Monday, April 30, 2012

" देश का नया राष्ट्रपति - कैसा हो ? आदेश दे सके , वैसा हो " !!

आदेश देने वाले चंद ही बचे सभी मेरे देश वासियों और मित्रों को मेरा हार्दिक नमस्कार !!
              लोक - तंत्र के  सबसे महत्वपूर्ण पद , राष्ट्र पति  हेतु नए प्रत्याशियों की चयन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है । सभी पार्टियों में विचार विमर्श शुरू हो चूका है की किसको अगला राष्ट्रपति बनाया जाए ?? जैसा की सबको विदित है की लोकसभा और राज्यसभा में किसी एक पार्टी का शासन नहीं है , और न ही किसी एक गठबंधन की मर्ज़ी इस बाबत चल सकती है इसलिए गहन चिंतन और परामर्श हो रहा है सब राजनितिक दलों में !! और जिनसे नहीं पूछा जा रहा जैसे मिडिया वाले आदि - आदि वो धक्के से अपने तरीके से " सुझाव " देने पर तुले हैं जैसे की हम !!
                        अब हमारा सुझाव भी आप लोग पढ़ ही लो ...., वो ये है की जितना हम पढ़े हैं राजनीती शास्त्र , तो उसमे यही लिखा है की राष्ट्रपति प्रधान - मंत्री जी को " आदेश " देते हैं , और सभी निर्णय प्रधानमंत्री जी की "सलाह "पर ही करते हैं  । देश की वास्तविक बागडोर हमारे राष्ट्रपति जी के पास ही होती है । यंहा तक की प्रधानमंत्री जी की नियुक्ति और सभी सेनाओं के बड़े जनरल उन्ही का आदेश मानते हैं । लेकिन उन्हें अपने आदेश भारतीय संसद में 6. माह में पास करवाना आवश्यक होता है, 
                     अब यंही पर हमारे संविधान की गागर उलटी हो जाती है , वो ऐसे की अब एक अकेले व्यक्ति की इतनी जान- पहचान होती नहीं जो वो सारे सांसदों से पहले संपर्क करे और फिर जीतने लायक मतों के अधिकार वाले सांसद अपने पक्ष में करना बहुत ही  कठिन काम है , इसलिए जिस पार्टी का संसद में बहुमत आ जाता है उस पार्टी का मुखिया ही तय करता है की इस अहम् पद का प्रत्याशी कौन हो ????? भारत के इतिहास में ऐसे बहुत ही कम अवसर आये हैं जब किसी राष्ट्रपति ने स्वयं का कोई निर्णय प्रधानमंत्री जी से जबरन या समर्थन के बिना पास करवाया हो !! 
                        बल्कि हमारे पूर्व राष्ट्रपति सरदार ज्ञानी जेल सिंह जी ने तो यंहा तक कहा था की मुझे तो इंदिरा जी कन्हे तो मैं झाड़ू भी लगा सकता हूँ , मौजूदा राष्ट्रपति महोदय जी के बारे में एक कांग्रेसी नेता ने ये कहा था की वे सोनिया जी के घर पर चाय बनातीं थीं इसलिए उन्हें इस पद के काबिल समझा गया हालाँकि उन्हें ये बोलने पर दंड भी दिया गया लेकिन इन बातों से ये पता चलता है की चुना वोही जाता है जो प्रधानमंत्री जी और उस दल के मुखिया जिसका शासन है उनका कहना माने !! अन्यथा नहीं । मतलब ये की हमारे नेताओं ने संविधान को भी अपनी सुविधानुसार तोड़ - मरोड़ लिया है !! 

                              जरा नज़र घुमा कर देखें की जिन महापुरषों का नाम संभावित  राष्ट्रपति पद हेतु लिया  जा रहा है क्या वो अपने विवेक से कोई निर्णय लेने में सक्षम हैं  ???या सिर्फ एक " रबड़ - स्टेम्प " बन कर ही रह जायेंगे !! जैसे मौजूदा राष्ट्रपति जी ने एक कसाब के मुद्दे पर ही इतना टाईम लगा दिया, क्या ऐसे ही आने वाले समय में सारे निर्णय लए जायेंगे ???? जब की देश में जन - लोकपाल , भ्रष्टाचार , कालेधन और अफसरों का काम नहीं करने जैसे मुद्दे विराजमान हैं जिन पर न तो कभी राष्ट्रपति महोदय बोलीं हैं और न ही भविष्य में बन्ने वाला कोई राष्ट्रपति बोलेगा ...??? भारत को एक मजबूत स्वयं के विवेक से निर्णय लेने वाला राष्ट्रपति चाहिए जो आवश्यक कार्य प्रधानमंत्री जी की सलाह से तुरंत करवा सके अगर किसी वजह से प्रधानमंत्री जी आनाकानी करें तो उस अहम् निर्णय को दबाव दाल कर लागू करवाएं या मिडिया और जनता से सुझाव मांगें .....क्यों ....??? जी आप सब मित्रों की इस बारे में क्या राय है ??? आपकी नज़र में कौन वो व्यक्ति है या महिला है जो इस अहम् भूमिका को निभा सकता है ???? कृपया अपने सुझाव अपने तर्कों के साथ हमें लिख भेजें हमारे ब्लॉग और ग्रुप में कमेंट्स लिख कर !! जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज  ही  लाग  आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. बोलो जय श्री राम !! धर्म की जय हो , अधर्म का नाश हो , प्राणियों में सद्भावना हो और विश्व का कल्याण हो !! हर - हर - महादेव ..!!! 

Sunday, April 29, 2012

" कांग्रेस का हाथ - जनता के मुंह पर तमाचे जैसा " ..??

मेरे प्यारे दोस्तों , नमस्कार !! दलीप कुमार जी की एक फिल्म का गीत था , " साथी हाथ बढ़ाना ..., एक अकेला थक जायेगा मिलकर बोझ उठाना "..। उसी तर्ज़ पर कांग्रेस ने चुनावों से पहले ये नारा दिया था की " कांग्रेस का हाथ गरीब और कमज़ोर के साथ " ! लेकिन कल की एक घटना ने ये एक बार फिर साबित कर दिया की ये हाथ साथ के लिए नहीं बल्कि जनता का मुंह बंद करने हेतु है !! 
                                       कल कर्णाटक के तुमकुर शहर में कांग्रेस की अध्यक्षा जी का एक कार्यक्रम था , उसमे एक महिला अपनी बात कहना या रखना चाहती थी ज्ञापन के द्वारा , जब उस महिला की कोई बात नहीं सुनी गयी तो उसने प्रदर्शन किया काले झंडे का और नारे बजी की जिसको रोकने हेतु उस सभा में उपस्थित कार्यकर्ताओं ने उस महिला की नाकेवल पिटाई की और उसका मुंह भी बंद करके मारने की कोशिश की गयी  । इस काले कारनामे में एक खाकी वर्दीधारी कोई सरकारी कर्मचारी भी दिखाई दे रहा है जो उस महिला का मुंह दबा रहा है !
                          इतना समय बीत जाने के बावजूद न तो कोई महिला संगठन उस महिला के पक्ष में सामने आया है और ना ही कोई टी.वी. चेनल !! क्यों ...पता नहीं जब इसी तरह की कोई घटआज ना किसी और पार्टी या हिन्दू धरम से सम्बंधित जगह पर हुई होती तो माथे पर बड़ी - बड़ी बिंदियाँ लगा कर कई महिलायें इंग्लिश मिडिया पर शोर मचने आ जातीं ....क्यों ...??आपको याद होगा इससे पहले भी राजीव जी की सभा में एक प्रदर्शन कर रहे व्यक्ति की कई नेताओं द्वारा पिटाई की गयी थी , तब चुनाव चल रहे थे इसलिए चुनाव आयोग के ध्यान में आ गयी बात नहीं तो दबा ही दी जाती वो घटना !!

