Saturday, June 30, 2012

" आज 45. नक्सली मारे गए , मैं खुश हौऊं या रौऊँ "....?????

" प्रिय मित्रो , नमस्कार !! आज समाचार कि छतीसगढ़ के राजनांनन्द जिले से 40.किलोमीटर दूर डोंगरगढ़ तहसील में पुलिस और नक्सलियों में एक जबर्दस्त मुठभेड़ हुई जिसमे 45. नक्सली मारे गए और 20. भागने में सफल रहे !! जाते - जाते वो अपना सामान वन्ही छोड़ गए जिसमे आधुनिक तकनीक वाला प्रिंटर लैपटॉप टेंट बोर्ड और बोतलें आदि थीं , यानी वंहा पर वो अपनी सभा कर रहे थे और आगामी योजनायें बना रहे थे !!
                               इससे पहले इन नक्सलियों ने और पुलिस ने ना जाने कितनी बार ऐसे ही नर संघार किया है !! ये एक बदले की भावना से भरी कोई कड़ी सी लगता है जैसे कभी भी ख़तम नहीं होगी !! इससे पहले 1983 से 1999 तक ऐसा ही पंजाब में चला , पूर्वी भारत में भी ऐसे ही देशवासी मरते रहे और काश्मीर में तो आज तक चल ही रहा है !! स्थान बदल जाते हैं , मरने वाले और मारने वाले के नाम बदल जाते हैं इसके साथ - साथ मारने वालों के उद्देश्य भी बदल जाते हैं , नहीं बदलता तो वो ये की चाहे जान का नुक्सान हो या माल का वो सिर्फ और सिर्फ " भारत " का ही हो रहा है 1945 से लेकर आज तक !! मरने वालों की संख्या लाखों में है और धन का तो कोई हिसाब भी किसी के पास नहीं है !!
                            ना जाने किस - किस नेता ने इस देश पर राज करलिया ,और न जाने कौन - कौन से नाम की पार्टियां बनी , लेकिन इस समस्या की तरफ किसी भी नेता और राजनितिक दल ने गंभीरता से नहीं देखा और सोचा , क्रियान्यवन तो बड़ी दूर की बात है !! बस , जब आग लगती है तभी कुआं खोदने के प्रयास करती सरकार अपने आपको दिखाती है !! चाँद दिनों बाद फिर ऐसी ही घटना फिर हो जाती है और फिर सरकार का मुखिया कहता है की " हम देख रहे हैं और हम देखेंगे " .....!!किसी भी समस्या को कभी भी जड़ से समाप्त करने और देश को जोड़ने की बात कभी की ही नहीं गयी !! क्यों ?? 
                          एक आम आदमी जो साधारण पढ़ा - लिखा है वो साड़ी समस्याओं का हल निकालने की क्षमता रखता है , वो कहता भी है की अगर कोई मुझे चंद  महीनो खातिर सभी अधिकारों वाली " कुर्सी " ( वो कौन से पद वाली कुर्सी है ये वो भी नहीं जानता )दे - दे तो मैं सब कुछ ठीक करदूं और सबको सुधार दूं !! मैं यंहा मानने को तैयार हूँ की ये उस नादाँ का भोला पण होगा ! लेकिन कई विद्वान लोग भी ऐसा कहते हैं !! तो फिर हमारे देश के नेता सारी  समस्याए  नहीं तो आधी भी समस्याएं हल क्यों नहीं कर पाए ????????
                                     क्या किसी समस्या को लम्बे समय तक लटकाना , उसका हल हो सकता है ????दुश्मन अगर अपनी सोच और रण - निति को बदल कर बड़ी और खर्चीली लड़ाई को छोड़ आतंक वादियों की कम खर्चे वाली लड़ाई लड़ सकता है तो हम सिर्फ अपने आपको बचाने ये बड़े देशों की आड़ में क्यों छिपाए बैठे हैं ???? हमारी व्यापार - निति , हमारी विदेश निति सब दूसरों पर क्यों निर्भर है ??हम अपने लिए अपना निर्णय क्यों नहीं कर पाते हैं ??? क्या हमारे नेता बता पायेंगे ??? क्या हमारे युवा ये प्रश्न पूछ पायेंगे ????
                                 तो मित्रो आप अपने अनमोल विचार हमारे ब्लॉग और ग्रुप में जाकर अवश्य टाईप करें , और इनमे छपे लेखों को अपने फेस - बुक मित्रों संग शेयर भी करें !! आप चाहे तो हमारे ब्लॉग को ज्वाइन भी कर सकते हैं !! जिसका नाम है " फिफ्थ पिल्लर करप्शन किल्लर " जिसे खोलने हेतु लिंक ये है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                                   मित्रो अगर आप किसी भी विषय पर पढना चाहते हैं तो हमें बताइए हम उसी विषय पर अपने लेख लिखेंगे !! 
          जोर से मेरे साथ कहिये ... बोले सो निहाल , सत  श्री अकाल !!  आपका अपना मित्र , 
                               पीताम्बर दत्त शर्मा , +919414657511. 

Thursday, June 28, 2012

" ई लोग कार्यकर्त्ता हैं , तो का हम नेता हैं ,ससुर का नाती " ???

" सभी कार्यकर्ता मित्रों को मेरा सादर प्रणाम !! कल संसदीय कार्य मंत्री श्री मान पवन जी बंसल साहिब फ़रमा रहे थे कि प्रणब डा जैसा छोटा सा कार्यकर्त्ता भारत का राष्ट्रपति बन रहा है , ये सिर्फ कोंग्रेस में ही संभव है !! इस से पहले श्री मान नितिन जी गडकरी साहिब जोर से भाषण देते हुए कह रहे थे की ये कोई सुषमा जेटली और अटल जी की पार्टी नहीं है ये " मुझ " जैसे साधारण कार्यकर्त्ता की पार्टी है जो नीचे से चल कर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद तक आ सकता है !! उस से भी पहले श्री मति वसुंधरा जी जब जयपुर में एक मीटिंग से रूठ कर बाहर निकलीं थीं तो उन्हों ने भी अपनी और इशारा करते हुए कहा था की " कार्यकर्ताओं " का अपमान हम बिल कुल नहीं सहेंगे !!
                                  दोस्तों ऐसे बयां सभी दलों के नेता देते रहते हैं जब भी उनको अपना " उल्लू सीधा करना होता है " !! लेकिन क्या किसी भी पार्टी के किसी भी नेता को अपने कार्यकर्ता की कभी भी कोई चिंता रही है ????? मुझे तो नहीं लगता की हमारे नेता सचमुच में इतने संवेदन शील हैं ??? 40 साल से मैं भी राजनीती में हूँ लगभग सभी राजनितिक दलों को बेहद करीब से देखा है लेकिन कंही भी किसी नेता को एकांत मैं कार्यकर्त्ता की चिंता करते कभी भी न देखा ना सुना !! आपने कभी देखा या सुना हो तो मुझे अवश्य बताये !! 
                                 मेरा अनुभव तो यही कहता है की जब म्हणत का कोई काम होता है तब तो कार्यकर्त्ता की मालिश की जाती है और जब शासन करने का समय आता है तो सिर्फ अपने चहेते या चमचे ही उन्हें याद रहते हैं !! जिनके काम उसी नेता की मिटटी पालित कर देते हैं ???हम लोग तो इन्हें अपना नेता मान कर चलते हैं , लेकिन जब यही किसी के सामने गिडगिडाते नज़र आते हैं तो हमें एक तरह की ग्लानी का आभास होता है की जब हमारे इतने समर्थन के बावजूद ये कुछ नहीं बन सके तो हम क्यों इन " लल्लुओं - पंज्जुओं " के पीछे - पीछे घुमते रहते हैं ??? इनका अपना कोई भी सिध्धांत नहीं और न ही कोई नियम हमारे ऊपर " अनुशासन की तलवार लटकाए रहते हैं की ऐसा मत बोलो ऐसा मत करो आदि - आदि !! क्यों ...??? 
                             आप क्या सोचते हैं मित्रो ???
आप के साथ कभी कोई ऐसा अनुभव हुआ है की आपका किसी पार्टी के पद पर बैठने का हक बनता हो और अचानक कोई दूसरा मनोनीत कर दिया गया हो !! या ऐसे ही कोई और अनुभव आपकी जिंदगी में हुए हों तो अवश्य हमारे साथ बाँटें !! ताकि और पाठकों को भी पता चल सके की किस प्रकार से कार्यकर्ताओं के साथ कैसा कैसा अन्याय हो रहा है !! हम क्या इन घिसे पिटे नेताओप्न के कोई बंधुआ मजदूर या अंधी भेड़ें हैं जो आँखें मूँद कर इनके पीछे चले ???? इनका खुद का कोई पता नहीं होता की ये किस संय अपना रंग बदल कर किस दल के किस नेता के साथ कौन से लालच की वजह से मिल जाए लेकिन हमसे ये आश रखते हैं की हम रात दिन इनके नाम की ही भक्ति करें , गुण गान करें क्यों ?????
                                तो भाइयो इस बार सब सचेत हो जाओ !! छोड़ो अपनी जाती , धर्म , इलाके और पार्टियों का चक्कर , और ढूंढो कोई नया शरीफ ,  इमानदार , पढालिखा और अनुभवी नेता , उसे अपना भरोसा दिलाकर आने वाले विधान सभा और संसदीय चुनावों में खडा करें और उसे ही जी जान लगाकर जिताए , ताकि एक नयी सुबह आ सके इस भारत में !! और हमारी आने वाली पीढियां हमें आलसी, चोर , और निक्कमा ना कह सके ! 
                                आइये हम सब प्राण करते हैं की हम रोज़ अपने आपकी जनता को जगायेंगे और इक नया भारत का निर्माण करेंगे !! आप भी रोजाना हमारे इस ब्लॉग और ग्रुप में प्रकाशित होने वाले लेखों को पढ़ें , फेसबुक मित्रों को शेयर करें और अपने अनमोल विचार भी इन पर जाकर लिखें !! हमारे ब्लॉग और ग्रुप का नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " और इसे खोलने हेतु लोगआन करें रोजाना " www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                      पूरे जोर से मेरे साथ बोलिए जी !! 
 धर्म की ----------------- जय हो !
अधर्म का ------------------नाश हो !! 
प्राणियों में ------------------सद्भावना हो !!!
विश्व का ----------------------कल्याण हो !!!!


हर -------हर ------हर -------महादेव .....!!!!!!!!!!   

Tuesday, June 26, 2012

" माननीय सांसदों ! राष्ट्रपति चुनने में स्वविवेक से काम लोगे या .. भेड़े बनोगे "????

