Monday, January 30, 2017

"मिलिए - श्री बल्ला राम भाट "से !!पुराणी संस्कृति के पुरोधा !- पीताम्बर दत्त शर्मा (स्वतन्त्र टिप्पणीकार)

भारत के पाकिस्तान बॉर्डर के पास सूरतगढ़ शहर में रहने वाले श्री बल्ला राम भाट नामक शख्स रहते हैं ! आइये आज हम आपका परिचय इनसे करवाते हैं !आज तलक आपने कई तरह के मशहूर शख्सियतों के बारे में जाना होगा ,आप कइयों से मिले भी होंगे , लेकिन इनके बारे में हम जो कुछ आज आपको बताएँगे वो आपने शायद ना देखा हो और ना ही सुना होगा !


साधारण जीवन ,पुराणी संस्कृति के अनुसार ज़ेवर पहनना , मेहनत करके खाना और सदा सुखी रहना इनके स्वभाव में हैं !74 वर्षीय बल्ला राम श्री बोहरा राम की सन्तान हैं ,जो घुम्नतरु जातियों में से एक बंजारा भाट जाति से सम्बन्धित हैं !सड़क निर्माण में पहले मजदूरी का काम करते थे ,फिर उन मजदूरों के "जमादार"बन गए और आजकल ये ठेकेदार हैं इनके 3 बहने ओऱ 5 भाई हैं !5 लड़के और 3 लड़कियां हैं !इनके पुराने गाँव "कापेरो",मेड़ता जैसलमेर हैं !इनकी जाति के 200 परिवार यहां आस-पास रहते हैं !जिनके लड़ाई-झगडे ये ही निपटाते हैं !ये आज के चुने हुए नेता नहीं बल्कि पुरानी परंपरा के सरपंच हैं !इनकी जाति के लोग इन्हें बड़ी इज्जत देते हैं !ये तलवारबाज़ी और लठ्ठ-बाज़ी के माहिर हैं !इनकी पत्नी श्रीमती नाथी देवी हैं जो एक ग्रहणी होने के साथ साथ कोमल हृदय वाली महिला हैं ! इन्होंने अपने घर के पास सैंकड़ो ऐसे लोगों को अपनी जगह देकर बसाया है जिनके पास एक मुश्त पैसा नहीं होता था !उनसे किस्तों में धन लिया जैसे सुलभ हो पाता था !
                            इन्होंने जो सबसे बड़ा काम किया है वो ये कि इनकी जाति में लोग पहले अपनी बेटियों को पैसे लेकर बेच दिया करते थे !लेकिन इनके प्रयासों से 300 परिवारों ने ऐसी कुप्रथा को त्यागने की कसम खायी !इसीलिए हमने आपके समक्ष इनका ये संक्षिप्त परिचय दिया है !आपके अनमोल कॉमेंट्स आमंत्रित हैं ! 

5th पिल्लर करप्शन किल्लर" "लेखक-विश्लेषक पीताम्बर दत्त शर्मा " वो ब्लॉग जिसे आप रोजाना पढना,शेयर करना और कोमेंट करना चाहेंगे ! link -www.pitamberduttsharma.blogspot.com मोबाईल न. + 9414657511

No comments:

Post a Comment

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...