Tuesday, August 20, 2013

येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्रो-महाबलः l तेन त्वाम रक्ष-बध्नामि, रक्षे माचल माचल: ll आप सभी मित्रों को रक्षा बंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनाए ll

" रक्षा करने वाले ", देश के नेताओ !!! आप हमारी उसी तरह से रक्षा कीजिये जिस प्रकार राजा बलि ने अपनी प्रजा की करी थी !! बहुत बड़ा दानी भी था !! उसने अपना वचन निभाने हेतु अपना समस्त राज्य ,उसका आकाश और स्वयं का शरीर तक भगवान वामन के सामने अर्पित कर दिया था !! तब भगवान ने प्रसन्न होकर उसे ये आशीर्वाद ( वर )दिया की जब तलक ये सृष्टी रहेगी तब तलक तुम्हारा नाम रहेगा !!

                       लेकिन हमारे नेता हमारी रक्षा करने के बजाये हमारा (बैंड-बजाने ) पर तुले हुए हैं !! ये देश की जनता और देश के खजानों को निचोड़ कर खा-पी गये हैं !! बेशर्मी की हद हो गयी है !! घमंड सर चढ़ कर बोलने लगा है !! आम आदमी भी सोचने लगा है कि काश !!! मेरे हाथ में कोई ऐसी ताकत आ जाए तो मैं इन कमीनों को और इनके समर्थकों को ऐसी सज़ा दूं कि इनकी सात पीढियां तलक याद रख्खें !!!

                        हे भगवान !! कंहा हो तुम ???? जिस प्रकार मगर के मुंह में फंसे गजराज को बचाने हेतु तुरन्त आप गरुड़ पे सवार होकर आगये थे और अपने सुदर्शन का प्रयोग कर उस मगर का संघार कर दिया था !! उस गजराज ने तो केवल एक बार " हरि " उच्चारण किया था और आप उसका " ह " सुन कर ही चल पड़े थे और " रि " की आवाज़ आपने उस ताल के किनारे पर आकर सुनी थी , यानी इतने कम समय में आपने उस गजराज की प्रार्थना को सुनकर उसे " कष्ट " से " मुक्ति " दिलादी थी !! तो भगवन !! आप हमारी क्यों नहीं सुन रहे .........!!  क्या हम कलयुगी प्राणी हैं इसलिए इतनी देर कर रहे हो ?????

                      हे प्रभु !! आपने तो दुवापर  में भी कहा था कि " जब जब धर्म की हानि होगी तो मैं कोई रूप धर कर धर्म की स्थापना करने हेतु अवश्य आऊंगा कलयुग में !! क्या अभी और पाप हमें देखना होगा ??
क्या और दुःख इस प्रजा को सहने होंगे ???? क्यों इतनी देर लगा रहे हो आप ??? आज " गुरु,दोस्त,मंत्री,और मत-पिता डर कर बैठे हुए हैं सच्ची राय नहीं दे पा रहे हैं !! सैनिक देश की सीमाओं की रक्षा नहीं कर पा रहे हैं !! बच्चियां , बेटियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं !! समाजसेवी मारे जा रहे हैं !! न्यायालय के आदेश बदले जा रहे हैं !! धर्म-कर्म करवाने वाले " पाखंडी " हो गये हैं !! पुत्र - कुपुत्र हो गये हैं !! पत्रकार - - - - दलाल बन गये हैं !! शिक्षक रिश्वत खोर बन गये हैं !!क्या अभी भी कोई कसार बाकी है ??
नहीं प्रभु नहीं , अब और देर मत कीजिये हमारी रक्षा करने तुरंत किसी को भेजिए ..........!! इसी आशा के साथ मैं आपको अपनी राखी बाँध रहा हूँ !!
          कृपया आशीर्वाद दें की मेरा देश ही नहीं , बल्कि पूरा विश्व शान्ति से और सुख से रहे इसी आशा के साथ प्रभु जी सादर चरण स्पर्श। !!
              प्रिय बन्धुओ और प्यारी बांध्वियो !!
                                 सादर -  सप्रेम नमस्कार !!
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