" स्वविवेकी मित्रों को मेरा आदर सहित प्यार , कृपया स्वीकार करें !!
                               जब भी हम अपना सांसद चुनते हैं तो यही सोचकर ज्यादातर लोग अपना वोट देते हैं की यह सज्जन हमारी आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा और अपनी बुध्धि और विवेक से लोक सभा में जनहित के प्रस्ताव आने पर निर्णय करेगा !!! लेकिन देखने में भी और वास्तव में भी लगभग सारे सांसद अपनी पार्टी के अनुशासन के नाम पर या अपने दल के नेता की बुध्धि को अपनी बुध्धि से बड़ा मान कर ( सीधी भाषा में कंहूँ तो चमचागिरी के कारन ) सारे महत्वपूर्ण फैसले उसी पर छोड़ देते हैं .. 
क्यों ??? 
                     अब जैसे हमारे राष्ट्र - पति का चुनाव नजदीक आ गया है , सभी राजनितिक दलों ने अपने सांसदों और विधायकों से कोई राय नहीं की बल्कि सबने अपने अधिकार अपने नेताओं को ही सौंप दिए क्यों ??? क्या ये जनता के साथ धोखा नहीं ???हाँ पार्टी के अन्दर का कोई निर्णय करना हो और उसमे सांसद - विधायक निर्णय का फैसला अपने नेता को  सौंपें तो कोई बात समझ में आती है लेकिन जो मुद्दा सीधे - सीधे जनता से जुदा हुआ हो भला उसे जनता कैसे स्वीकार करले की हमारे सांसदों का ये निर्णय सही है की राष्ट्र पति किसे बनाना है प्रत्याशी का चुनाव भी उस दल विशेष का नेता ही करे और फिर भेड़ों की तरह आँखें बंद करके सब उसे अपना वोट भी देदें क्यों ......????????
                                     ऐसा व्यवहार किसी राजनितिक दल का नहीं बल्कि डाकुओं के दल का होता है !! मुझे डाकुओं की पुरानी फिल्मों की कहानियाँ याद आ रही हैं की कोई छोटा - मोटा चोर किसी गाँव में चोरी करते समय कोई कतल भी करके वंहा से भाग कर शहर में आ जाता है और फिर बड़ा डाकू - स्मगलर और सेठ बनजाता है किसी नेता की मदद से जिसकी लड़की से वो बाद में अपने लड़के की शादी करके उस नेता की सारी जायदाद हडपना चाहता है लेकिन उसी गाँव का लड़का उसी शर में आकर उसी नेता की लड़की से प्यार भी करता है फिर उसी नेता की किसी फेक्ट्री में नौकरी भी करता है अंत में डाकू मरजाता है और नेता जी अपने जँवाई - राजा के साथ मज़े से रहता है !! लेकिन आजकल तो वो डाकू ही नेता बनगए हैं इसी लिए " पान सिंह तोमर " नामक फिल्म में डाकू को डाकू नहीं बल्कि बागी कहा गया और डाकू शब्द का प्रयोग हमारे देश के  सन्मानित नेताओं हेतु प्रयोग किया गया ...!!! लेकिन अफ़सोस हमारे नेता चाहते हुए कुछ भी नहीं बोल पाए !! 
                       इस देश की जनता में से बहुत से लोगों ने तो हद ही करदी जब संसद पर आतंक वादियों ने हमला किया था तो वो बोले की काहे को देश के सिपाहियों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर इन आधुनिक डाकुओं को बचाया ??? ये कुछ मरते तो कोई दुसरे का नबर आता ??? 
                          आप ही बताइए मित्रो ...की अब मैं क्या करून ?? और आपका क्या विचार है इस बारे में क्यों की मेरी लेखनी तो यंहा आकर एकबार रुक सी गयी है अब हमारे नेताओं को तो " इज्ज़त " भी जबरदस्ती मांगनी पड़ रही है ???
                              आप अपने विचार विस्तार से मेरे ब्लॉग और ग्रुप में लिखा करें जिसे आप बहुत प्यार से पढ़ते हैं  , जिसका नाम है " 5थ पिल्लर कोराप्शन किल्लर " जिसे पढने हेतु आप रोजाना लोग आन कर सकते हैं :-www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                            आप चाहें तो आप इस ब्लॉग के लेखों को अपने फेस - बुक मित्रों संग बाँट भी सकते हैं ! आपके विचारों को हम अपनी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में अवश्य प्रकाशित भी करेंगे !!
                          सधन्यवाद !!
                     जय श्री राम !! 
                                             आपका मित्र 
                                     पीताम्बर दत्त शर्मा 
                              मो . न . +919414657511


नोट :- जोमित्र मेरे बारे में और अधिक जानना चाहते है वो मेरी प्रोफाइल पढ़ें !!       

Sunday, June 24, 2012

" सीखो भारतीय नेताओं !! सोनिया जी से कुछ सीखो " !! ???

" सीखने - सिखाते रहने " वाले मित्रो और देवियों , मास्टर जी वाला बहुत सारा प्यार और नमस्कार स्वीकार कीजिये !! 
                             ये मास्टर जी का प्यार भी बहुत गज़ब का प्यार होता है जी , मुझे ये तो नहीं पता की आपके जीवन में कब - कब , कितना - कितना और किस - किस मास्टर जी ने कैसे - कैसे प्यार प्रकट किया है ??? उससे आपको आनंद मिला हो या दुःख , लेकिन मेरा दावा है की आपको वो प्यार याद अवश्य होगा ??? इसलिए मैं ही अपना तुज़ुरबा बताता हूँ !! मेरे पिता श्री भी अध्यापक रहे हैं , पूरे शहर के अध्यापक - अध्यापिकाएं उनका सन्मान करते थे और हैं , बचपन में वो मुझे जिस - जिस विद्यालय में दाखिल करने जाते वन्ही वो उन मास्टर जी को ये अवश्य कहते की गुरु जी इसका थोडा "ध्यान " रखना जी , सामने वाले गुरु जी कहते की अवश्य ये मेरे ही बच्चों जैसा है इसका तो मैं विशेष ध्यान रखूँगा आप निश्चिन्त हो जाइए !! लेकिन दुसरे ही दिन से मेरा ऐसा ध्यान रख्खा जाता की बस पूछो मत !! सबसे पहले मुझे ही सारे प्रश्नों के उत्तर देने हेतु कहा जाता , सबसे पहले मुझे ही होम वर्क दिखने हेतु कहा जाता !! ओरों को तो हर गलती की मामूली सी दांत या सजा मिलती लेकिन मेरी तो हर बात पर " विशेष पिटाई " होती वो भी विशेष हथियारों से !!मुझे याद है की जब मैं आठवीं कक्षा में पढता था तो मुझे भरी करंट लगा था , जो भी पता करने आये यही बोले की इसका तो दूसरा जनम हुआ है , लड़का मरते - मरते बचा है !! तो मैंने अपनी माता श्री से पूछ ही लिया की माता जी ज़रा मुझे बताइये की अगर मैं मर जाता तो क्या होता , माता डपट कर बोली की बेटा ऐसा नहीं बोलते मारें तेरे दुश्मन !! मैंने फिर पूछा की माता चलो ये तो बताओ की अगर मैं दोबारा जनम लेता तो क्या मुझे दोबारा से पढना पड़ता ??? माँ  बोली हाँ बेटा आदमी को तो साड़ी उम्र कुछ न कुछ सीखना ही होता है !! बल्कि बड़े बुज़ुर्ग तो यंहा तलक कह गए हैं की अगर कोई ज्ञान की बात दुश्मन से भी मिले तो उस से भी हाथ जोड़ कर ज्ञान प्राप्त करना चाहिए !! फिर वो मुझे रोज़ महाभारत की कोई न कोई इस विषय से सम्बंधित रात को सोते समय कहानी सुनाती !! कभी एकलव्य की तो कभी अर्जुन की , कभी कर्ण की तो कभी अभिमन्यु की उन्होंने कैसे और किससे शिक्षा प्राप्त की !! 
                          इसीलिए आज मैं भारत के सभी राजनितिक दलों के नेताओं से ये सादर अपील करना चाहता हूँ की निसंदेह आप सब में बहुत साड़ी खूबियाँ हैं तभी आप देवताओं जैसी जिंदगी व्यतीत कर रहे हो , लेकिन आप श्री मति सोनिया गाँधी के काम करने के तरीके से काफी पीछे हो !!जब से वो राजीव जी से शादी करके भारत में आई हैं तभी से उन्होंने हम जैसे विरोधी लोगों का प्रत्यक्ष - अप्रत्यक्ष रूप से विरोध सहा है ....लेकिन कभी बोली कुछ नहीं हैं ...!!
और जब से वो राजनीती में आयीं हैं तबसे उनके काम करने का एक विशेष तरीका है !! उनकी पार्टी के नेता ही नहीं लेकिन दुसरे सारे दलों के नेता उनके काम के आगे फीके पद जाते हैं !! क्यों ...?????क्या किसी ने सोचा ???
                                     मैं एक छोटा सा उद्धरण देता हूँ आपको उत्तर प्रदेश के चुनावों के बाद उन्होंने दुसरे नेताओं के साथ साथ अपने सुपुत्र राहुल गाँधी को चुप रहने को कहा है और जिस अनुशासन से वो सरे नेता इतनी देर तलक चुप बैठे हैं और बैठे रहेंगे ..वो अपने आप में एक मिसाल है ! जिसे हम अनदेखा नहीं कर सकते !! हमारे नेताओं को तो बस बोलने का मौका मिलना चाहिए , चाहे उन्हें हार मिली हो या जीत , ना उन्हें कोई शर्म महसूस होती है  
बस बोलते चले जाते हैं ....बोलते चले जाते हैं क्यों .?
                    क्यों दोस्तों आपका क्या कहना है इस बारे मैं ....जल्दी से हमारे ब्लॉग को ज्वाईन कीजिये आज ही लोग ओं करके अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत अवश्य कर्वैयेगा , जिसका नाम है :- " 5थ पिल्लर करप्शन किल्लर " लिंक है :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 


                 तो बोलिए जय श्री राम !! आपका अपना दोस्त !! पीताम्बर दत्त शर्मा , मोबाईल नंबर -- +919414657511.   

Friday, June 22, 2012

" ससुरा भी कभी जँवाई था , बकरा भी कभी कसाई था " !!!!????