                             ये वास्तविकता है की आज कल के नेता , चाहे वो किसी भी दल से सम्बंधित क्यों न हों अपने आपको किसी राजा  से कम नहीं समझते  ! इसी तरह बड़े अफसर और धनि लोग सब आम जनता को दबा कर ही रखना चाहते हैं क्यों ....??????????     आप ही बताएं मित्रो हमारे ब्लॉग या ग्रुप पर आकर अपने अनमोल विचार अवश्य टाईप करें !! जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आपके विचार हमारे लिए " च्यवन प्राश " का काम करेंगे !! ..धन्यवाद !! बोलो ...धरम की जय हो , अधरम का नाश हो !! प्राणियों में सद्भावना हो !! विश्व का कल्याण हो !! ...हर - हर महा देव ....!!

Friday, April 27, 2012

" कल हमारी (भाजपा की )," " शेम - शेम " हो गयी ! ! और हम रो पड़े !!

शर्म महसूस करने वाले जो चंद लोग बचे हैं उन सब मित्रों को मेरा श्रध्धा से भरपूर सलाम !!
                   " शर्म " वैसे तो ओरतों का गहना माना गया है लेकिन ये कभी कभी पुरषों को भी आ जाती है और जिनको नहीं आती उनको , उनके चाहने वाले प्रयास करते हैं तरह - तरह से की शर्म आजाये, फिर भी अगर शर्म नहीं आती तो वो प्रयास मित्रों और चाहने वालों की बजाय उस व्यक्ति के मोहल्ले निवासियों के पास , फिर नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों के पास , फिर पुलिस के पास और अगर फिर भी वो शख्स शर्म महसूस न करे तो न्यायालय उसे शर्म महसूस करवाता है !! उसे फिर शर्म नहीं ..बल्कि सज़ा कहा जाता है !!
                                   वैसे तो जीवन में ऐसे कई मोके आये हैं की जब हमें हमारे किसी काम की वजह से शर्म आई हो, लेकिन ऐसे मोके बहुत कम आये हैं जब हमें किसी और के द्वारा किये गए काम से शर्म आई हो !!ऐसे अवसर हमारे राजनीतिज्ञों की वजह से आजकल ज्यादा आने लगे हैं , कोई भी राजनितिक दल इन गंदे कामो को करने और फिर उस से देशवासियों को शर्म दिलाने में पीछे नहीं है !!               हम बचपन में खेलने के बहाने से " स्वयं - सेवक " बने । फिर युवा अवस्था में चाचा जी , राष्ट्रपिता जी , शास्त्री जी और फिर हिंद की शेरनी के द्वारा किये गए बढ़िया कार्यो और उनके सचरित्र को देख कर कांग्रेस पार्टी जिन्दा बाद के नारे लगाये !! r.s.s. के समर्थन से !! जब थोड़ी होश आई और अच्छे - बुरे की समझ आई तो थोड़ी देर लाल झंडे को भी सलाम किया परन्तु उनके भी अन्दर के राज बहुत गहरे थे , इस लिए जल्दी ही असहजता महसूस होने लगी तो हमने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और वंहा शांति का एहसास हुआ क्योंकि जो संस्कार हमें r.s.s. ने दिए थे उनको ही लेकर इस भाजपा का गठन हुआ था ............लेकिन .....हाय री किस्मत !                         सपना मेरा टूट गया .....चंद वर्षों में ही भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने अपने " सुकर्मों " से पार्टी को वैसा ही बना दिया ,जिन कारणों से हमदुसरे दलों को छोड़ कर आये थे !! जो प्रचारक किसी गरीब कार्यकर्ता की चटाई पर बैठ कर भोजन किया करते थे और पार्टी संगठन की चर्चा उस परिवार की महिलाओं और बच्चों सहित सबसे किया करते थे , और फिर किसी निर्णय पर पंहुचा करते थे अपने विस्तृत प्रवास के बाद ....!! वोही प्रचारक या संगठन मंत्री , पार्टी के केंद्रीय नेता और प्रदेशिक स्तर के नेता वातानुकूलित कमरों में बैठकर , काजू - बादाम , मदिरा - मांस और सोमरस का सेवन करके भ्रष्ट तरीकों से कमाए गए धन को पार्टी और अपने लिए फंड को ग्रहण करके किसी चोर के पक्ष का निर्णय लेते हैं !! ये बातें सभी जानते हैं लेकिन मानते नहीं थे ...इसलिए शर्म महसूस करने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था !! जैसा मेने ऊपर लिखा की आखिर न्यायालय ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण जी को ( भूतपूर्व जानबूझ कर नहीं लिख रहा हूँ ) दोषी करार दे दिया है सज़ा आज सुनाई जाएगी ! सजा चाहे उम्र कैद हो या गिलानी जी की तरह मात्र 30 सेकिंड की सज़ा तो सजा ही है !! इस लिए और किसी को शर्म आई हो या न आई हो ...मित्रो मुझे तो बहुत आई !! एक बार तो जी ने चाहा की राजनीति से त्याग - पत्र दे दिया जाये , लेकिन दुसरे ही पल एक चतुर राजनीतिज्ञ की तरह मैंने अपने मन को समझाया की नहीं तू क्यों किसी के पाप की वजह से त्याग पत्र दे ??? अगर तुमने ही त्याग - पत्र दे दिया तो देश को सुधरेगा कौन ???? इसलिए मित्रो अब मैंने इस देश की राजनीती को सुधार्हे की जिम्मे दारी अपने ऊपर लेली है !! 
                                    शर्म तो कल्कि एक और घटना से भी मुझे आ रही है , जब राजस्थान के राजसमन्द शहर में प्रादेशिक स्तर के नेता भाजपा की एक मीटिंग ले रहे थे जिनमे हमारी एक महिला विधायक श्री मति किरण महेश्वरी और महामंत्री श्री सतीश जी पूनिया भी शामिल थे , इतने बड़े नेताओं की उपस्थति में जो गालियाँ निकली गयीं और जो निर्णय लिए गए बस पूछो मत जी , मैं तो वंहा नहीं था लेकिन जैसे ही ये समाचार मुझे मिला बस मेरा तो रना ही निकल पडा ...शर्म के मारे , मुझे रोता देख समाचार देने वाला मेरा मित्र बोला की श्री मति किरण जी भी वंहा रो कर बाहर निकलीं थीं !!


                             कीचड से तालाब भर गया है , पहले जो कमल खिला था अटल जी के समय में वो इस में दब गया है !! और अब हमको फिर से इस कीचड में कोई नया कमल खिलाना है !! इसलिए मित्रो आप सब ज्यादा से ज्यादा संख्या में हमारे ब्लाग और ग्रुप के साथ जुड़ें जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " रोजाना  हमारे  लेख पढ़ें , फिर उन लेखों को अपने मित्रों के साथ शेयर करें और फिर अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग में जाकर लिखे ताकि हम उन्हें अपने पास सहेज कर रख सकें ताकि इन लेखों की जब पुस्तक प्रकाशित हो तब हम आपके विचारों को भी प्रकाशित करवा सकें !! धन्यवाद !! बोलिए जय श्री राम !! 

" सचिन " नामक हीरा , " कोयले की खान " में खूब चमकेगा ...!!!

