Monday, February 1, 2016

"क्या छात्रसंघ,राजनितिक दल और सामाजिक संगठनों में देशद्रोही नहीं हो सकते"? - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक) मो. न. - 9414657511

   माननीय अन्ना हज़ारे जी ने अपने "जन-लोकपाल"आंदोलन में कहा था कि "भारत के संविधान में राजनितिक दलों का कोई स्थान नहीं है ,"वैसे ही संविधान में "उग्र प्रदर्शनों"का भी कोई स्थान नहीं है !लेकिन 1947 के बाद कॉमरेडों-कांग्रेसियों ने आपसी रज़ामंदी से ऐसा "जुगाड़"बना लिया कि दोनों दल एक दुसरे के हितों की पूर्ती हेतु कामरेड धरने-प्रदर्शन  लगे और कोंग्रेसी उनकी जायज़-नाजायज़ मांगें मानने लगे !अपने स्वार्थों की पूर्ती हेतु हर स्तर पर छद्म संगठन भी बना लिए ! 
                    चाहे वो nsui.हो या fitta,aisa.abvp.हो या sfi. सब प्रदर्शनों में तोड़फोड़ करते हैं ! यहां तलक कि राजनितिक दल चाहे कोई भी हो अपने धरनो-प्रदर्शनों में देश की सम्पत्ति को नुक्सान पंहुचाते रहते हैं और बाद में मुकर भी जाते हैं !विदेशी पैसा भी इसमें जब लगता है, तो क्या गारंटी है कि इस प्रकार के प्रदर्शनों में विदेशी "हित"नहीं साधे जाते होंगे ?? मेरी तो देश की सुरक्षा एजेंसियों से गुज़ारिश है कि वो सभी राजनितिक दलों के धरने-प्रदर्शनों पर अपनी पैनी नज़र रख्खा ही करें ! सरकार को भी सभी राजनितिक धरने-प्रदर्शनों हेतु ऐसे सख्त क़ानून बना देने चाहियें ताकि देश का नुक्सान ना हो !!
                    आम जनता से भी मेरी ये अपील है कि किसी भी धरने-प्रदर्शन में शामिल होने से पहले उसके उद्देश्यों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी प्राप्त करलें !ताकि आप गलती से "देश-द्रोही"कार्यवाही में शामिल ना हो जाएँ ! चाहे वो प्रदर्शन आरक्षण या जाती-धर्म से ही सम्बंधित क्यों ना हो ! समय बहुत बुरा चल रहा है जी ! "बचाव में ही बचाव है " जी !! 
                     पैसे लेकर कोई  कुछ भी बोल-कह और सुन !  जय-हिन्द !   " आकर्षक - समाचार ,लुभावने समाचार " आप भी पढ़िए और मित्रों को भी पढ़ाइये .....!!!


मेरा मोबाईल नंबर ये है :- 09414657511. 01509-222768. धन्यवाद !!
आपका प्रिय मित्र ,
पीताम्बर दत्त शर्मा,
हेल्प-लाईन-बिग-बाज़ार,
R.C.P. रोड, सूरतगढ़ !
जिला-श्री गंगानगर।



Posted by PD SHARMA, 09414657511 (EX. . VICE PRESIDENT OF B. J. P. CHUNAV VISHLESHAN and SANKHYKI PRKOSHTH (RAJASTHAN )SOCIAL WORKER,Distt. Organiser of PUNJABI WELFARE




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