" रिश्तों की इज्ज़त करने वाले मित्रो ", लाड भरा नमस्कार स्वीकारें !!
                                वैसे तो भारत में बहुत सारी ऐसी चीजें हैं जिनसे विश्व आश्चर्य चकित हो कर दांतों तले उंगलियाँ दबा ले जैसे भारतियों का खान - पान , पहनावा , बोल - चाल आदि आदि । लेकिन मैं आपको भारत के एक प्यारे से रिश्ते के बारे में आज बताना चाहता हूँ ! हालाँकि " मुन्नी - एकता कपूर " जी ने मेरे इस रिश्ते की बराबरी वाले रिश्ते पर एक लम्बा सारा नाटक भी बना डाला और उसने भी भारत में एक नया रिकार्ड कायम कर दिया , प्यार से मैं उसे भी आशीर्वचन देता हूँ !!  तो चलिए और ज्यादा आपको इंतजार नहीं करवाता हूँ आपको बता ही देता हूँ , वो रिश्ता है " ससुर व्  जंवाई का और बकरे एवं  कसाई का " !! 
                                      जी हाँ इन दोनों रिश्तों के बारे में जितना कहा और लिखा जाये वो कम ही होगा क्योंकि जब भी ये दोनों एक दुसरे के सामने होते हैं , तभी एक नया वाकया घट जाता है जो की ऐतिहासिक ही होता है !!?? यही एक रिश्ता है जो हर दिन अपनी नयी उचाईयां स्थापित करता है !! क्योंकि ये रोज़ गिरता भी है बिलकुल अपने शेयर - मार्किट की तरह !! इसका भी ग्राफ चाहे नीचे जाए या ऊपर पर इसका क्रेज़ हमेशां कायम रहता है !! दूसरा रिश्ता है , बकरे और कसाई का ये रिश्ता भी सात जन्मों तक अपना हिसाब किताब बारी बारी से बराबर करता है इसी लिए कोई भी बकरा काटने से पहले ज्यादा शोर नहीं करता बस उसी समय जो दर्द होता है उसे ही रोकर बयान करता है !!
                            आप कहेंगे की आज क्या लेकर बैठ गए पीताम्बर जी !! तो मित्रो मैं बिना मतलब के कोई बात नहीं करता हूँ , आज जो भाजपा में माननीय अडवानी जी की हालत है उसे देख करही मुझे उपरोक्त उदहारण याद आ रहे हैं !! और कोई नहीं भाजपा के ही पुराने महामंत्री श्री श्री गोविंदा चार्य जी ने जो सच ब्यान किया है वो माननीय अडवानी जी पर तो लागू होता ही है , लेकिन मज़ा तो इस बात का है की वो मुझे अपने पर भी लागू होता दिखाई दे रहा है ??? 
                              अयोध्या के प्राचीन राम मंदिर के विध्वंस से पहले अडवानी जी को बड़ा ही महत्त्व दिया जाता था !!घटिया भाषा में कान्हें तो एक जंवाई जैसा ??? लेकिन आज देखो तो ..........??? आप सब जानते हो मुझे कुछ ज्यादा लिखने की आवश्यकता नहीं है !!तीस - चालीस साल तक उनका पार्टी ने खूब जूस निकाल कर पिया , अब जब कुछ कार्यकर्त्ता उनके ज्यूस से मोटे - ताज़ा और बलवान बन गए हैं तो अब उनकी किसी को आवश्यकता ही नहीं ??? जिस प्रकार से ज्यूस वाली मशीन के साथ निकले हुए ज्यूस वाला गुद्दा लटक रहा होता है वैसे ही माननीय अडवानी जी और मुझ जैसे कई कार्यकर्त्ता लटक रहे हैं !! मैं भी जब तक पार्टी के आदर्शों को देख कर उसके स्थानीय नेताओं को पार्षद , डायरेक्टर , विधायक , सांसद या मंडल अध्यक्ष या जिलाध्यक्ष बनाता रहा उनका समर्थन करके तो मैं सबको भाता था लेकिन जैसे ही उनके कर्मों को देख कर  मुझ जैसे कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध शुरू किया तो वो सब ऐसे इकठ्ठे हो गए जैसे अन्ना जी के विरुद्ध अपनी भारत सरकार ???
                          लग - भग ऐसा ही हाल सब जगह है !! सच हमेशां कड़वा होता है इसी लिए ज्यादातर लोगों को अच्छा नहीं लगता लेकिन फिर भी मुझ जैसे लोग सत्य के बल पर कुछ भी ताकत नहीं होने के बावजूद उन " बाहुबलियों " से भिड जाते हैं नतीजे की परवाह किये बिना !!आपका क्या विचार है ???
                  आज ही लिखिए हमारे ब्लॉग पर जिसका नाम है " 5थ पिल्लर करप्शन किल्लर " इसे खोलने हेतु रोजाना लाग आन करें और उसपर अपने विचार भी लिखें  -: www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
            आज ही ज्वाईन कीजिये !! 
आपका अपना मित्र , पीताम्बर दत्त शर्मा 


जय श्री राम .....! 
                                    

Thursday, June 21, 2012

" राजनितिक थाली के बेन्गुन " लुढकने को बैचेन..???

" बेन्गुनों की पहचान रखने वाले प्रिय मित्रो ", " भरते और तंदूरी रोटी - रोटी सहित मीठी लस्सी " वाला नमस्कार कबूल फरमाएं !! 
                अब इसमें बेचारे बेन्गुनों का क्या कसूर जो उन पर किसी विद्वान ने कहावत बना दी , गोल तो बहुत सारी  चीजें होती है मसलन कोलकते का रस - गुल्ला , वो तो कब मुंह से पेट के अन्दर चला जाता है की पता ही नहीं चलता । बिलकुल अपने प्रणब दा की तरह ?? चार दिन पहले तक तो कह रहे थे की मैं राष्ट्रपति बनना ही नहीं चाहता , मेरा नाम मत उछालो प्लीज वगेरह वगेरह ??? और अब जोर शोर से दोस्तों और दुश्मनों से समर्थन भी मांग रहे हैं !!? क्योंकि रसगुल्ला पेट में जाने के बाद वापिस नहीं आ सकता बेन्गुन घूम कर वापिस वंही आ सकता है इस लिए कहावत में बेन्गुन लिखा गया है !!
                         जब भी देश में चुनाव होने का समय नज़दीक आता है तब - तब ऐसी प्रकृति के लोग देखना - जांचना और परखना शुरू कर देते हैं की आने वाला कल कौन से दल के पक्ष में जाने वाला है ...बस उसी और जाने को मन ललचाने लगता है !! अगर सामने वाला दल भी स्वागत करता दिखाई देता है तो ऐसे लोग कोई बहाना बनाकर निकल लेते हैं , अगर सामने वाला दल इन लोगों का स्वागत  नहीं करता दिखाई देता तो तो ऐसे " बेन्गुन - लोग " अपना " तीसरा - मोर्चा " बना लेते हैं !! 
                          अब क्योंकि सयाने और अनुभवी तीन - चार बेन्गुनों ने कोंग्रेस नीत यु . पी . ऐ . के साथ अपना " डिब्बा " जोड़ लिया है और उनको आश्वासन भी मिल गया है तो उन्होंने बड़ी चालाकी से " तीसरे - मोर्चे " की सम्भावना को ही कबर खोद के दबा दिया है !! अब तीसरे मोर्चे हेतु वांछित दल ही नहीं बचे हैं तो बेचारे नितीश जी , शरद यादव जी और उनकी सेना को अभी से घबराहट होनी शुरू हो गयी है ! इसी लिए जब देश में राष्ट्रपति चुनावों हेतु कोई उम्मीदवार इनको भाजपा से मिलकर ढूंढना है , वो तो इनको कोई मिल नहीं रहा है , इनको साफ़ दिखाई देने लगा है की सोनिया द्वारा घोषित व्यक्ति ही राष्ट्रपति बनेगा और पूरे पांच साल प्रतिभा पाटिल जी की तरह अपना मुंह बंद करके बैठेगा !! तो इनका हाजमा खराब होने लगा है ?? कंही जाने की फिराक में हैं ये " थाली के बेन्गुन " ?????
                         जनता होशियार - खबरदार !!!! अपने आपको तैयार कर लो आने वाले चुनावों में हम सबने मिलकर ऐसे बैगुनों को और नकली सेकुलरों को ऐसा सबक सिखाना है की इन बे - इमान नेताओं को नानी याद आ जाए चाहे वो किसी भी दल के क्यों ना हो ??? अपने आस - पास कोई नया , अनुभवी , मेहनती और पढालिखा समाजसेवी देखिये और उसे प्रोत्साहित कीजिये और सपोर्ट कीजिये ताकि वो आपका नया विधायक या सांसद चुना जाए !! अपना जाती - धरम , इलाका और पार्टी सब भुलाकर केवल इमानदार व्यक्ति को ही अपना अनमोल वोट देवें तब कंही जाकर हम देश का कोई जुम्मेदार नेता चुन पायेंगे !! इसके साथ - साथ हमें उस समय किसी भी लालच में भी नहीं आना है जैसे पैसा - शराब आदि आदि !! अगर हम इस बार भी इन लोगों के नाटकों में फंस गए तो फिर इसी तरह रोते रहने के सिवाय हमारे पास कोई चारा नहीं बचेगा और ये " राक्षस " हमारा ऐसे ही भक्षण करेंगे !!

                               हमेशां की तरह आप हमारे ब्लॉग और ग्रुप पर विजिट कीजिये जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " और इसे पढने हेतु लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आप चाहें तो इसे ज्वाईन भी कर सकते है !! आपके अनमोल कमेंट्स का स्वगत तो हम हमेशा ही करते है !! ............आपका प्रिय मित्र _- पीताम्बर दत्त शर्मा , जोर से बोलिए जय ...श्री ...राम ...!!   

Wednesday, June 20, 2012

" मोरे सैयां - भये .....डाकू तो , अब चोरी - डकैती कानूनी है " ! ! ? ?