हीरे को पहचानने और जान्ने वाले सभी मित्रो और सहेलियों को मेरा ....हरिओम !! ( नमस्कार ) ! स्वीकारें 
                             पिछले कुछ समय से लगभग सभी नेताओं की साख इतनी गिर चुकी थी की हर कोई किसी भी नेता की इज्जत ही नहीं करना चाहता था ! जो वास्तव में बढ़िया चरित्र के नेता थे वे बेचारे बड़े परेशान थे की क्या किया जाए जिससे हमारी इज्जत तो बची रहे ...परन्तु कुछ सूझ नहीं रहा था !! तभी उन लोगों ने कमाल कर दिया जिनके ऊपर रोज़ नए - नए इलज़ाम लगा करते थे , वो ये की उन्होंने तय किया की क्यों न किसी ऐसे आदमी को अपने साथ मिला लिया जाए जिससे लोग " सांसदों " को बे - ईमान , चोर , ठग और गद्दार न कह सकें !!
                             गहरे विचार विमर्श के बाद बहुत ही बढ़िया आइडिया ना जाने किसके दिमाग में आया की उन्होंने हमारे देश के गौरव महान खिलाडी श्री सचिन तेंदुलकर जी को महामहिम राष्ट्रपति महोदय जी से सांसद मनोनीत करवा दिया !! जिसने भी ये समाचार सुना वो ख़ुशी से फूला नहीं समाया !! लेकिन जब रात हुई तो हमारे देश के इलेक्ट्रोनिक्स मिडिया ने प्राईम - टाईम में जो मुद्दे को खींचा है ........की पूछो मत आप !! अब चेनल वाले जिस भी विषय पर चाहें , विशेष कार्यक्रम बना सकते हैं उसमे दो आदमी बुराई करने वाले और दो आदमी अच्छाई करने वाले बिठा लेते हैं बस फिर बन जाता है प्रोग्राम !! ऐसा ही कुछ रात को भी हुआ जी । 
                               एक नेता जी बोले सचिन जी की गरिमा बढ़ी है न की राज्यसभा की !! जबकि जनता को तो ये लग रहा है की गंदे नेताओं ने संसद को मंदिर रहने ही कब दिया है उन्होंने तो इसे " फिल्म - स्टूडियो " बनाकर छोड़ दिया है जिसमे कभी लड़ाई वाली फिलम चलती है तो कभी शेरो-शायरी वाली ??? मेरा तो ये मानना है की जिन नेताओं पर रोजाना कोई न कोई दोषारोपण होता था उन्होंने सचिन जी को अपनी ढाल बनाया है बड़ी ही चतुराई से ताकि अब आगे आने वाले समय में जब भी आरोप नेताओं पर लगें वो कह सकें की नहीं जी संसद में तो सचिन जी जैसे देश भगत , दानी और रेखा जी जैसे सुन्दर और मेहनती सांसद हैं !                            जबकि कुल चार लोग मनोनीत हुए हैं लेकिन हमारा देश भगत मिडिया सिर्फ दो लोगों के बारे में ही चर्चा करता रहा बाकी लोग कौन हैं वो कम लोग ही जानते हैं ....क्या आप बता सकते हैं की वो कौन लोग हैं ....तो जल्द बताएँ हमारे ब्लॉग और ग्रुप पर जाकर जिसका नाम है " " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " साथ में आप अपने कमेंट्स भी अवश्य टाईप करें जी !! अगर आपको हमारे ये लेख पसंद आ रहे हैं तो फेस बुक पर आप इन्हें " शेयर " भी कर सकते हैं !! जी आज ही लाग आन करें . www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आप हमारे ब्लाग पर अपने कमेंट्स भी लिख सकते हैं !! जिन्हें हम अपनी जान से भी ज्यादा संभल कर रखेंगे ! धन्यवाद !! आखिर में मेरी भगवन से यही प्राथना है की वो इन नेताओं जैसे न बने ...बल्कि अपने जैसा किसी एक को भी बना दिया तो भी इस देश का भला हो जाएगा !

Wednesday, April 25, 2012

" म्हारे मनमोहने की तो - बाट - लाग रही से " ..!!" नो सौ चूहा खाके ,- बिल्ली - हज्ज करण ने चाली से !!

मेरे प्यारे मित्रो , सीधा - साधा नमस्कार स्वीकार कीजिये !! क्योंकि आज मैं जिस विषय को आपके साथ सांझा करना चाहता हूँ , वो भी बिलकुल सीधा साधा है ।  वो ये की क्या हमारे प्रधान-मंत्री जी से सोनिया जी का दिल भर गया है ...???
                    क्योंकि जिन चार या पांच ( होसकता है की संख्या कुछ दिनों में और बढ़ जाए ) मंत्रियों ने " अपना मंत्री पद छोड़ कर " पार्टी की सेवा करने की इच्छा जताई है वो इतने चतुर हैं की पूछो मत ! वो ये जानते हैं की अगले संसदीय चुनावों में कांग्रेस के नेत्रित्व में सर्कार नहीं बनेगी अतः ये सब बदमाश लोग मोजुदा कार्यकाल समाप्त होने से पहले उस प्रकार मैदान छोड़ कर भाग रहे हैं जैसे जहाज़ के डूबने से पहले चूहे भागते हैं ..!! ये सब काम एक सोची समझी कूट निति के चलते होरहा है !! कुछ घाघ किस्म के नेताओं का मानना है की क्यों न मनमोहन जी से स्तीफा दिलवाकर ...अपने युवराज " राहुल बाबा को प्रधानमंत्री बना दिया जाए और फिर चुनाव लड़ा जाए !! तब हो सकता है की भारत की जनता " भावुक " होकर कांग्रेस को " वोट " करदे                               पिछले कई महीनो से ये संकेत भी आ रहे हैं की मनमोहन जी और सोनिया जी में अब वैसे सम्बन्ध मधुर नहीं हैं जैसे पहली बार की सरकार बनाते वक्त थे !! कई ऐसी योजनायें और कार्यक्रम हैं जिन पर दोनों के विचार भिन्न - भिन्न हैं !! चाहे वो महाराष्ट्र में परमाणु बिजली घर बनाने का मामला हो या फिर श्री लंका निति ! वैसे इतिहास को देखा जाए तो जब भी किसी पद पर आसीन व्यक्ति को हाई - कमांड के निर्देश पर उसको उसके पद से उतारना हो तो इसी तरह से ही उतारा जाता है जैसे आज होता दिखाई दे रहा है ???
                           हाई - कमान का मानना है की जितने भेद रोजाना सरकार से बाहर आ रहे हैं वो अपने मनमोहन जी की मर्ज़ी से ही बाहर आ रहे हैं और कांग्रेस की भद्द पिट रही है !! इसलिए इस मनमोहने को भी सीताराम केसरी और नरसिम्हा राव की तरह दूध में से मख्खी की तरह फेंको !! इसलिए मैंने कहा की " अपने मन - मोहने की तो - बाट - लाग  रख्खी से ...और नोऊ सौ चूहे खाके ससुरा या बिल्ला " ...हज कारन ने चाल्या सै...?? अब बस देखनो ओ है के ओ काम राष्ट्रपति के चुनावास्यूं पहले होवे है के बाद मैं ...??? 
                           सरदार जी को भी सारे मसले का ज्ञान है इसीलिए उन्होंने सोनिया जी के पास संदेशा पंहुचाया की मुझे राष्ट्रपति ही बनादो ...सुना है की मैडम मानी कोन्या ...!!

                                 तो मित्रो आपका क्या कहना है जी इस मुद्दे पर .... आप अपने अनमोल विचार हमारे ब्लॉग या ग्रुप पर आकर टाईप करें जी , जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " अगर आपको हमारे लेख पसंद आ जाएँ तो आप इनको प्रकाशित भी कर सकते हैं और फेस बुक पर शेयर भी कर सकते हैं !! आप चाहें तो आप हमारे ब्लॉग को ज्वाइन भी कर सकते हैं आज ही लाग आन करें .......www.pitamberduttsharma.blogspot.com.                   हम  आपके  अनमोल विचारों को  सहेज  कर  रखना  चाहते  हैं  ताकि जब हमारी पुस्तक का प्रकाशन हो तब आपके विचारों को भी स्थान दिया जा सके !! ....धन्यवाद !! सारे मिल कर बोलिए .....जय श्री राम !! धर्म की जय हो !! प्राणियों में सद्भावना हो ....पापियों का नाश हो !! और विश्व का कल्याण हो ! हर - हर महा ......देव !! 

" हमें तो लूट लिया , मिलके इटली के दलालों से "..??

