Sunday, July 5, 2015

सभी नेता आजकल "स्वराज"ही तो कर रहे हैं जी !! यानिकि स्वयं का राज ???-पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)-मो. न. - 9414657511

कोई गांधी जी का स्वराज चाहता है तो कोई आजकल राम-राज्य चाहता है !हर नेता के हर काम में इन दो सूत्रों का सहारा लेकर रोज़ाना आरोप-प्रत्यरोप लगाये जा रहे हैं ! क्या टीवी एंकर क्या प्रिंट मीडिया का पत्रकार रोज़ ऐसी कहानियाँ गढ़ता है कि आम-जन बस सोचता ही रह जाता है कि यार ये स्वराज और राम-राज्य आखिर है किस चिड़िया का नाम !किसने देखा है इन्हें ? किसने स्वाद चखा है इस स्वराज और राम-राज्य नामक झूठी मिठाई का ??कोई हमें क्यों ऐसे सपने दिखा रहा है जो पूरे ही नहीं हो सकते ???
                        पूरी रामायण हमने पढ़ ली जी ! ना तो महाराजा दशरथ सुखी थे , ना राम और ना हमारी सीता माता ! और तो और इसके अन्य पात्र भी जीवन भर किसी न किसी दुःख से दुखी ही रहे !सुग्रीव की पत्नी बाली के पास ,स्वरूपणखा शादी ना होने के कारण दुखी तो रावण एंड पार्टी सीता जी को ना अपना पाने के कारण से दुखी था ! तो हमें राम-राज्य क्यों चाहिए ?? महाराज बलि के राज में क्या कमी थी ??ऐसे और भी उदाहरण मिल जायेंगे ! बस किसी ने झूठे समाचारों में छाप-बोल दिया कि राम-राज्य अच्छा होता है तो हम चल दिए राम-राज्य पाने को !
                      दूसरा शब्द प्रचलित है " स्वराज" का ! इसकी भी बड़ी खूबियां समझदारों द्वारा बताई जाती हैं ! लेकिन वास्तविक जीवन में इसका भी कोई उदाहरण नहीं है की स्वराज बढ़िया होता है !गांधी जी ने तो स्वराज नाम की माला केवल इसलिए जपी थी क्योंकि उस समय देश पर अंग्रेज़ शासन कर रहे थे ! आज तो देश स्वतंत्र है तो फिर क्यों इसकी माला जपि जा रही है ?? आप पार्टी ने इसको बोल-बोल कर दिल्ली जीत ली , और जब वो स्वयं के रिश्तेदारों या स्वयं के मित्रों को लाखों रुपये के मासिक वेतन पर फिट करने लगे तो फिर शोर मचाया जाने लगा कि देखो जी ये गलत होरहा है !
                       बिहार में लालू जी ने राबड़ी जी को मुख्यमंत्री बनाकर स्वराज लाया था तो नितीश ने मांझी को लाकर स्वराज का  झंडा फहराया था ! हमारी कांग्रेस तो स्वराज की साक्षात मूर्ति है जी , उसने तो आजतक स्वयं के परिवार में ही राज करने की पावर रखकर देश का नाम पूरे विश्व में ऊँचा किया है जी ?? बोलो गांधी परिवार की जय !! 
                          हम तो हैं ही ऐसे जी स्वयं के भाई-बहन,माता-पिता ,दोस्त-पडोसी पर विश्वास नहीं करते बल्कि बड़ी कम्पनियों, सुन्दर मॉडलों और आकर्षक अभिनय करने वाले नेताओं पर विश्वास करके अपने घर से लेकर देश तक की चाबी उसके हाथ में सौंप देते हैं जी !हम स्वयं तो कुछ करना नहीं चाहते क्योंकि आलस्य हमारे ऊपर चढ़ा रहता है जीवन भर , तो हमारा राम नाम सत्य तो होना ही है जी ???
                           हम इतिहास की झूठी सच्ची कहानियों का आसरा लेकर और अपने शातिर दिमाग से नए-नए तर्क निकालकर अपना काम दूसरों पर डाल देते हैं और जब वो अपनी मनमर्ज़ी करता है तो हम पछताते हैं ! मित्रो  कहना है इस विषय पर अवश्य बताइयेगा  पर पधारकर - सधन्यवाद !
  
                 मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !

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