" सैयां " रखने वाले सभी मित्रों को मेरा प्रणाम !! आप कहोगे हमेशा तो प्यार भरा नमस्कार और न जाने कैसे - कैसे नमस्कार करता रहता है आज " प्रणाम " याद आ रहा है, तो मित्रो जो " सैयां को रख सकते हैं वो ताकत वर ही होते हैं चाहे फिर वो स्त्री लिंग हों या पुलिंग !! ऐसे महानुभावों के तो चरण ही स्पर्श करने से जान छूटती है जी नहीं तो इनकी नज़र " वक्र ' हो जाए तो " अल्लाह " भी हाथ जोड़ कर खडा हो जाता है और कहता है की यार अपना घर का मामला खुद ही सुलट  लो , मुझे बीच मैं कंहाँ घसीट रहे हो यार ??? आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी की " मोरे सैयां भये कोतवाल , तो अब डर  काहे का " ! और जिसका सैंयाँ  " डाकू " बन जाए तो चार चाँद लग जाते हैं जी छोटे - मोटे थानेदार तो डाकुओं के चरणों में रोज़ हाजरी लगाते हैं !! है की नहीं ...? अब वो डाकू चाहे पुराने हों या चल - चित्र पान सिंह वाले वाक्यानुसार आजकल के " नेता रुपी मोद्रण डाकू हों ...बेचारे दरोगा जी को तो " हाजरी और प्रबंधन " करना ही पड़ता है न ...????
                        आज मुझे  राजेश खन्ना जी द्वारा अभिनीत एक पुराणी किशोर दा  की गायी एक ग़ज़ल भी याद आ रही है जो आजकल के हालात पर बहुत फिट बैठती है ...." चिंगारी कोई भड़के ...तो सावन बुझाए , सावन जो अगन लगाये उसे कौन बचाए ...??? इसी में आगे गज़लकार लिखते हैं की माझी जो नाव डुबोये उसे कौन बचाए ...?? इसी तरह हमारे " मांझी " तो हमारे " पार्षद , विधायक , सांसद , मंत्री , मुख्यमंत्री और प्रधान मंत्री जी ही हैं कानूनी रूप से तो " लेकिन अंदरूनी तौर पर तो ना जाने कंहाँ  - कंहाँ  के व्यापारी , और वभिन्न भेषों  में छिपे बीते भेड़िये ही तो हैं ????
                       ये जैसा निर्णय करते हैं अपने फायदे हेतु हमारी सरकार भी वैसे ही क़ानून बनाती और मिटाती है ना जाने क्यों .....???? मुझे तो वोभी लूट में हिस्सेदार लगती है और आपको क्या महसूस होता है ...??? पहले वाली सरकारें भी ऐसा करती थीं , लेकिन थोडा छिप कर और कम मात्रा में !! आजकल की सरकार तो सोचती ही नहीं की जनता पर इसका क्या असर हो रहा है !! ऐसा लगता है की हमारे द्वारा चुनी हुई सरकार हमें अपना मालिक ना समझ कर उन ठगों को ही अपना हितेषी समझे बैठी है जो ठग चुनावों में अप्रत्यक्ष रूप से उनकी मदद करते है " साम - दाम - दंड और भेद से " ???
                              अभी कल मैं अपनी बेटी सुकृति शर्मा को नोएडा में जी न्यूज़ के कर्यालय में ट्रेनिंग हेतु छोड़ने गया तो रास्ते में जगह - जगह टोल नाके आये जिन पर बैठे करम चारियों ने अपने मालिकों द्वारा निर्धारित राशि हमसे वसूली !! अभी तो चार या पांच ही टोल नाके आये अगर हमारे शहर सूरतगढ़ से देल्ही के रस्ते में आने वाले सभी शहरों के बीच में ऐसे ही टोल - नाके बन गए तो वो रोजाना कितने पैसे ऍम आदमी से लूट लेंगे आप अंदाज़ा लगायेंगे तो ये राशी अरबों में पंहुच जाएगी !! ??? कोल ब्लोक्स आवंटन की तरह ये मुद्दा भी जांच के अधीन आना चाहिए !! 
                                इसी तरह से और बहुत सारी चीज़ें हैं जिनके ऊपर सरकार का कंट्रोल होना आवश्यक है जैसे " पोस्त , तम्बाकू - उत्पादन ,शराब , पानी -बिजली और गैस !! वैसे तो हर वस्तु  के बारे में सरकार को ज्ञान होना आवश्यक  की वो कितने रूपये मैं पैदा हो रही है और कितने रूपये में कँहा जाकर बिक रही है ???? है की नहीं लेकिन ऐसा लगता है हमारी सरकार तो ये निर्णय करती है की हमें इतना हिस्सा दे जाओ और जाकर प्रेम से गर्दन काटो और जितना चाहो उसका खून पियो !! तभी तो मुझे कहना पड़ा की मेरे सैयां यानी हमारी सरकार ही डाकू बन गयी है तो हमें अब लुटने से कौन बचा सकता है !! अभी दो दिन पहले वाले लेख में भी मैंने ज़िक्र किया था की किस प्रकार से हमारी केंद्रीय सरकार ने विदेशी कम्पनियों के कहने पर ही " सराय - क़ानून वापिस लेलिया है जिसमे एक ये भी प्रावधान था की हर भारतीय किसी को भी मुफ्त खाना और पानी खिला - पिला सकते हैं , अब जबकि वो वापिस लेलिया गया ही तो अब कोई भी किसी को मुफ्त में भोजन और पानी नहीं पिला सकते , यानी अब हर आदमी को मोल खरीद कर ही पानी पीना पड़ेगा !! इसी तरह आने वाले समय में ना जाने कितने कानूनों को लुटेरों की मर्ज़ी के मुताबिक ढाला जाएगा ?????
                         हमारे नेता , पत्रकार , अफसर , समाजसेवी और पक्षी - विपक्षी दल जो विदेशी सहायता से पलते हैं सब ना केवल मदद कर रहे हैं बल्कि प्रत्यक्ष - परोक्ष रूप से उनके हिस्से दार भी हैं !! इसलिए हे जनता अब आपको लुटने - पुटने से कोई भी नहीं बचा सकता !! यानी ...राम नाम ....सत्य है .....!! हमेशा की तरह व्यंगात्मक तरीके से लिखी हुईं त्वरित घटनाओं पर आधारित , रचनाएँ पढने हेतु हमारा ये ब्लॉग और ग्रुप ज्वाइन करके पढ़िए , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. अपने विचार भी ब्लॉग पर जाकर अवश्य लिखें !! जोर से मेरे साथ बोलिए ... धर्म की जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर ...हर .....हर .....महादेव ....!!!!


                 आपका अपना ... पीताम्बर दत्त शर्मा           

Monday, June 18, 2012

" भारतीय संस्कृति की दुश्मन , ये सोनिया - मनमोहनी सरकार "???

" पानी पिलाने वाले मेरे प्रिय मित्रो , सावन सी फुहारों से भरा नमस्कार स्वीकार कीजिये !! पानी पिलाना एक मुहावरा है जिसका अर्थ हम सब जानते हैं की दुश्मन को चित कर देना ! दोस्तों हमारी सरकार ही हमें चित्त करने पर उतारू है वो भी विदेशी कम्पनियों के कहने पर !! ये तो हद ही हो गयी ! की इतनी बड़ी खबर को इलेक्ट्रोनिक मिडिया ने तो दिखाया ही नहीं क्योंकि उसको तो देश की जनता का ध्यान बंटाने का काम ही करने के पैसे मिलते हैं !!   प्यासे को पानी पिलाना तो भारतीय संस्कृति का एक हिस्सा है उसे किसी कानून के तहत कैसे समाप्त किया जा सकता है ??? लेकिन इस विदेशी हाथों और साँसों से पलने वाली संप्रग सरकार ने वर्षों पुराना " सराय - कानून " समाप्त कर दिया है !! जिसके अन्दर अब ये होगा की कोई भी किसी को मुफ्त में पानी नहीं पिला सकेगा !
                           आप आने वाली परस्थितियों का अंदाज़ा भली - भाँती लगा सकते हैं ! की इस देश में ये सरकार पानी की कमी जान बूझ कर बनाएगी और विदेशी कम्पनियों के मालिक या माफिया के लोग अपने खजाने भरेंगे जिसमे निश्चित रूप से नेताओं का भी हिस्सा होगा !!कब तक सोते रहेंगे हम ! सब बिकाऊ माल हो गया है बस कीमत का अंतर है मित्रो !! इस लिए आप सब से प्रार्थना है की वोट देते समय हमेशा याद रखें ----- कि अबकी बार हम किसी धर्म के नाम पर अपना वोट नहीं देंगे , किसी जाती या इलाके के नाम पर अपना वोट नहीं देंगे यंहा तक की किसी पार्टी के पीछे लग कर भी अपना वोट बेकार नहीं करेंगे !! पैसे और दारु की पेशकश करने वालों की तो जूतों से सेवा करेंगे !हम सब देख रहेंगे की सभी पार्टियों के नेता अपने सांसदों या विधायकों की राय नहीं ले रहा , बल्कि उनको तो भेड़ें समझ रहा है ! बस सोदे - बाज़ी के चक्कर में पड़े हुए हैं !! तो हम ऐसे नेताओं को दोबारा सांसद और विधायक क्यों चुने .............???????????
                    आप ही बताइए मित्रो क्या मैं गलत हूँ ..?? अपने विचार आप अवश्य मेरे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करके लिखें क्योंकि हम आपके विचारों को भी अपनी पुस्तक में प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे !! जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " और इसे खोलने हेतु लोग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. जितना हो सके इसे आप अपने मित्रों संग शेयर भी अवश्य करें क्योंकि ये आवाज़ हमने करोड़ों लोगों तक पन्हुचानी है जी !! .....जय श्री राम !! आपका ...पीताम्बर दत्त शर्मा , सम्पर्क 9414657511. 

Sunday, June 17, 2012

" खिलाडी पिंकी " निकला " पिन्का " ?? गयी नौकरी !
 प्यारे मित्रो , नमस्कार !! इस कलयुग में हर रोज़ हैरान कर देने वाली ख़बरें आ ही जाती हैं ! जैसे ही मैंने ये खबर पढ़ी माथा सन्न सा रह गया !! क्या होगा इस देश का ???? समझ ही नहीं आ रहा मुझे तो , आप ही इस समाचार को पढ़ कर मुझे बताइए !! आपको मेरे ब्लॉग और ग्रुप का नाम तो पता ही है ना ...!! " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " इसे खोलने हेतु रोजाना लोग आन करें जी www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
    