लूटे - पुते सभी मित्रों को मेरा नंग - मलंगों वाला राम - राम !! जी , कृपया स्वीकार करें !!
                   इस देश के चौकीदार कन्हा  मर गये ? रखवाले कन्हा खो गए ?? कर्णधार किस खड्डे में जाकर डूब गए .....??? दीमकों की तरह से चाट गए है ससुरे इस देश को विदेशी चोरों के साथ मिलकर !! मुझे एक पुराणी घटना याद आ रही है की श्री मति इंदिरा गांधी जी को एक बार अर्जुन सिंह ने धमकाने वाले लहजे में कहा की मैडम मुझे आप मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनादो नहीं तो मैं ये कर दूंगा ..वो कर्दूंगा आदि - आदि ...तब इंदिरा जी ने उनको अपने कार्यालय में बुलाकर " चूर हट लाटरी " काण्ड के कागज़ दिखाए , और बोली की चुप - चाप जाकर पार्टी का काम करो नहीं तो कंही के नहीं रहोगे !! तब अर्जुन सिंह जी कई सालों तक बोल नहीं पाए थे !! ऐसा कई बार कई लीडरों के साथ जब हो चूका था !! कई बार कांग्रेस टूट भी चुकी थी !! बाद में जब जब संजय गाँधी की मृतु के बाद वो टूट सी गयीं तो चोर टाईप के नेताओं ने अपने ग्रुप ( झुण्ड ) बनाने शुरू कर दिए और सत्तारूढ़ केंद्रीय नेत्रित्व को विभिन तरीकों से दबाना शुरू कर दिया ! जनता के सामने तो ये चोर लोग कहते की हम निम्न जातियों की हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं या हमारे प्रदेश हेतु मांग रहे हैं लेकिन अन्दर से भारतीय खजाने की लूट में हिस्सा मांग रहे थे ये ससुरे !! फिर बाद में इन्होने छोटी - छोटी पार्टियाँ बना लीं और फिर केंद्रीय नेत्रित्व ने भी आँखें मूँद लीं लालच में आकर ....और इस तरह से खुलेआम गठबंधन के नाम पर मंत्रालयों के बंटवारे होने लगे और " कुत्ते मलाई चाटने लगे " ???
                               हालात यंहा तलक पंहुच गए हैं की अब तो खुले आम पार्टियां नहीं कारपोरेट घराने तय करते हैं की किस पार्टी का कौन सा " मुलायम " आदमी कौन से मंत्रालय का मंत्री बनेगा ! आज ही खबर आई है की " इटली " से इस सरकार ने हेलीकाप्टर खरीदे हैं जिसमे 350 करोड़ रूपये दलाली खायी गयी है वन्ही के दलाल के द्वारा और वो दलाल हमारी " सोनिया " जी के बहुत नज़दीक है !! और साल में बीस चक्कर भारत के लगाता है हिस्सा बांटने हेतु लेकिन नाटो किसी मिडिया को नज़र आता है क्योंकि " पचोरी " जी जैसों ने इनका सलाहकार बनना होता है ??? और ना ही किसी सुरक्षा एजेंसी  को जबकि खानापूर्ति हेतु रक्षा मंत्री जी ने जांच करने हेतु कह भी रखा था इसके बावजूद ये " लूट " हो गयी !!

                               क्या होगा इस देश का .? कैसे होगा सुधार ....??? कौन करेगा ...ये काम ?? आप कहोगे की बस भाषण ही भाषण देता है कुछ सुझाव तो देता नहीं .....तो मैं कहूँगा की आप कोमेंट्स लिखने में इतना टाईम लगाते हैं तो मैं इतनी बड़ी समस्या के समाधान हेतु कोई कार्य - योजना ऐसे ही बता दूं ....??? कदापि नहीं जी !! कोई ठोस आदमी पूछे तो बताऊंगा !! है अवश्य मेरे पास एक पुख्ता कार्य योजना ..... आपके पास कोई सुझाव हो तो अवश्य सोचकर रखें !! बाद में हम सब इकठ्ठे होकर कोई योजना बनायेंगे जी !! आप तो बस हमेशा की तरह हमारे ब्लॉग और ग्रुप में शामिल हो जाइए । हमारे लेखों को ज्यादा से ज्यादा लोगों तलक पहुंचाइये और अपने अनमोल विचारों को भी इस ब्लॉग पर जाकर टाईप करें । जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " आज ही लोगआन  करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. हम आपके अनमोल विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ताकि जब ये लेख पुस्तक का रूप लें तो आपके विचारों को भी प्रकाशित किया जा सके !! बोलो जी जय श्री राम ...!! 

Tuesday, April 24, 2012

" भस्मासुर - कांग्रेस ने , मार डाला - हाँ मार डाला "..!!??

" मार सहने वाले "सभी सहनशील मित्रों को मेरा सब्र भरा नमस्कार !!
                             मारने वाले से बचने वाला बड़ा होता है लेकिन मार सहने वाला भी बहादुर होता है ! मार भी कई प्रकार की होती है ! कुछ मारें तो ऐसी होती हैं जो कुछ समय तक ही दर्द देती हैं और कुछ तो सारि उम्र तक याद रहती हैं !! कई तो पीढ़ियों तलक नहीं भूलतीं ...??? जैसे 1984 के देल्ली सिख दंगे , गुजरात के 2002 वाले  दंगे आदि आदि ! मैं भी एक बड़ा लेखक हूँ और सेकुलर हूँ इस लिए मैं यंहा बिलकुल नहीं लिखूंगा की ये दंगे क्यों हुए किन क्रिया - कलापों की प्रतिक्रिया थीं ये दंगे !! मैं सिर्फ ये ही कहूँगा की इन दंगों में जो " निर्दोष " मारे गए उनके कातिलों में एक नाम केंद्र सरकार के कहने पर चलने के आरोपों से घिरी सरकारी संस्था सी.बी.आई. ने लिया है अदालत में ....और वो नाम है देल्ली के हरदिल अजीज नेता श्री सज्जन कुमार जी का !! 
                               इस से कुछ घंटे बाद इसी कांग्रेस ने अपने प्रवक्ता श्री अभिषेक मनु सिंघवी जी का स्तीफा भी ले लिया जिनके खिलाफ न तो प्रिंट मिडिया और ना ही इलेक्ट्रोनिक मिडिया बोल्रह था ...???यंहा तलक की विपक्ष भी अजीब सी चुप्पी साधे हुए बैठा था !! सिंघवी साहिब ने तो बड़ी ही चतुराई से अपने वकील मित्रों की मदद से सब सेट कर ही लिया था तो फिर कांग्रेस को क्या हुआ जो उनसे स्तीफा मांगने लगी ??? इस से पहले भी कांग्रेस अपने ही कितने " बच्चों " को खा चुकी है ....." भस्मासुर " की तरह !! क्यों ....कौन है वो जो धीरे - धीरे कांग्रेस को ख़त्म करना चाहता है ???
                         कई बार तो सारे राजनितिक दलों पर मुझे शक होने लगता है , की जिस प्रकार के ये दिखाई देते है उस प्रकार के हैं नहीं ....मसलन कांग्रेस , लालू मुलायम अपने आपको मुसमानो का हितेषी दिखाते हैं अवश्य लेकिन वास्तविकता में हैं नहीं ...! हाँ पैसे अवश्य दे दिए होंगे लेकिन ज्यदा काम हिन्दुओं का इन्होने ही किया है जैसे ....राम मंदिर के ताले खुलवाना , उसमे पूजा शुरू करवाना , राम नवमी की छुट्टी घोषित करना और मस्जिद तुडवाने में किनका हाथ था या किसने निर्णय लिया ....जवाब होगा इन्होने ही .....भाजपा ने नहीं ...!!
                     इसी तरह से बाकी के राजनितिक दलों का इतिहास अगर हम देखेंगे तो पता चलेगा की सब केंद्रीय स्तर के नेता जो करते हैं वैसे दिखाई नहीं देते और जो दिखाई देते हैं वैसे कार्य करते नहीं ..क्यों ???? ऐसे लोगों की चर्चा करना ही हमें त्यागना होगा ...मरे हुए साँपों को गले से उतार फैंकना होगा , इनको देखने जाना , इनका स्वागत करना , इनका भाषण सुनना और इन्हें वोट देना सब त्यागना होगा धर्म,जाती ,इलाके और पार्टियों की बेड़ियों को तोड़ कर हम में से कोई सच्चा , इमानदार , मेहनती , पढ़ा - लिखा और समाजसेवी व्यक्ति चुनना होगा और फिर उसे आग्रह करना होगा की आप चुनाव लड़िये हम आपको जिताएंगे ....!! अगर इस तरह से हम कर पाए सभी नहीं अगर 40% ही ऐसे स्वच्छ छवि वाले नेताओं को हम संसद में भेज पाए तो देश अवश्य नव क्रान्ति की और बढेगा !! 
                         आप बताइए की आपका क्या कहना है जी ......अपने अनमोल विचारों को आप हमारे ब्लॉग और ग्रुप , जिसका नाम है :- "5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " में जाकर टाईप करें !! लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 


                 ताकि हम आपके विचारों को भी हमारे पास सहेज कर रख सकें !! अंत में आपके लिए एक प्रशन ....क्या सभी राजनितिक दलों को दुबारा से अपना गठन नहीं करना चाहिए ....???? दोबारा से अपना संविधान बनाएं ...दोबारा से अपने सदस्य बनाएं ...ताकि बार - बार पार्टियों को भस्मासुर ना बनना पड़े ..!! ...बोलो राम नाम ......सत्य है !! 

