Friday, August 14, 2015

नेहरू खानदान के 3 "चिरागों"को सत्ता सौंपने और जापान के हितों हेतु हुआ था भारत का बंटवारा एवं मिली थी "आजादी"!!- पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

अपुष्ट सूचनाएं बताती हैं कि राहुल गांन्धी की दादी माँ श्रीमती इंदिरा गांधी जी के पिता श्री जवाहर लाल नेहरू , उम्र उब्दुल्लाह के दादा जनाब शेख अब्दुल्लाह और पाकिस्तान के कायदेआज़म मुहम्मद अली जिन्नाह साहेब तीन भाई थे ! ये सब अंग्रेज़ों के बहुत ज़्यादा "करीब" थे ! वो इनकी "कहा" मानते थे और ये उनका ! यही नहीं साहेब ये उनके घर "आते-जाते" थे और वो सब इनके घर "आते-जाते" थे !बताया तो ये भी जाता है कि जवाहर लाल जी के परदादा एक मुसलमान थे और उन्होंने ही श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी की आखरी जासूसी की थी जिसकी वजह से उनका कत्ल हुआ था ! जिसके बाद इन्हें इलाहाबाद वाला घर तथा ढेर सारा धन देकर और कश्मीरी ब्राह्मण बनाकर बसाया गया !
                                उधर जापान अपने व्यापार को बढ़ाने हेतु भारत व अफगानिस्तान के अंदर से रास्ता बनाना चाहता था !जिसके लिए उसने नेता जी सुभाष चन्द्र बॉस की आजाद हिन्द फौज को सहारा दिया !उन्होंने भी अंग्रेजों को ये देश छोड़ने पर मजबूर किया ! लाला लजपत राय , भगत सिंह,सरोजनी नायडू और ऊधम सिंह जैसे वीरों ने भी उनकी नाक में दम करके रख दिया था !
                            महात्मा गांधी भी एक अमीर वकील थे ! वो साऊथ-अफ्रीका से रंग-भेद के चलते दुत्कार कर निकाल दिए गए थे !जिसका बदला उन्होंने भारत में आकर नेहरू-परिवार से मिलकर अंग्रेजों को भारत से "बड़े प्रेम" से भेजा !इसी प्रेम के कारण ही नेहरू-गांधी की जोड़ी ने पाकिस्तान  बनवाया, जिन्ना को खूब सारा धन भी दिलवाया और वहां का प्रधानमंत्री भी बनवाया !
                           नेहरू जी के दुसरे भाई जनाब शेख-अब्दुल्लाह को जानबूझ कर काश्मीर का मसला बीच में छुड़वाकर वहां का राज सौंपा !अपुष्ट सूचनाएँ तो ये भी बताती हैं की इंदिरा जी नेहरू जी की सगी बेटी नहीं थी , उन्हें मजबूरी में इंदिरा जी को सत्ता में लाना पड़ा !आजादी मिलने से पहले हिन्दुओं को चला गया और आजादी मिलने के बाद भी नेहरू परिवार ने हिन्दुओं को छला ! ये अमीर थे और वामपंथी गरीब लेकिन पढ़े-लिखे थे ,इन्होने ही कॉमरेडों से भारत का इतिहास लिखवाया , देश के तंत्र को अपने अनुकूल बनवाया !बदले में कोंग्रेसियों ने कॉमरेडों को पैसे मिलने वाले स्थानों पर बिठा दिया !इस तरह 50 साल तक इनकी "खिचड़ी"पकती" रही ! शोर मचाते रहे "सेकुलर-कोम्युनल" का !
                        जैसे-जैसे दुसरे नेताओं को इनके भेद पता चले वैसे-वैसे वो क्षेत्रीय पार्टियां बनाकर इनसे अपना "हिस्सा" लेने लगे ! अब हाल ये हो गया है कि सभी दलों के बड़े राजनेता एक दुसरे के भेदों को जानते हैं और उसी के बलपर समय-समय पर एक दुसरे को ब्लैकमेल करते रहते हैं ! आम जनता को कुछ और कारण बताते हैं ! 
                          आजकल फिर एक "जनता-परिवार"बन रहा है ! मीटिंग हो रही हैं , हिस्से फिक्स किये जा रहे हैं ! बिहार में 125 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को महज़ 40 सीटें दी हैं मुलायम-लालू और नीतीश कुमार जी ने !आज कांग्रेस इतने में ही खुश है ! उधर भाजपा में 100 - 150 ऐसे लोग हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है की वो मोदी जी के नेतृत्व में देश को आगे लेकर जाएंगे और आजादी का सही फायदा भारत की आम जनता को पंहुचाएँगे !आप सबको आजादी मुबारक !
           

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 आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!

आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड 

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1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (15-08-2015) को "राष्ट्रभक्ति - देशभक्ति का दिन है पन्द्रह अगस्त" (चर्चा अंक-2068) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    स्वतन्त्रतादिवस की पूर्वसंध्या पर
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...