शुक्रवार, जून 15, 2012,16:36 [IST]
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कोलकाता से एक चौकाने वाली खबर आई थी। एशियन गेम का स्‍वर्ण पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाली महिला एथलीट पिंकी प्रमाणिक लिंग परिक्षण के बाद पुरूष निकल गयी। पिंकी के खिलाफ एक महिला ने बलात्‍कार की शिकायत दर्ज कराई है। महिला ने कहा था कि पिंकी पुरूष है और वह शादी की झासा देकर पिछले कुछ महिनों से बलात्‍कार कर रहा है।
इस शिकायत ने खेल जगत को झकझोर कर रख दिया है। उसके बाद पिंकी का लिंग परिक्षण कराया गया, जिसकी रिपोर्ट में पिंकी का पुरूष होना सामने आया। बलात्‍कार के आरोप में पिंकी को गिरफ्तार कर लिया गया था। आपको बता दे कि पिंकी सन 2006 के दोहा एशियाई खेलों में 4 गुणा 400 मीटर की रिले दौड़ में स्‍वर्ण पदक जीता था।
मेलबर्न राष्‍ट्रमंडल खेलों में पिंकी ने रजत पदक जीता था। एशियन इनडोर गेम्‍स (2005 में) स्‍वर्ण और सैफ गेम्स (2006) में तीन स्वर्ण पदक जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स (2006) में पिंकी ने रजत पदक जीता था। अभी दो साल पहले पिंकी ने एथलेटिक्‍स से सन्‍यास लिया था। पिंकी का मामला वाकई चौकाने वाला है लेकिन यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी ऐसे दो मामले सामने आ चुके है।
पहला मामला जब महिला एथलीट के महिला होने पर लगा प्रश्‍नचिन्‍ह
तमिलनाडु की महिला एथलीट सान्‍थी सौंदराजन के महिला होने पर भी प्रश्‍नचिन्‍ह लगा था। इस मामले में सान्‍थी ने आत्‍महत्‍या भी कर ली थी। उसने दोहा में आयोजित 2006 एशियन गेम्‍स की 800 मीटर दौड़ में रजत पदक जीता था। इस रेप का नतीजा आने के बाद उसके लिंग पर सवाल उठ गया।
उसका लिंग परिक्षण करवाया गया, जिसमें आया कि सान्‍थी में एक महिला होने की पूरी विशेषताएं नहीं है। उससे सिल्‍वर मेडल छीन लिया गया, इससे आहत होकर उसने सितंबर 2007 में आत्‍महत्‍या कर ली। सान्‍थी ने 3000 मीटर स्‍टीपलचेज रेस (10:44.65) सेकंड में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था।
दूसरा मामला जब महिला एथलीट के महिला होने पर लगा प्रश्‍नचिन्‍ह
दूसरी एथलीट दक्षिण अफ्रीका की कैस्‍टर सेमेन्‍या थी, जिसपर महिला न होने का आरोप लगाया गया था। जिसके कारण विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता गया स्‍वर्ण पदक छिन गया था। उसके ऊपर द्विलिंगी होने का आरोप लगाया गया था। उसके बाद यह विवाद एथलीट एसोसिएशन के सिर का दर्द बनकर रह गया। सेमेन्‍या का भी लिंग परीक्षण कराया गया। काफी उठा-पलट के बाद एथलीट अंतरराष्‍ट्रीय संघ ने सेमेन्‍या को महिला टूर्नामेंट में हिस्‍सा लेने की अनुमति दे दी थी।

Saturday, June 16, 2012

" हंस चुगेगा , दाना तिनका , कौआ मोती खायेगा " ?????

मेरे प्रिय " हंस - हंस्नियो मित्रो , धवल - शुद्ध नमस्कार !!!
                          दलीप कुमार साहिब की एक फिल्म थी ,जिसमे हिन्दू ग्रंथों से प्रेरित होकर और भविष्य की दिक्कतों से जनता को सावधान करने हेतु एक धार्मिक गीत डाला गया था , क्योंकि उस समय के फिल्मकार अपनी फिल्मों में मनोरंजन के साथ साथ कोई न कोई सन्देश भी दिया करते थे , उस गीत के बोल इस प्रकार से थे की " राम चन्द्र कह गए सिया से , ऐसा कलयुग आएगा , हंस चुगेगा  दाना तिनका ,कौआ मोती खायेगा !! बहुत मशहूर भी हुआ था ये गीत !! हर धार्मिक आयोजन में अवश्य बजाया जाता था - है और बजाया जाता रहेगा !! क्योंकि जैसे - जैसे कलयुग अपनी चरम सीमा पर जाएगा तब - तब इस गीत को बजने की इच्छा " हंस रुपी " इंसानों में ज्यादा जागेगी !! हंस रुपी इंसान का मतलब है की ऐसे पुरुष और महिलायें जो इमानदारी , सामाजिक और धार्मिक नियमानुसार ही अपना जीवन व्यतीत करने में ही अपना सुख देखते हैं !! और जो लोग समय रुपी बहाव के साथ अपने आदर्श तोड़ कर बहते हैं वो .......कौए हैं !!!!
                          पैसा , स्वार्थ और झूठी शान हेतु जो व्यक्ति अपने रिश्तों - नातों को भुलाकर , वाक्चातुर्य से , ब्लात्कार्य से ,या चमचागिरी से उच्च स्थान को प्राप्त करलेगा उसीको ज्यादातर लोग " उत्तम पुरुष या महिला " मानेंगे !! जैसे - जैसे ये कलयुग बढेगा वैसे - वैसे ऐसे लोगों की संख्या बढ़ेगी और अंत मैं सब ......एक जैसे हो जायेंगे जो 5.10.% लोग बचेंगे वो कंही दुबुक कर ही अपना जीवन यापन कर सकेंगे !! आप कहो गे की आज इतना लम्बा भाषण किस ख़ुशी में दिया जा रहा है , तो मित्रो ये कोई प्रवचन नहीं बल्कि शुद्ध राजनितिक ज्ञान है !! पिछले एक सप्ताह से देश में जो राष्ट्रपति चुनावों हेतु संप्रग सरकार ने अपना प्रत्याशी घोषित करने हेतु जो नाटक खेले हैं और फिर उन्ही के असली और नकली सहयोगियों ने जो गीत गाये हैं उसको समझने हेतु जनता को ये ज्ञान जानना आवश्यक है !!
                             अब दूसरी नाटक मण्डली यानी अपना एन.डी .ऐ . दो तीन दिन नाटक करेगा .....?? आखिर में ले देकर वो ही चुना जाएगा ..जिसको अपनी सोनिया जी ने चुना है या चुनवाया गया है ! इस सारे घटनाक्रम से ये भी समझ में आता है की सरदारजी सोनिया जी को ये विश्वास दिलाने में कामयाब हो गए हैं की मैं वो ही करूँगा जो सोनिया जी आप कहेंगी !! कल मेरे को एक दोस्त मिला जो जट - सिख है , ने मुझे बताया की भाई साहिब ये अपना प्रधानमंत्री कोई सरदार नहीं बल्कि " भाप्पा - सिख " है !! मैं यंहां पर आपको ये साफ़ करदूं की भाप्पा सिख का मतलब वो सिख है जो अरोड़ा से सिख बने या पंजाब से बहार के सिख !! अगर ये असली ( जट ) सरदार होता तो इस तरह से सोनिया के तलवे नहीं चाटता बल्कि इसकी अब तक अनख जाग गयी होती !! यानी अपने प्रधान मंत्री जी से ग्रामीण इलाके के सरदार भी दुखी है !! मैंने कहा नहीं सरदार जी उसके आगे तो सभी जातियों के नेता माथा टेकते हैं चाहे वो किसी भी राजनितिक दल से क्यों ना हो ...!! चाहे वो माया हो या मुलायम ,ममता हो या करुना , संगमा हो या पवार सब जय माता की बोलते हैं !! कोई धीरेसे तो कोई जोर से !! कोई पद पाने हेतु तो कोई सी .बी . आई . से अपनी जान छुड़ाने हेतु !!
                           इसीलिए तो जब नाम फाईनल हुआ तो समर्थन देने वालों की भी लायीं सी लग गयी !! प्रणब दा में बहुत सी खूबियाँ है , बेहतर राजनीतिज्ञ और प्रशासक हैं , विद्वान भी हैं लेकिन शेर जब तलक जंगल में रहता है तब तलक ही शेर होता है अगर वो कंही बांध जाए तो कुत्ता हो जाता है और धीरे - धीरे शिकार करना भूल जाता है उसे तो मालिक जितना भोजन डालदे  उतना ही खा पाता है ???? और ज्यादा समय तक बंधराहे तो वो " भीगी - बिल्ली " बन जाता है !! और आज देश में जैसे हालात हैं हमें किसी "कुत्ते या भीगी - बिल्ली " की आवश्यकता नहीं , बल्कि एक ऐसे शेर राष्ट्रपति जी की आवश्यकता है जो सरकार के कान पकड़ के कोई देश हित का निर्णय कर्वासके ????
                          क्योंकि देश की स्थिति आज किसी से छिपी हुई नहीं है चाहे वो अन्दर की हो या बाहर की !!..........क्यों मित्रो , आपका क्या विचार है इस बारे में ...!!????? आपके जो भी विचार हैं वो आप हमारे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करके वंहा जाकर टाईप करें , जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " जिसे खोलने हेतु रोजाना लोग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
               इस पर जाकर अपने अनमोल विचारों को टाईप करें ताकि हम आपके विचारों को अपनी छपने वाली पुस्तक में प्रकाशित करवा सकें !! इस ब्लॉग और ग्रुप में प्रकाशित सभी लेखों को आप अपने फेस - बुक मित्रो संग शेयर भी कर सकते हैं !! सधन्यवाद !! आपका अपना मित्र : - पीताम्बर दत्त शर्मा !!
          जोर से बोलिए ......धर्म की जय हो !! अधर्म का नाश हो !!
                 प्राणियों में सद्भावना हो !!
                   विश्व का कल्याण हो !!
                    हर -- हर -- हर  महादेव .......!!!!!!!!   

Thursday, June 14, 2012

" बैजा - बैजा " हो गयी जे , मनमोहन जी ...!!??