Monday, April 23, 2012

" चोर एक - जुट हो सकते हैं ,लेकिन इमानदार नहीं " ..??

प्यारे व गुनिजन मित्रो ,सादर नमस्कार स्वीकार हो !                      कल टीम अन्ना की हंगामेदार मीटिंग के बाद जिस प्रकार से एक मुस्लिम सदस्य द्वारा मीटिंग की कार्यवाही बाहर अपने हितेषियों को पंहुचाने की बात सामने आई , और उस सदस्य ने फट से मुसलमानों की अनदेखी का आरोप लगा कर खुद की चोरी छुपाने की कोशिश की , वो ये दर्शाता है की देश के दुश्मन हमारे घर तक पंहुच चुके हैं और वो भी हमारे भाइयों , बहनों , पत्रकारों , नेताओं , समाजसेवियों , नायक - नायिकाओं , अफसरों , आदि आदि न जाने किन - किन चेहरों के पीछे छिपे हुए हैं या उनके ही भेष में हमारे बीच में आ बैठते हैं और हम पहचान भी नहीं पाते ...!! कोई कितना बच पायेगा और कितना चोकन्ना रह पायेगा !!
                     मिडिया को भी देखिये आप , हजार बार टीम अन्ना और रामदेव अपने बयान दे चुके हैं और साड़ी बातें साफ़ कर चुके हैं की क्या योजना है और क्या घटना क्रम हुआ मीटिंग में ..! लेकिन मिडिया फिर भी वोही माला जपे जा रहा है की टीम अन्ना दो -फाड़ , आन्दोलन को गहरा धक्का आदि - आदि !! क्यों ...?? ये कैसी पत्रकारिता है ...???दोहराने की बजाये वो और तथ्य पेश क्यों नहीं करता ...???? तभी तो मिडिया के भी बिकाऊ होने का अंदेशा होता है !!
                      किसी भी टीम में मतभेद होना कोई बड़ी बात नहीं है चर्चा करके भेद - भरे जा सकते हैं ये एक सामान्य प्रक्रिया है ! समाज सेवी किरण बेदी जी ने तो कहा भी की जब चोर इकठ्ठे हो सकते हैं तो समाजसेवी क्यों नहीं ...?? होना तो चाहिए लेकिन इतिहास यही बताता है की इमानदार लोग कम ही जुड़ पाते  हैं क्योंकि उनमे बुधिका विस्तार हुआ होता है , तो कई तरह के तर्क कुतर्क उन लोगों के दिमाग में आते - जाते रहते हैं । जिनसे नए भेद पैदा हो जाते हैं !! शायद इसी लिए गुरुनानक देव जी ने सभी इमानदार लोगों को बिछुड़ने का आशीर्वाद दिया था और चोरों को , बदमाशों को एकजुट रहने का ! मुझे तो तभी से ऐसा लगता है की गुरु जी के आशीर्वाद से ही ऐसा होने लगा है की ...इमानदार अलग - अलग विचार धारा के होते हैं !!


                           वैसे तो देखा जाए तो बहुत तरीकों से अना टीम व बाबा राम देव द्वारा अपनी बात न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में पंहुचा दी गयी है !! अब प्रदर्शन बंद करके हर दरवाजे तक  समाजसेवी पंहुचे और देश - हित हेतु " जाती ,इलाके , धर्म और पार्टियों के अंधाधुंध पीछे भेड़ों की तरह नहीं भागने का सन्देश पंहुचाएं " और भारत में वोटर को जगाएं !! हम भारत वासी कभी हमें धर्म के नाम पर बाँट दिया जाता है तो कभी आरक्षण के नाम पर !! चवन्नी का नेता नहीं होता और पैसों के बल पर हमारा मालिक बन जाता है क्यों कंही ना कंही हमारा ही दोष है इसमें ..हम क्यों गंदे राजनेता का भाषण सुनने जातेहैं ? हम क्यों उसे मालाएं पहनाते हैं और हम क्यों उसे और उसकी पार्टी को वोट देते हैं और दिलवाते भी हैं ....क्यों ....क्यों ..और क्यों ...आप ही बताइये मित्रो अपने सुझाव हमारे ब्लाग पर जिसका नाम है :- " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " आज ही लाग आन करें  www.pitamberduttsharma.blogspot.com.                अपने अनमोल विचारों को हमारे ब्लॉग पर जाकर टाईप करें क्योंकि हम भी आपके विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ताकि जब हमारे लेखों की पुस्तक प्रकाशित हो तो उसमे आपकें अनमोल विचारों को भी प्रकाशित किया जा सके !...धन्यवाद ...!! बोलिए जय श्री राम .....!! 

Sunday, April 22, 2012

बोला रे - बोला रे ,बोला रे बोला .."हमारा मनमोहन " !!

