Monday, July 13, 2015

अपनी अपनी डफली और अपना अपना राग है देश-जनता जाये भाड़ में !! - पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)- मो. न. - 9414657511

अन्ना जी कहते थे की संविधान में राजनितिक दलों का कोई स्थान नहीं हैं और अलगअलग विचारधारा वाले दलों का गठबंधन तो ऐसे है जैसे भारतीय गणतंत्र के साथ कोई " गैंग-रेप "कर रहा हो ! जो जीत जाएँ वो अपना नेता चुने और फिर देश या प्रदेश चलायें !
                 उधर केजरीवाल जी और उनके शिष्य फर्मा रहे हैं कि हम तो जनमत करवाएंगे हर काम करने से पहले ! इस पर भाजपा और कांग्रेस दोनों मिलकर" वैन "करने लगे कि ऐसा भी संविधान में लिखा नहीं है ! कोई इनसे पूछने वाला हो कि तुम जो वोट लेने हेतु कभी बिजली मुफ्त तो कभी चावल मुफ्त बांटते फिरते हो , वो क्या संविधान में लिखा है ??कोटे और सब्सिडियाँ बांटना क्या संविधान में लिखा है ?? और ये आरक्षण के नाम पे , धर्म-निरपेक्षता के नाम पे जो नंगा-नाच हो रहा है वो क्या किसी संविधान में लिखा है ??
                              हर पांच महीने बाद चुनाव करवाना क्या संविधान में लिखा था ! बेचारे युवाओं को तरह-तरह के टेस्टों में उलझना क्या संविधान में लिखा है ?? देश के अमीरों को व्यापार में राहतें देना क्या संविधान में लिखा था ! लेकिन आपने मिलजुल कर संविधान में ऐसे संशोधन कर लिए जिनसे सारी बागडोर इन दगाबाज नेताओं के हाथों में ही आ गयी ! 
                       अब तो ये हाल हो गया है कि इस देश का कोई भी राजा बने उसने इस देश की जनता को ही काटना है ! हमें ही हानि होनी है जी !!कांग्रेस ने देश को धन से खोखला कर दिया है तो वामपंथियों और उनके " कुकरमुत्तों " ने भारत को उसकी संस्कृति से ही विमुख कर दिया है !बाकियों ने तो ऐसी दुकानें खोल रख्खीं हैं की ये उस दूकान में कुछ भी बेचने को तैयार हो जाएंगे !
                          तो फिर क्या  किया जाए ??? ये बड़ा प्रश्न है देश की जनता के सामने ! क्या एकबार फिर से भारत में आपातकाल लगे और देश का ओवर-हाल किया या करवाया जाए ??आज सबसे ज्यादा विश्वसनीय नेता कोई भारत में है तो वो मोदी जी हैं !जनता का विश्वास इनपर कायम है ! लेकिन हम देख रहे हैं कि जैसा और जिस स्पीड से वो देश हित के कार्य करना या करवाना चाहते हैं ,कर नहीं पा रहे हैं ! कई तरह की अंदरुनी और बाहरी शक्तियां इसमें बाधक हो रही हैं ! तो क्या मोदी जी को ही एक बार फिर देश में आपातकाल लगाना पडेगा ?? 
                         मैं कहता हूँ क्या दिक्कत है हमें ?? हम अपना ऑपरेशन करवाने हेतु डॉक्टर को भी  शरीर सौंप देते हैं ? तो अगर देश को एक ऑपरेशन की आवश्यकता है तो क्यों नहीं इलाज हेतु एक वर्ष हेतु आपातकाल लगाकर सभी सिस्टम को दुरुस्त कर लिया जाए ! रोज़ रोज़ के झटके खाने से तो बेहतर ही होगा ?? क्यों देश वासियो !! आपका क्या कहना है इस बारे में !? आइये ओ हमारे ब्लॉग पर आकर अपने अनमोल विचारों को लिखिए ! आपकी बड़ी कृपा होगी जी ! आपको अगर ये विषय पसंद आया हो तो इसे  मित्रों में अवश्य शेयर कीजियेगा !धन्यवाद !

 आपको बरसात के सुहाने मौसम की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाइयां ! मित्रो !!"5TH PILLAR CORRUPTION KILLER",नामक ब्लॉग रोज़ाना अवश्य पढ़ें,जिसका लिंक -www.pitamberduttsharma.blogspot.com. है !इसे अपने मित्रों संग शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी हमें अवश्य लिख कर भेजें !इसकी सामग्री आपको फेसबुक,गूगल+,पेज और कई ग्रुप्स में भी मिल जाएगी !इसे आप एक समाचार पत्र की तरह से ही पढ़ें !हमारी इ-मेल ईद ये है - pitamberdutt.sharma@gmail.com. f.b.id.-www.facebook.com/pitamberduttsharma.7 . आप का जीवन खुशियों से भरा रहे !इस ख़ुशी के अवसर पर आपको हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं !!
आपका अपना - पीताम्बर दत्त शर्मा -(लेखक-विश्लेषक), मोबाईल नंबर - 9414657511 , सूरतगढ़,पिनकोड -335804 ,जिला श्री गंगानगर , राजस्थान ,भारत !



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