होर भाई बेलियो , ते मेरी प्यारी - प्यारी सहेलियो , सब नु प्यारा - प्यारा सत श्री अकाल , राम - राम ते हेल्लो - शेल्लो !!
                        सुनाओ जी की हाल - चाल है तुहाडा ??? सब ठीक - ठाक है न ...??? गर्मी दियां छुट्टियां म्नाईया जा रहियां ने ?? या हिल स्टेशना ते सैर सपाटा किता जा रिहा है ? कुझ देश बारे वि कोई फिकर है की नहीं तुहानू ....??? आपने शरीफ ते अर्थ - शास्त्री प्रधान मंत्री जी दियां नीन्दां हराम होइयां पैयां ने !! इस गठबंधन दी सरकार विच भेड़े - भेड़े बने मंत्रियाँ ने आपने सरदार दी इज्ज़त मिटटी विच मिला दित्ती है !! जिवें की तुहानू पता है की पंजाबी विच कोई कम वधिया कर देवे ताँ आप्पां कहने हाँ की " बैजा - बैजा हो गयी है " !! ते जे कोई कम घटिया हो जाए ताँ आप्पां कहने हाँ के " ओसदी बैजा ओये - बैजा ओये " हो गयी !! यानी मिटटी पलीत हो गयी !!
                                 कल यारो दो खबरां आइयाँ , 1. देश दे दो वड्डे उद्योग पतियाँ ने किहा के देश बिना प्रधानमंत्री दे ही चल रिहा है !! 2. विदेशी संस्था जो संसार दे देशां दी तरक्की दा पैमाना तैयार करदी है उसने वि किहा की भारत दी साख रोज़ गिर रही है !! ऐधर भारत विच नवें राष्ट्रपति दे चुनाव दियां सरगर्मियां वि जोरान ते ने ......इस लई शाम नूं श्री मति ममता बनर्जी ते श्री मुलायम सिंह जी ने वि इक वड्डा धमाका कर दित्ता ...!! ओन्नाने कांग्रेस पार्टी नू अप्रत्त्ख रूप नाल सुनेह दे दित्ता के या ताँ मनमोहन सिंह जी नु प्रधान मंत्री पद तों हटा के राष्ट्रपति बना देओ नहीं तां असी भाजपा या कामरेडा नाल मिलके श्री अब्दुल कलाम साहिब नू या श्री सोमनाथ चटर्जी साहेब नू आपना नवां राष्ट्रपति चुन लवांगे ???!!तांवी  सरकार नू स्तीफा देना ही पवेगा , मिटटी पलीत होवेगी जेह्ड़ी , ओह वखरी !!
                          समाजवादी पार्टी दे इक महत्वपूर्ण नेता जनाब आजम्खान जी ने ताँ इशारियाँ - इशारियाँ विच कह वि दित्ता की हूँ टा मौका है आपने " राहुल बाबा " नु प्रधानमंत्री बनवाना है ता बाकी बचे टाईम वास्ते बनवा लओ !! फेर मौका मिले के ना पता नहीं ...???? गल वि सही लगदी है !! इज्जत वि बचजू ते सरकार वी रेह्जू !!???
                         तुहाडा की कहना है मित्रो आपने कीमती विचार साडे ब्लॉग ते ग्रुप विच ज्वाईन करके लिखो , जिसदा नाम है " 5th pillar corrouption killer " जिस वास्ते लोग आन करो www.pitamberduttsharma.blogspot.com.
                          धन्नवाद !!
तुहाडा मित्र ..............पीताम्बर दत्त शर्मा
  मोबाईल नंबर ..............+919414657511                              

Sunday, June 10, 2012

" भारत में फैलता - - राजनितिक राजशाही " ???
                   

भारतीय राजनीति में फैलता वंशवाद दिल्‍ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के लोकसभा के लिए चुने जाने के साथ ही राजनीति में वंशवाद का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। डिंपल सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के परिवार की छठी सदस्य हैं जो राजनीति में हैं और निर्वाचित पद पर हैं। 

मुलायम खुद लोकसभा के सदस्य हैं। उनके भतीजे धर्मेंद्र यादव भी लोकसभा के सदस्य हैं। राम गोपाल यादव राज्यसभा के सदस्य हैं जबकि मुलायम के छोटे भाई उत्तर प्रदेश में वरिष्ठ मंत्री हैं। लेकिन भारतीय राजनीति में पुत्र और पुत्री तथा बहू अब मुद्दा नहीं रह गए हैं।

देश की सबसे प्रभावशाली नेता व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की बहू हैं। भाजपा नेता मेनका गांधी के साथ भी ऐसा ही मामला है हालांकि वह कांग्रेस की प्रतिद्वंद्वी पार्टी में हैं। दो और गांधी राहुल तथा वरूण लोकसभा के सदस्य हैं। वर्ष 2004 में संसदीय चुनावों के दौरान राहुल को टिकट दिए जाने पर संवाददाताओं ने सोनिया गांधी से सवाल किया था कि क्या वह ऐसा कर परिवार को बढ़ावा नहीं दे रही हैं, इस पर नाराजगी जताते हुए सोनिया ने कहा था, आप मेरी ओर ही क्यों इशारा करते हैं।

इस घटना के आठ साल हो गए हैं और उनका इशारा अन्य दलों और नेताओं के परिवारों की ओर था। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी, द्रमुक नेता एम करूणानिधि के पुत्र एम के स्टालिन और एम के अलागिरि, एनटी रामाराव के दामाद चंद्रबाबू नायडू, पीएमके नेता रामदास के पुत्र अंबुमणि रामदास, राकंापा अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजीत पवार और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा के पु़त्र एच डी कुमारस्वामी और एच डी रेवन्ना उस समय भी राजनीति में सक्रिय थे। 2004 के बाद पवार की पुत्री सुप्रिया सूले और करूणानिधि की पुत्री कनिमोई भी राजनीति में आयीं।

सुप्रिया सूले जहां लोकसभा की सदस्य हैं वहीं कनिमोई उच्च सदन में हैं। कांग्रेस के सदस्य पार्टी द्वारा राजनीति में वंशवाद को बढ़ावा देने के आरोपों को खारिज करते हैं वहीं गांधी-नेहरू परिवार को कांग्रेस का पहला परिवार भी माना जाता है वहीं लोकतांत्रिक जगत के सबसे सफल इस राजनीतिक परिवार ने देश को तीन प्रधानमंत्री दिए हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर अक्सर वंशवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाती रही है। हालांकि वहां भी कई मायनों में ऐसी स्थिति देखी गयी है। क्षेत्रीय दलों में परिवारवाद कुछ ज्यादा ही दिखता है सिवाय मायावती के नेतृत्व वाली बसपा के।

भाजपा में दिवंगत विजयाराजे सिंधिया की दो बेटियां वसुंधरा राजे और यशोधरा राजे राजनीति में सक्रिय हैं। वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत सिंह भी राजनीति में हैं और वह लोकसभा के सदस्य हैं। विजयाराजे सिंधिया के पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में हैं और वह केंद्रीय मंत्री भी हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता प्रेम कुमार धुमल के पुत्र अनुराग ठाकुर भी लोकसभा के सदस्य हैं। विवादों में घिरे भाजपा नेता बी एस येदियुरप्पा के पुत्र बी वाई राघवेंद्र भी राजनीति में सक्रिय हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित लोकसभा के सदस्य हैं वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री के पुत्र भी लोकसभा के सदस्य हैं। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई एस आर रेड्डी के पुत्र जगन मोहन इन दिनों अपनी राजनीति से कांग्रेस के लिए मुसीबत पैदा कर रहे हैं। राष्ट्रपति पद के लिए संप्रग उम्मीदवार की होड़ में आगे चल रहे केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के विधायक हैं। महाराष्ट्र में बाल ठाकरे के पुत्र उद्धव और भतीजे राज ठाकरे पहले से राजनीति में सक्रिय थे वहीं अब उद्धव के पुत्र आदित्य भी पार्टी की युवा शाखा में सक्रिय हैं। नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला जहां केंद्र में मंत्री हैं वहीं उनके पुत्र जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री हैं।

" जा - नी वैरने , तू साडे वी पसंद नहीं सरकार ".....!!!!

" सभी सरकारी " हाथ "को सक्रिय करने में सहयोगी मित्रो , राम - राम !! वो वाली ......??????
         भारत में लाखों ऐसे लोग हैं जो सरकारी निर्णयों को क्रियान्वित करने में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं , और लाखों ऐसे हैं जो उनका सहयोग करते हैं । तब कंही जाकर एक निर्णय जनता पर लागू हो पाता  है । कई अफसर , राजनेता( पक्षी - विपक्षी दोनों ) और न्यायालय निर्णय कैसा हो कैसा ना हो ये भी तय करने में अहम् भूमिका निभाते हैं । अकेली सरकार ही दोषी या शाबाश की हकदार नहीं होती !!बहुत से सलाहकार भी होते हैं !! इस निक्कम्मी सरकार के ना जाने कौन से सलाहकार है ....इन्होने जनता को पिछले 10 सालों से नाकों चने चबवा रखें हैं !!वो चाहे फिर देश निति हो या विदेश निति !!! सब तरफ तौबा - तौबा हो रही है !! सरकार जनता को कह रही है की आप हमें पसंद नहीं और जनता सरकार को कह रही है की जा नी वैरने , तूं साडे वी पसंद नहीं ..!!!
                       देश में नज़र घुमाएँ तो हम पाएंगे की हर आदमी परेशान है किसान अपने अनाज के पहले से दोगुने दाम वसूल रहा है , कर्मचारी दोगुना तनख्वाह ले रहे हैं , मजदूर तीन गुना मजदूरी ले रहा है ,ठेकेदार करोड़ - पति हो रहे हैं , पत्रकार स्टाईलिश हो चुके हैं और फौजी मोटे हो रहे हैं फिरभी सारे रो रहे हैं !! क्यों ....??? किधर जा रहा है सारा पैसा ?? क्यों किसी को तसल्ली नहीं है ....???कुछ समझ नहीं आ रहा ..जिसको देखो वो ही परेशान सा घूम रहा है क्यों ...??कल मुझे एक आदमी मिला , वो भोला आदमी मुझसे बोला की भाई साहिब आजकल या तो वो सुखी है जिसके घर में एक से ज्यादा सरकारी कर्मचारी हैं , या वो जो पैदा ही करोड़पतियों के घर हुए हैं , और ज्यादा ध्यान से देखें तो हम पायेंगे की जो बिलकुल गरीब हैं उनको सरकार इतनी सहूलियतें प्रदान करती है की वो अपने में मस्त है , या फिर जिन्हें इस देश में आरक्षण मिल रहा है वो सुखी हैं .....और जो बाकी बचे हैं वो कुत्ते की जून से भी बद्त्तर जीवन व्यतीत कर रहे हैं !! विश्वास नहीं आता तो मेरे कई मित्रों को उदाहरण के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है !!बेचारे ब्रह्मण , बनिए और राजपूतों के घर पैदा हुए हैं , आधे कमा रहे हैं आधे खाली घूम रहे हैं , अमीरों के बच्चों संग रहते हैं , लेकिन अन्दर से नंग हैं , सब्जी खरीदने जाते हैं तो पसीने आ जाते हैं , कंही कुछ देना पड़ जाए तो मुंह छिपाने लग जाते हैं यानी माध्यम दर्जे का आदमी !! यही आदमी नेताओं का भाषण सुनकर अपने मन में आस पाल लेता है की अब राम राज आएगा , यही वो आदमी है जो अन्ना जी और बाबा राम देव जी का साथ देता है की शायद सरकार का मन पसीज जाएगा और भ्रष्टाचार को ख़त्म करके , काला - धन वापिस ला कर देश फिर से सोने की चिड़िया बन जाएगा और सब तरफ खुशहाली हो जायेगी ........!!!! परन्तु उसे क्या पता की इस घोर कलयुग में हर कोई किसी की उँगलियों के इशारों पर ही नाचता है !!ये पता बाद में चलता है की ओ हो ये तो उसका चम्च्चा था .....आदि आदि !!!
                           विदेश नीतियों की तरफ देखें तो यंहा उससे भी बुरा हाल है !! पिछले 65 सालों में हमारी सरकारों ने अपने सभी पड़ोसियों से सम्बन्ध बनाने की जगह बिगाड़े ही हैं , विश्व की बड़ी शक्तियां भारत को हड़प कर जाना चाहती हैं क्यों ....सिर्फ इस सरकार की गलत नीतियों के कारण ही तो ......???
          इसी लिए मैंने कहा की " जा नी  वैरने सरकार , तूं साडे वी पसंद नहीं .......!!!!!
                                 मित्रो आपकी क्या राय है इस बारे में .....कृपया अपने अनमोल विचार आप हमारे ब्लॉग पर विज़िट कर अवश्य लिखें , हमारे ब्लॉग का नाम है :- " 5थ पिल्लर करप्शन किल्लर " इसे खोलने और फ्री ज्वाईन करने हेतु लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                आप का अपना मित्र :- पीताम्बर दत्त शर्मा , हेल्प - लाईन - बिग बाज़ार , r.c.p.रोड , पंचायत समिति के सामने , सूरतगढ़ । जिला श्री गंगानगर ( राजस्थान भारत ) मोबाईल नंबर :- 919414657511, 01509 - 222768 . 
   आपके विचार हमारी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में छापे जायेंगे !! अगर आप चाहते हैं की मैं किसी विषय विशेष पर लिखूं तो वो भी आप मुझे सहर्ष बता सकते हैं !!मैं अवश्य कोशिश करूँगा !! धन्यवाद !! 
 सभी दोनों हाथ उठा कर मेरे साथ बोलिए जी ...