सभी मौनी बाबा टाईप मित्रों को मेरा बोल कर नमस्कार !! कृपया स्वीकार करें जी !!
                         मित्रो , कोई ज्यादा बोलता है , कोई बहुत ज्यादा बोलता है , कोई कम बोलता है तो कोई बहुत ही कम बोलते हैं यंहा तक की बोलने के पैसे भी लेते हैं । हम आज यंहा चर्चा कर रहे हैं हमारे प्रिय और इमानदार प्रधान मंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी की जो कल बहुत दिनों के बाद बोले की " हे अफसर लोगो खुलकर प्रशासनिक निर्णय लो किसी कार्यवाही से डरने की जरूरत नहीं है ।" उनके इस ब्यान से एक दिन पहले उनके ही एक सलाहकार श्री कौशिक बासु जी ने जब ये भेद खोले की सरकार की गाडी रुक चुकी है और अब ये २०१४ से पहले नहीं चल सकती । उनका इतना कहना हुआ और देश में जैसे एक तूफ़ान आ गया हो ...की ये क्या हो गया .....फिर लगे दुसरे ब्यान आने ....कोई बोला की ये उनकी अपनी राय है तो कोई बोला की उन्ही से पूछो जिन्होंने ये सब बोला है ...आदि आदि !! 
                                हमारे प्रिय प्रधान मंत्री जी , १५ अगस्त , २६ जनवरी और संसद में ही कभी कभी बोलते हैं उसके इलावा हमने तो उन्हें बोलते देखा नहीं ...क्या आपने देखा है पाठको ..!! इनसे पहले जो हमारे कांग्रेसी प्रधान मंत्री श्री नरसिम्हा राव जी हुआ करते थे वो भी " मौनी - बाबा ' के नाम से मशहूर थे ! जब - जब उनको हाई कमांड निर्देश देता था तभी वो बोल पाते थे ...ऐसे ही सवाल हमारे वर्तमान प्रधान मंत्री जी पर भी उठते रहते हैं !! इतने घोटाले होगये ...इतने अपराध हो गए , इतनी योजनाओं का पैसा लोग खा गए लेकिन इनका मुख किसी के भी खिलाफ नहीं खुला ....और जब खुला तो करम चारियों से भी बोले की तुम भी खुल कर खेलो ...आज तक किसी नेता को कुछ हुआ है जो तुम अफसरों को होगा ....??                                     देखने में भी यही आया है की ये अफसर लोग ही नेताओं को तरह - तरह के सुझाव देते हैं सरकारी धन के "सदुपयोग "का  और फंसते फिर बेचारे नेता ही हैं जी । क्या आपने कभी किसी बड़े सक्रेत्री स्तर के कर्मचारी को कभी देखा है किसी निर्णय पर सज़ा पाते हुए ....नहीं ना !! उस समय हम सब इन बेचारे नेताओं के पीछे पड़ जाते हैं  । ये नेता तो एक दम से चुनाव जीत कर विधायक या सांसद बन जाते हैं ..इन बेचारों को तो पता ही नहीं होता की किस प्रकार से सरकारी काम काज होता है ?  ये बेचारे तो दो या तीन कार्यकालों के बाद जाकर कंही परिपक्व हो पाते हैं उस से पहले तो ये संसद के पीछे वाले बेंचों पर बैठकर " ज्ञान " प्राप्त करते हैं ...जैसे भाजपा के विधायक करते पकडे गए थे ..??
                                     क्या इतना मजबूर प्रधान मंत्री  देश का होना चाहिए , अगर ये राजनितिक गठबन्धनों के कारण से मजबूरी होती है तो क्यों राजनितिक दल करते हैं गठबंधन ..?? एक बार अगर दोबारा चुनाव हो जाएँ अधरे बहुमत के फ़ौरन बाद तो आगे से जनता भी समझ जायेगी की एक ही पार्टी को बहुमत देना है ...!! तो एक बार फिर " गेंद " जनता के पाले में ही आ गयी है जी ... छोड़ो दूसरों पर आरोप लगाने ....करो स्वयं निर्णय ...की हम आज के बात किसी भी बुरे नेता और अफसर को देखेंगे नहीं .... सुनेंगे नहीं ....और उनके साथ बोलेंगे भी नहीं ...!! जो नेता हमें पसंद नहीं उसका हम स्वागत भी नहीं करेंगे और उसे वोट भी नहीं देंगे चाहे वो हमारे धर्म , जाती और इलाके का ही क्यों ना हो ? इसी तरह अब हम किसी एक राजनितिक दल से भी बांध कर ना रहें क्योंकि पहले इन राजनितिक दलों के प्रदेशिक और केंद्रीय नेताओं का स्तर बहुत ऊंचा हुआ करता था , लेकिन अब लगभग सभी दलों के नेता अपना विश्वास खो चुके है अपने निर्णयों के कारण तो हम क्यों उनका भार अपने सर पर उठाये फिरें ..??


                  क्या विचार है मित्रो आपका इस बारे में  , कृपया अवश्य अपने अनमोल विचारों से हमें अवगत करवाएं चाहे विचार हमारे साथ मिलते हों या नहीं लेकिन व्यक्त अवश्य करें क्योंकि हम आपके ये अनमोल विचार अपने ब्लॉग पर सहेज कर रखना चाहते हैं ...जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " आज ही लाग आन करें  www.pitamberduttsharma.blogspot.com.  आप  चाहें  तो  हमारे ब्लाग के लेख कंही प्रकाशित भी कर सकते हैं । आपके सहयोग हेतु कोटि - कोटि धन्यवाद !!

Friday, April 20, 2012

" सेक्स करना " हमारा " मौलिक - अधिकार है , आखिर " दिल तो बच्चा है जी " ...???

सभी " सेक्सी " मित्रों को मेरा , रमणीय नमस्कार !!
                          एक गीत बहुत मशहूर हुआ था की , " मेरी पेंट भी सेक्सी , मेरी शर्त  भी सेक्सी , मेरे बाल भी सेक्सी , मेरी चाल भी सेक्सी है .....", और न जाने क्या - क्या सेक्सी है इस गीत में आगे गीतकार ने लिखा था ... लेकिन वो एक चीज़ लिखना भूल गया ... की हमारा नेता भी सेक्सी है ....???? कोई बड़ी बात नहीं है भूल हो जाती है इंसान से अब संसार में इतनी चीज़ें सेक्सी हैं वो भी बेचारा किस - किसको लिखता ...??? मेरी एक मित्र एक दिन मुझसे बोली की तुम्हारा चश्मा बड़ा सेक्सी है ...!! अब आप ही बताओ की ये चश्मे में सेक्स कन्हा से घुस गया ...? राम ही जाने !! राम से याद आया की देश के एक मशहूर फिल्म निर्देशक , निर्माता और अभिनेता श्री राज कपूर साहिब ने एक फिल्म बनायीं थी , जिसका नाम था " राम तेरी गंगा मैली हो गयी " !! मेरी नानी ने जिद पकड़ ली की मुझे ये धार्मिक फिल्म दिखा कर लाओ , मैंने बहुत समझाया की नानी ...ये सिर्फ एक नाम है उस लड़की का जो पहाड़ों में रहती है लेकी नानी नहीं मानी फिल्म देखने पंहुच ही गयी !! और जब फिल्म शुरू हुई तो बोली की देखो गंगा मैया है तो सही मंदिर भी दिखा रहे हैं .... लेकिन थोड़ी ही देर बाद जब वंहा " म्क़न्दाकिनी जी स्नान करने पंहुची तो अम्मा लगी गालियाँ बकने ...सारा हाल फिल्म छोड़ कर नानी की गालियाँ सुनके उसे वंहा से हटाने हेतु कहने लगा और मैं अपनी नानी को सिनेमा - हाल से घर वापिस लाया । घर आकर नानी बोली अब कभी फिल्म नहीं देखूंगी ....???
                             ये कहानी आपको इसलिए सुनाई है क्योंकि आपको भी ये पता चले की सेक्स जीवन का एक अभिन्न अंग है और अति आवश्यक है , सभी ज्ञानीजन इस बात को भली भाँती जानते हैं लेकिन फिर भी न जाने क्यों इस "महान सांस्कृतिक - कार्य " को  एक गन्दा - कार्य समाज के ठेके दारों ने घोषित कर रखा है ???? हाँ कुछ नियम अवश्य हैं हम सबको उनका पालन अवश्य करना चाहिए क्योंकि वो नियम हमारे ही भले हेतु बनाये गए हैं !! दशकों - सेंकडो वर्षों के बाद इन नियमो में थोड़े बदलाव अवश्य आ जाते हैं लेकिन मूल - भावना वो ही रहती है क्योंकि सत्य कभी बदलता नहीं !!
                                   " डिस्कवरी  " चेनल देखने वाले दर्शक भली भाँती जानते हैं की सभी पशुओं और पक्षियों में भी विपरीत लिंगों में प्यार होता है , उस प्यार का बड़े ही सुन्दर ढंग प्रदर्शन भी होता है . और जब एक ही " वस्तु "के एक से ज्यादा आशिक हो जाते हैं तो फिर उनमे " युद्ध " होता है और फिर " विजयी " होने वाले को " इनाम मिलता है जी !!ऐसा ही मनुष्यों में भी होता है , बस अंतर केवल इतना है की मनुष्य अपनी बुध्धि के बलसे दूर से ही पहचान जाता है की ताकतवर कौन है ....और कमज़ोर आदमी बिना युद्ध के ही समर्पण कर देता है ।।
                      ऐसा ही समर्पण " राजस्थान में भंवरी बायीं ने किया एवं अब एक महिला वकील ने जज बन्ने हेतु ....कथित तोर पर कांग्रेस के नेता श्री अभिषेक मनु सिंघवी जी के समक्ष किया " । कईयों के पेट में बल पड गए ..?? अब बताइये की क्या वो महिलायें जानती नहीं थीं क्या वो क्या कर रही हैं ?? एक नर्स थी तो एक वकील अनजान तो अनपढ़ महिला भी नहीं होती .....?? तो फिर सज़ा केवल आदमी ही को क्यों .....बताइये - बताइये ...?? क्या केवल इस लिए की आदमी एक मशहूर नेता है ..?? क्या नेता को किसी के साथ राजा मंदी के साथ सेक्स करने की आज़ादी नहीं ...?? क्या वो एकांत में व्यस्क फिल्म नहीं देख सकता ....??? सरकार और सब तरह के कानूनों की जानकारी हेतु टी. वी. चेनलों में विज्ञापन दिखाती है तो इस बारे में चुप क्यों रहती है ???? क्यों पूरी कानूनी जानकारी सेक्स के बारे में नहीं बतायी जाती !! जब हमारी अदालतों ने " गे " मनुष्यों को एक साथ रह कर वो सब कुछ करने की छूट दे दी है तो दो विपरीत लिंग राजा मंदी से सेक्स का आनंद क्यों नहीं ले सकते ????
                       जब सबको विस्तृत इस बारे में जान कारी हो जाए गी , और सरकार इसमें संशोधन करके मनुष्यों को रजामंदी से सेक्स करने की छूट दे दे तो अपराध भी कम हो जायेंगे ...!! और जो बेचारे हमारे जैसे इस बुढापे में शेरो - शायरी का सहारा लेकर आशिकी करते हैं उन्हें भी कुछ राहत सी मिल जाए .....???? क्यों मित्रो आपका क्या कहना है .....???? ये "सेक्स भी बच्चा है जी " जैसे लोग कहते हैं की " दिल तो बच्चा है जी !! जब भी ये दिल किसी पर आ जाता है तो ...आ ही जाता है ....किसी का दोष नहीं होता .....हाँ रजामंदी के बिना अगर कोई सेक्स किसी के साथ करता है तो ....." मृत्यु - दंड "  तो मिलना ही चाहिए !!! 


