही तो भारत के सभी अफसर अच्छी तरह से जानते हैं !इसीलिए अफसरों के घरों से इतना धन निकलता है कि नेता भी शर्मा जाएँ जी !अब रही बात कपिल मिश्रा के आरोपों की ! तो पाठक मित्रो ! आप सब जानते हैं कि चोरों,जुआरियों और ठगों में जब बंटवारे में बेईमानी कोई चोर करता है ,तभी झगड़ा होता है !और ये झगड़ा, इससे पहले वाले सभी झगडे तभी हुए हैं जब किसी को उसका निर्धारित हिस्सा नहीं मिला !केजरीवाल के इर्दगिर्द रहने वाले 5 आदमी ही जब सारे कमीशन को खाना चाहें तो बाकि के "पार्टी संस्थापक"तो शोर मचाएंगे ही !
                         आरोप लगे हैं तो जांच भी होगी,केस भी चलेगा और साझा भी होगी !क्योंकि देश में अब मोदी राज है !upa  का नहीं !जनता के दिलों से ये निकाल फेंके गए हैं !सत्ता में चाहे ये दो साल और बने रहें !


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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...