धर्म की जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!! हर - हर - हर महादेव .........!!!!!!!! 
                                   

Thursday, June 7, 2012

" हैवी - डाईट , वाले सरकारी चूहे ".....????

" हैवी - डाईट " वाले मित्रो , भारी - भरकम नमस्कार !! कृपया स्वीकार करें !! 
                                आपको जान कर अति प्रसन्नता होगी की भारत के " इमानदार खाद्य - अफसरों " ने सरकार को बताया की 50,000 टन अनाज जो गोदामों में रख्खा था और जिनकी रक्षा हेतु चौकीदार भी नियुक्त थे, के बावजूद एक वर्ष में " हैवी - डाईट " वाले चूहे खा गए !! लेकिन उन शरीफ़ अफसरों की " सच्ची- बात " बड़े साहिबों को पसंद नहीं आई या यूँ क्न्हें की उन्हें विश्वास नहीं हुआ तो उन " इमानदार छोटे अफसरों"  पर थाणे  में  रपट लिखा दी गयी ।। इतना ही नहीं बल्कि उस अनाज की कीमत इन्ही अफसरों से वसूलने की कार्यवाही करदी ....!! है ना मित्रो " घोर अन्याय " ...????? 
                                 इन अफसरों का अनाफिश्यली ये कहना है की यही काम अगर नेताओं ने किया होता तो ना जाने कितनी देर तो आरोप - प्रत्यारोप चलते , चेनलों पर बहस होती , फिर संसद ठप्प होती तब कंही जाकर रपट दर्ज होती और फिर 10.- 20. सालों में जाकर निर्णय आता और वो शर्तिया ये निर्णय तो हरगिज़ नहीं होता की उस गायब हुए अनाज की कीमत ही उन नेताओं से वसूली जाए ....!! आज तक का इतिहास निकाल कर चाहे देख लीजिये कंही भी ऐसा उदाहरण आपको नहीं मिलेगा !!!??
                          ये नेता लोग अपने आपको तो संसद - विधानसभा के पीछे रख कर , उनकी इज्ज़त का हवाला देकर बचा लेते हैं क्या हम अफसर लोगों की कोई " इज्ज़त " नहीं है ???  हम भी तो सरकारी हैं और सरकार की भी तो कोई " आभा " है की नहीं ...??
हमारे प्रधान मंत्री जी कोयले की खदाने कम कीमत पर अलाट करदें तो वो सरकारी निति हो जाती है की जनता को कम कीमत पर बिजली उपलब्ध हो इसलिए ओउने - पौने दामों में कोयले के ब्लोक अलाट सस्ते करदिये , उनके मंत्री जी खेलों में बढ़िया के नाम पर करोड़ों का फर्क डाल  देंवे और 2.जी . में यू .पी .ऐ .की सभी पार्टियों  के चुनावों हेतु चंदे की व्यवस्था हो गयी ..??? और अगर हमने चूहों को थोड़ा सा दाना खिला दिया तो पहाड़ टूट गया ??? वो एक लायीं है ना जो वाहनों पर लिखी होती है ..." हम करें तो आवारा गर्दी , वो करें तो रास लीला " ...????? 
                                ना जाने इस देश का क्या होगा जनाब !! जिधर देखो उधर " गिद्ध " घूम रहे हैं मित्रो , आपके क्या विचार हैं ...??? कृपया आप अपने विचार हमारे ब्लॉग और ग्रुप पर जाकर टाईप करें जी , जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " और इसे खोलने हेतु लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. इसे आप अपने फेस-बुक मित्रों के संग बाँट भी सकते हैं ,या फिर कंही प्रकाशित भी कर सकते हो ...बिलकुल फ्री !! और ज्यादा जानकारी हेतु निम्न पते पर सम्पर्क करें जी :- पिताम्बर दत्त शर्मा , हेल्प - लायीं - बिग - बाज़ार , आर . सी . पी. रोड , सूरतगढ़ । जिला श्री गंगानगर ( राजस्थान , भारत ) मोबाईल नंबर :-919414657511,01509 - 222768. आप चाहें तो आप हमारे ब्लॉग को ज्व्यीं भी कर सकते हैं जी !! 

                       धन्यवाद !! जय श्री राम !! 

Tuesday, June 5, 2012

किसको कह रहे हो .......प्रधानमंत्री जी ...????


" कहने - सुनने " वाले सभी मित्रों को, मेरा कर्ण - प्रिय नमस्कार !! स्वीकार करें !! 
             कल हमारे प्रधानमंत्री जी ( जो चालक व्यक्तियों के प्रिय हैं ) ने कांग्रेस की मंथन बैठक में दो बड़ी अजीब बातें कंही ...!! 1. " देश खतरे मैं है " और 2. अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती की जरूरत है !! उन्होंने ये नहीं बताया की वो ये उपरोक्त बातें ,किसके लिए , क्यों और किसे बता रहे हो !! क्या उनको जो आपकी उस मीटिंग में बैठे थे , जो आप के पूछे बिना पानी भी नहीं पीते ???( आप यानी सोनिया जी ) या भारत की जनता को जो आपको भुगत रही है ??? जनता तो आपसे पूछ रही है की अगर देश की ये हालत है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है ???? आपके मंत्री और अन्य लोग संगठन और सरकार की कुर्सियां क्यों तोड़ रहे हैं ???? रही अफवाह फैलाने की बात , तो श्रीमान जी ये समस्या तो एक थाणे दार हल कर सकता है की जो अफवाह फैला रहे हैं उनको अन्दर करके ??? और अगर अन्ना - बाबा का आन्दोलन आपको अफवाह फ़ैलाने वाला लग रहा है तो महाराज आप अपनी सफाइयां क्यों देते फिर रहे हैं ????
                               बात दरअसल मैं ये है की सरदार जी जब रिजर्व बैंक में थे , तभी से इन्होने वोही किया जो अमेरिका चाहता था इसी लिए अमेरिका के ही कहने पर इन्हें वित्त मंत्री और प्रधान मंत्री बनाया गया इन्होने वो ही किया जो कहा गया ......!! इसीका नतीजा ये निकला है की आज अमेरिका भी दिवालिया होने को है और भारत सहित वो सभी देश भी दिवालिया होने को हैं जो उनके कहने पर अपनी नीतियाँ बनाते रहे ???? अब रोते फिरते हैं की रुपया छोटा हो गया ..पेट्रोल बढ़ गया आदि - आदि ...!!
                             हमारे पंजाब में एक कहावत प्रचलित है की " कहना बेटी को और सुनाना बहु को " इसी तर्ज़ पर हमारे प्रधान मंत्री जी कंही एक तीर से अनेक निशाने तो नहीं साध रहे हैं ...???? कंही वो जनता को कह रहे हों और सूना उनको रहे हों , जिनसे क़र्ज़ ले चुके हैं ....की भाई हम तो कंगाल हो  गए .? अब कर लो जो करना है ???? पता नहीं चलता भाई ये कांग्रेसी कब क्या करदें !! इनके इतने हाथ है जनता को पता ही नहीं चलता की कौन सा हाथ चमाट मार गया ......???? वो कोई भी रूप धर कर आपको चमाट मार जाते हैं जैसे , नेता , समाज - सेवक , पत्रकार , और सरकारी अफसरी तो है ही ....इसलिए आप सब मित्रों से निवेदन है की आने वाले सभी राजनितिक दलों के नेताओं से सावधान रहने की आवश्यकता है !!!इन कांग्रेसियों से तो सब से ज्यादा .....!! ये नंबर वन हैं इन कामों में , चाहो तो इनका इतिहास देखलो जी !!
                             तो मित्रो हमेशा की तरह आप हमारा ये लेख पढ़कर हमारे ब्लॉग पर आइये !! वंहा आकर आप अपने भी विचार टाईप कीजिये जिन्हें हम अपने पास संभाल कर रख्खेंगे !! क्योंकि जब इन लेखों की पुस्तक प्रिंट होगी तब आप पाठकों के विचारों को भी प्रुमुखता से प्रिंट किया जाएगा !! आप चाहें तो हमारा ब्लॉग ज्वाइन भी कर सकते हैं जिससे हमारे सभी लेख आपके पास सीधे पंहुच जाया करेंगे !! नाम तो आप जानते ही हैं " 5th pillar corrouption killer " और खोलने हेतु लिंक लोग ओं करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 
                         धन्यवाद !
         आपका अपना ....पीताम्बर दत्त शर्मा 
            हेल्प - लाईन - बिग - बाज़ार 

               सूरतगढ़ , ( श्री गंगानगर , राजस्थान ) संपर्क 09414657511.         
  

Monday, June 4, 2012

" कांग्रेस का मंथन - - - विष कौन पिएगा " ...????