                आप सब मित्र अपने विचार हमारे ब्लॉग और ग्रुप जिसका नाम है " 5th pillar corrouption killer " कृपया आज ही लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. पर जाकर अवश्य लिखें ..क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को भी सहेज कर रखना चाहते हैं जी  ..!! आप चाहें तो इसे अपने मित्रों को शेयर भी कर सकते है और कन्ही प्रकाशित करना चाहें तो भी कर सकते हैं इस लेख को !! ..धन्यवाद् !! तो बोलो जय श्री राम !! हो गया .." काम " !!

Thursday, April 19, 2012

" बधाई हो ! अब हम भी मिसाइल हमला रोक सकेंगे "!!

सभी देश भगतों को मेरा सादर नमस्कार !
                         आज मेरा मन बड़ा ही हर्षाया हुआ है क्योंकि हमारी सरकार की निति से और हमारे विद्वान वैज्ञानिकों की म्हणत से हम भारत वासियों ने पहली इंटर कांटिनेंटल ब्लास्तिक मिसाइल बना ली है , और उसका सफलता पूर्वक परिक्षण भी कर लिया है , इसका नाम " अग्नि - 5 है और ये 5000 किलोमीटर तक मार भी कर सकती है और बचाव भी कर सकती है । हमसे पहले रूस,चीन,अमेरिका और फ़्रांस को ये ताकत प्राप्त है ! रक्षामंत्रल्या के सलाहकार और डी.आर.डी.ओ.के चीफ श्री वी. के सारस्वत जी के अनुसार उनकी टीम ने कर दिखाया , जिसके लिए वो सब बधाई के पात्र हैं । हमें हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है और हमारी सरकार भी सही निर्णय लेने के कारन बधाई की पात्र है ! इस मिशन के डायरेक्टर डा. श्री अविनाश चन्द्र ने अभी ३-४ परिक्षण और होंगे तब इसे सेना में शामिल किया जायेगा ! ये भारत ही है जी  , जिस से किसी भी देश को खतरा नहीं है , हम तो अपनी सुरक्षा हेतु ये सब कर रहे हैं । यही बात नाटो के प्रवक्ता डा. एंडर्स फ़ो रासमुसेन जी ने भी कही है !!
                                    भारत ने कभी भी पहले किसी को दुश्मन नहीं माना है , बल्कि हमने तो सबको एक परिवार  माना है । इसी वजह से कई बार हमें कमज़ोर समझ लिया जाता है लेकिन हमने कई बार विश्व को अपनी ताकत भी दिखाई है !!
                    आप सब मित्र भी अपने विचार हमें अवश्य बताइये जी हमारे ब्लॉग पर टाईप करके जिसका नाम है :- " 5th pillar corrouption killer " कृपया आज ही लाग आन करें www.pitamberdutt.sharma.blogspot.com. सारे मिल कर आज बोलो ....जय - हिंद ...!! 

Wednesday, April 18, 2012

" वह मोदी , कौन मोदी , वाह ! मोदी ,हाँ मोदी ,क्यों मोदी , शेर मोदी ,अकेला मोदी ",...????

माला जपने वाले सभी मित्रों को मेरा , १०८ बार राम - राम !! कृपया स्वीकार करें जी !!
                        ये देश भी अजीब है जी , यंहा कभी तो कोई देवता बन जाता है , तो कभी कोई पल में राक्षस बन जाता है । पहले वो शख्स क्या था कौन था इस से कोई सरोकार नहीं , बस एक बार किसी ने कोई मुद्दा उछाल दिया तो बस इस देश में और कुछ दिखाई ही नहीं देता किसी को जी । अपने आपको अकल्मन्द कहने - समझने वाले भी " मोहरे " बन कर रह जाते हैं । 
                         पिछले ५-६ सालों से एक बाबा जी हमें बोझ मुक्त कर रहे थे तो पिछले दस सालों से गुजरात के मुख्यमंत्री जी को कई लोग भविष्य का " सत्ता - सुधारक " साबित करने पर तुले हुए है । सब अपनी अपनी माला जपे जा रहे हैं और मन्त्रों की जगह यही रटते  जा रहे हैं । अचानक वो बाबा जी तो देवता से ठग बनगए , और मोदी जी कईयों के गले नहीं उतर रहे , चाहे वो तीन बार लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री ही क्यों ना बन गए हों ?? उन्हें तो बस दंगे - दंगे - दंगे ही नज़र आते हैं ...चाहे उन्हें जाच करने वाली S.T.I. की टीम अपनी रिपोर्ट में बरी करे या अदालत बरी करे , तो भी तथाकथित सेकुलर लोग उनका पीछा नहीं छोड़ने वाले , पता नहीं क्यों ...??? हिन्दुस्तान में हुए और जगह के दंगों के बारे में कभी कोई नहीं बोलता पता नहीं क्यों ..?? 
                           दूसरी तरफ जो श्री मान नरेंदर मोदी जी को देश के प्रधान - मंत्री के रूप में देखना या दिखाना चाहते हैं , वो भी हकीकत से दूर " कागज़ी - कश्तियों में स्वर लगते हैं !! क्योंकि किसी को भी प्रधान - मंत्री बन्ने या बनाने हेतु संसद में कम से कम २४० सांसद चाहियें जो अकेली भाजपा के बस की बात है नहीं , एन.डी.ऐ. के सभी घटक मोदी जी को चाहते नहीं , अभी हाल ही में जब दिल्ली में सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक प्रधान मंत्री जी ने बुलाई थी तो नितीश जी अपनी अलग पटरी बिठा रहे थे और मोदी जी अलग ?? दक्षिणी और पूर्वी राज्यों में भाजपा का कोई नाम लेने वाला नहीं और जन्हा नाम लेने वाला कोई है वंहा संगठन की हालत बहुत ही खस्ता है !! भले ही पंजाब , दिल्ली , गोवा ,आदि के चुनावो ने पार्टी का होसला बढाया है लेकिन धरातल में जड़ें कमज़ोर हो चुकीं हैं                          आज कल सभी पार्टियों में झूठे,मक्कार,ठग,और बेईमान लोगों ने अपने अपने " झुण्ड "  बना रखे हैं , वो बड़े नेताओं को अच्छे नाश्ते कराते हैं , उन्हें खुद की खातिर चंदा देते हैं , लग्ज़री गाड़ियों में घुमाते हैं और बढ़िया होटलों में , दारु - मांस और शबाब पेश करते हैं !! और जो नेता इन सब चीज़ों का शोंक नहीं रखता तो उसे पार्टी हेतु चंदा दे देते हैं ! जिससे प्रभावित हो कर वो नेता जो प्रदेश या केंद्र से आया हुआ होता है उन्ही " झुण्ड " वालों के चक्कर में फंस कर उन्ही के पक्ष में पार्टी के महत्वपूर्ण निर्णय ले लेता है । ऐसा पिछले ३० सालों से चल रहा है ! 
                          भाजपा भी कंही कम तो कंही ज्यादा ऐसी चालों की शिकार हो चुकी है , बल्कि संगठन के बड़े पदाधिकारी भी आजकल सिर्फ अमीरों के घर ही प्रवास केदोरान भोजन करते हैं जी ! शाखाएं सिर्फ कागजों में चलती हैं जी , जब कोई प्रचारक महोदय आते हैं तो शहर के सभी स्वयंसेवकों को इक्कठा करके संख्या दिखादी जाती है जी !! हालत इतनी बुरी है की एक मंडल में सभी मोर्चों - प्रकोष्ठों की कार्य कार्नियों के सदस्यों की संख्या जोड़ी जाए तो लगभग ४०० बनती है लेकिन किसी भी मंडल की बैठक में ४० से ज्यादा किसी भी बैठक में संख्या नहीं होती जी क्यों ....किसी को जान्ने की जरूरत नहीं पड़ी आज तक जी ????  जिले वाले , प्रदेश वाले  इतना चंदा कार्यकर्ताओं से वसूल कर ले जाते हैं लेकिन कभी भी कोई हिसाब नहीं देते जी क्यों....??? कभी किसी कार्यक्रम हेतु राशि प्रदेश से नहीं आती सब मंडल स्तर पर उसके सर पर भार पड़ता है जो विधायक या सांसद बनना चाहता है ....यंही से ....राजनीति से भ्रष्टाचार शुरू होता है जी ...!!
                           आम आदमी भी कम बे-इमान नहीं है जी उसका भी जन्हा तलक हाथ जाता है लपकने की पूरी कोशिश करता है क्योंकि इसदेश की रगों में बेईमानी दोढ रही है खून की जगह !! तो प्रश्न ये पैदा होता है की क्या अकेला मोदी इतना बड़ा काम कर पायेगा ?,गुजरात किसको सोंपा जाएगा ? ,अकेली भाजपा कैसे इतने बड़े लक्ष्य को प्राप्त करेगी ?और कंही मोदी जी का हाल भी तो महान नेता अटल जी जैसा नहीं होजायेगा " गठबंधन - सरकार का मजबूर प्रधान मंत्री " वाला ....??? कंही एक बार फिरसे मोदी जी " गठबंधन -धर्म " निभाने में फ़ैल तो नहीं हो जायेंगे ...??? भगवन करे ऐसा ना हो !!                               मैं भी चाहता हूँ की ये देश खुश हाल बने , तरक्की करे , सच्चाई का बोल बाला हो लेकिन क्या करून .....ससुरा कलयुग चल रहा है !!  मित्रो किसी भी काम हेतु पूर्व में तैयारी आवश्यक है इसी लिए मैं संगठन और भाजपा के लोगों को  चेताना  चाहता हूँ की ऐसे " झुंडों " से चोट खाए कार्यकर्ताओं को जब तलक वापिस मेन - लाइन में नहीं लाओगे तब तलक ये सपना - सपना ही रह जाएगा जी !! फिर न कोई अन्ना,रामदेव,काम आएगा और न ही अडवानी और सुषमा जी काम आएँगी ....वोही अधूरा - जनमत रह जाएगा ...???