अमृत पीने वाले मित्रो , रस भरा  नमस्कार स्वीकार करें !! सदियों पहले या तो देवताओं और राक्षसों ने मिलकर सागर मंथन किया था या फिर आजकल हमारे राजनितिक दल कर रहे हैं ! फर्क सिर्फ इतना है कि उन्होंने समुद्र में जाकर , और मिलकर ये काम किया था लेकिन हमारे नेता पांच सितारा सुविधाओं से युक्त स्थान पर मुर्गे - सोमरस के साथ करते हैं अनाफिश्याली !! उस समय में जो वस्तु मंथन से निकलती थी उसका तुरंत निवारण या वितरण कर दिया जाता था ! कई बार तो ये समस्या पैदा हुई कि दोनों झगड़ने लगे कि सारी वस्तु हम लेंगे और कई दफा  हर कोई दुसरे को कहता कि ये वस्तु तुम लेलो !! लेकिन आज जनता रुपी समुद्र में न जाकर बंद कमरों में मंथन किया जाता है ! देवता तो कोई है नहीं इस कलयुग में सारे राक्षस ही  हैं ,कोई  छोटा तो कोई बड़ा !! अमृत के बारे में तो कोई जनता को बताता ही नहीं , विष रुपी मुसीबतें जनता को गिनाई जाती हैं और जनता का ही गला कटा जाता है !!
                                             अभी कुछ समय पहले मुख्या विपक्षिदल भाजपा ने ये काम किया और अब सत्ता में मुख्य भूमिका निभाने वाली कांग्रेस कर रही है !! दोनों में मुख्य अंतर ये है कि यंहा से केवल वो ही ख़बरें बाहर आएँगी जो कांग्रेसी चाहेंगे और भाजपा के मंथन में सारी " रामायण " ही बाहर आ जाती है !! और भी अंतर हैं दोनों दलों में , अभी भाजपा के नेता पूरी तरह से कांग्रेसियों जितने " घाघ " नहीं बने हैं ..." भोले " हैं !! लेकिन लक्ष्य दोनों का एक ही है कि सन २०१४ में दोबारा सत्ता तक कैसे पंहुचें .....??? कहने को तो पिछली बातों से सबक लिया जाएगा और भविष्य में बेहतर जनहित के काम किये जायेंगे .....लेकिन ये ससुरे नेता बिना कोई काम किये " करोडपति " कैसे हो जाते हैं इस बारे में कोई नहीं सोचेगा ....?????? हमारी तो भगवान से यही प्रार्थना है कि सभी पार्टियों के नेताओं को सदबुधि दे ताकि ये सब देश हित में निर्णय लेना शुरू कर सकें ??? इन्हें समझ में आ जाए कि इनकी लोग इज्जत क्यों नहीं कर रहे ???? कब तक ये संवेधानिक संस्थाओं कि आड़ में अपनी इज्ज़त बचाते फिरेंगे ??? कभी ये काम करते तो दिखाई पड़ते नहीं , जब भी देखो या तो ये लड़ रहे होते हैं या सो रहे होते हैं और या फिर भाषण दे रहे होते हैं क्यों .....????
                                                         अंत में आप सब मित्रों से ही प्रार्थना है कि ये नेता तो पता नहीं कब सुधरेंगे , लेकिन आप सब अवश्य याद रखना कि हमने अब एक निर्णय लेना है कि किसी पार्टी , इलाका , धर्म और जाती के पीछे लगकर अपना " वोट " नहीं देना बल्कि जो आदमी विद्वान हो , अनुभवी हो और सज्जन हो उसे ही चुनना है !! तभी इस देश का भला हो पायेगा !! और मेरा भला तब होगा जब आप मेरे ब्लॉग और ग्रुप को ज्वाईन करोगे और मेरे लेख पढ़ कर अपने अनमोल विचारों को मेरे ब्लॉग पर जाकर लिखोगे , क्योंकि मेरी प्रकाशित होने वाली पुस्तक में आपके विचारों को भी प्रमुख स्थान मिलेगा !! नहीं है !! अंत में सब मेरे साथ बोलिए ........
         धर्म कि जय हो ! अधर्म का नाश हो !! प्राणियों में ,

                                              " 5th pillar corrouption killer " मेरे ब्लॉग का नाम है और इसे खोलने हेतु लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके सहयोग हेतु एक बार पुनः धन्यवाद !! आप मेरा ये लेख फेस - बुक पर अपने मित्रों को शेयर भी कर सकते हैं !! या इसे कंही भी प्रिंट कर सकते हैं इसका कोई चार्ज 
 सद्भावना हो !!! विश्व का कल्याण हो !!!!
              हर - - - हर - - - महा - -- - देव ..........!!!!!!!!

Sunday, June 3, 2012

" bharat ki sanvedhaanik sansthaaon main baithe vishesh chor ????

" bharat ki sanvedhanik sansthaaon me baithe......vishesh -- chor "..????
       priya mitro , saadar namaskaar !! aaj mera " transletar khraab hai , pichle 3-4 dino se main koshish kar raha hoon ise durust karne hetu lekin mujhse ye theek nahi ho paya hai , isliye kripya aap is " fouji " type ki inglish se kaam chlaa len . 4 dino se main koi lekh aap tak nahi panhuchaa paya , to maine doosron ki kating se kaam chlaayaa , lekin fir bhi mujhe ek azib si ghabrahat si mahsoos hoti rahi ki main aap tak apni baat nahi bhej sakaa . jaise koi chugal khor do din koi chugli kisi ki naa kare to use pet dard hone lagta hai waise hi mujhe ho raha thaa . to aaj maine faisla kar liya ki chaahe jaise bhi ho , main apni baat aap tak awshya panhuchaaunga. to hazir hai aaj ki baat . yaani anna hazaare or babaram dev ji ki baat ! yaani team kezriwal ki baat !! or ant main hmari shreef sarkaar ke ujle prdhanmantri ji ki baat !!!!
                          bharat sarkaar ke prwkta ji farmate hain ki kuch log jo videshi taakton ke haath main khelkar desh ki janta ko bhadka rahe hain or desh ki sanvedhanik sansthaaon kaa anaadar kar rahe hain , kyonki garima ko ghataa rahe hain . dosto aaj maine sarkaar ka paksh pahle is liye rakhaa hai kyonki mujh par ye dosh naa lage ki main bhi anna teem ya baba ram dev ji ki teem ka aadmi hoon ??  jaise hi teem anna ne hmare prdhanmantri ji smet 14 or kendriya maanniya mantriyon par aarop lgaaye to sarkaari or sirf congresi prwaktaaon ne pahle to ise anargal aarop sidh karne ki koshish ki , fir jab dastavez dikhaye gaye to kewal prdhanmantri ji ne ek chota saa byaan de diyaa ki " agar mujh par zraa saa bhi dosh sidh ho gyaa to main apna " raajnitik keriyar "tyaag doonga " . u.p.a. gathbandhan ke kisi doosre dal ne is byan ka smarthan tak nahi kiyaa or naa pahle kabhi dhang se lagne wale aaropon par congres ka saath dete hain u.p.a. gathbandhan ke sahyogi rajnitik dal kyon....????? koi batayega ...?sirf congres ke leader hi bechaare kahte hain ki sansad ka apmaan mat karo , prdhaan mantri ji ka apmaan mat karo ...wagerah - wagerah . hmari naani to kahti thi ki beta har aadmi ki izzat uske apne haathon main hi hoti hai !!yanha bhi to yahi baat laagu hoti hai ......!! 
                   choron - thagon or badmaashon ko pahle rajnitik dalon ne apna partiyon ka block prdhaan , jila pardhaan or pardesh pardhaan banaya , jab koi vishesh virodh nahi huaa to in rajnitik dalon ke munh ko jaise khoon lag jata hai , to inhone in badmashon ko vidhayak or saansdon ki tikten dena bhi shuru kar diya , dheere dheere sabhi dal kamobesh aisa hi karne lage . isiliye aaj sansad main paksh or vipaksh main koi bhed nazar hi nahi aataa . tab mushkil ye ho gayi ki janta ke saamne koi vikalp hi nahi bachaa .bkol maya wati ji ki ek taraf saanp naath to doosri taraf naag naath ?? ab to bichchu naath , taantiyaa naath or madhumakhkhi naath jaise naa jaane kitne zahreele neta or rajnitik dal ban gaye hain . janta ki baat karne wala koi dikhayi nahi deta !!!kyon ...kyaa koi bataayega ...?? 
             kal ek chor hmaare shahr main pakda gaya . wo ek moter cycle chura raha thaa ki tabhi kisi ne dekh liyaa to wanha patrkar or pulis ji bhi panhuch gaye to wo choor jor se bola ki ...suniye - suniye mujh pulis par poora vishwas hai . pulis is maamle ki jaanch karle agar mera koi dosh sidh ho gayaa to main apna ye keriar tyaag doonga , ...sab chonk gaye !!! ki bhyi ye kyaa thaane daar ji bola abe chal thaane main tujhe btaata hoon , teri jaanch beta ho gayi or tujhe sazaa bhi abhi main or ye janta degi chal ....thaane . !! 
                          hmaara sistam hi kuch aisa hai ki chote chor ko to foran sazaa or badaa chor pahle byaan dega fir jaanch hogi or fir nyaayaalya main maamla chalega fir kanhi jaakar doshi sidh huaa to sazaa hogi . isi mudde ko teem anna uthaa rahi hai jise bharat ki sanvedhanik sansthaaon main kabja kiye baithe neta type chor samjh kar bhi samjhna nahi chaahte hain kyonki sidhi si baat hai ki agar wo wastav main samjh kar wo kaam kar diyaa jo janta chaahti hai to unhe koun bachaayega ....????????
                                  to bhaaiyo or bahno jaisa ki anna ji ne aahwaan kiya hai ki ab baaten nahi kaam karne kaa wakt aa gayaa hai .....kraanti ki aawshyakta hai ...is liye jaago or jagaao !! bhrasht neta ko dekhna sun na or uska swagat karna chod do chaahe wo aapki party ka hai ya aapke ilaake ka hai ya fir aapke dharm ya jaati ka netaa hai !! bas bure aadmi ko dutkaar do !! use maan mat do , uska sanmaan mat karo ...apne aap wo samjh jaayega or wo bhaag jaayega ...!! agar fir bhi wo naa maane to use vote mat do !! abhi se koi badhiya aadmi dekhna shuru kar do taaki chunaavon main koi mushkil naa ho . or aap bhi ek man se shareef netaaon kaa saath do unhe jitaa or apni partiyo ke netaaon ko majboor karo ki wo sahi vykti ko tiket deven !! agar aap rajnitik kaarykarta hain to !!

                                to mitro aap bhi hmeshaa ki tarah apne vichaar hmaare tak awshya panhuchaayen hmaare blog or grup main jaakar type karen jiska naam hai " 5th piller corrouption killer " aaj hi log on karen www.pitamberduttsharma.blogspot.com.     

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...