                     तो मित्रो आपका इस बारे में क्या कहना है ....??? मैंतो कहता हूँ की गंदे नेता को देखो मत , सुनो मत, स्वगत भी करो मत , और वोते भी करो मत ???? आप भी अपने विचार बताइये हमारे ब्लाग में , जिसका नाम है " 5THPILLAR CORROUPTION KILLER " www.pitamberduttsharma.blogspot.com. आज ही लोग आन करें !! आप चाहें तो ये लेख प्रकाशित भी कर सकते हैं और अपने फेस - बुक मित्रों के संग शेयर भी कर सकते हैं जी !! तो फिर अंत में हमेशां की तरह सब मिल बोलो ......जय - श्री - राम ...!!! हो जाएगा ....काम !!  

Monday, April 16, 2012

" कौन है वो ? जो हमें भारतीय के बजाय , मराठी,बिहारी,पंजाबी,मद्रासी और गुजरतीआदिबोल के आपस में लडवा रहा है ?

सभी भारतीय मित्रों को मेरा तहे दिल से नमस्कार !! कृपया स्वीकार कीजिये ..!!
             हम हैं भारतीय नागरिक , हमारी पहचान ही ये है की हमारी भाषा, वेश-भूषा,खान-पान और पहनावा भले ही अलग हो परन्तु देश हमारा एक है जिसका नाम है भारत - हिंदुस्तान और इंडिया..!! ये वो देश है जिसे दुनिया " सोने की चिड़िया " के नाम से भी जानते थे !! संसार के कई भागों से लुटेरे समय - समय पर आते रहे और हमें लूट कर व हम पर राज करके जाते रहे ..! ये इतिहास तो सारे जानते ही हैं । सभी ये भी जानते हैं की हमारा धरम चाहे कोई सा भी हो,लेकिन इस धरती को हम अपनी माता के समान मानते हैं ! 
              हमारे नेता आजसे पहले कई तरीकों से गन्दी राजनीती करते थे लेकिन भारत - माता के नाम पर सभी राजनितिक दलों के नेता एक हो जाया करते थे ! लेकिन पिछले कुछ समय से मैंने ये महसूस किया है की अब देश को बाहर के दुश्मनों से इतना खतरा नहीं है जितना देश के भीतर बैठे दुश्मनों से हो गया है ! कभी शिव सेना वाले कहते हैं की मराठी - मानुष के इलावा महाराष्ट्र में किसी को नहीं रहने देंगे तो कभी कांग्रेस की श्री मति शीला जी कहती हैं की दिल्ली में बाहरी लोगों की वजह से अपराध बढे हैं ?? किसी ने तो ये भी कहा कीहमारे प्रदेश में आने हेतु " वीजा " लेना पड़ेगा ..ये सुन कर मेरी छाती पर सांप लोट गए ! जी में आया की इस देश की कमान मेरे हाथ में हो और मैं ऐसे सारे ..." जमूरों " को ठीक करदूं !!
                ऐसी वाहयत बातें करने वालों के खिलाफ इस देश में कोई कानून नहीं है , जो इस देश के कभी आरक्षण , कभी जातिवाद और कभी प्रदेशिक स्तर पर बाँट कर अपने वोट बेंक को पक्का करना चाहते हैं ?? कभी - कभी तो यही महसूस होता है की भारत में छोटे - मोटे अपराधियों हेतु एक अलग कानून है और बड़े "अपराधियों " हेतु मात्र दिखावे हेतु क़ानून है ?? हर चीज़ में राजनीति हो रही है हर काम को वोटों से टोला जा रहा है और हर काम से चोरी करने की योजनायें बनाई जा रही हैं तो इस देश का " राम - नाम - सत्य " तो होना ही है !!

           अभी देश के सभी मुख्यमंत्रियों की एक आवश्यक बैठक सरदार मनमोहन सिघ जी ने बुलाई जो सोभाग्य से हमारे प्रधान मंत्री हैं , उस से भी बड़े सोभाग्य की बात ये है की श्री मान पी.चिदम्बरम जी हमारे गृह -मंत्री जी बने हुए हैं ।लेकिन अब मुझे,ये इनका इन पदों पर होना,हमारा दुर्भाग्य ही नज़र आता है । क्योंकि किस ने मीटिंग में क्या बोलना है वो सब पहले ही प्रेस को और जनता को पता था , जबकि इतने महत्व पूर्ण विषय पर बैठक हो रही थी ।इसे तो सीक्रेट रखा जाना चाहिए था !! इसी लिए एक बड़े ही काम की बैठक , बच्चों का हुडदंग बन कर रह गयी !कोई कहता है , प्रदेश में मेरा शासन है केंद्र क्यों अड़चन करे , तो केंद्र कहता है की हमें जब पूरे भारत की सरकार कहा जाता है तो राज भी हम सारे भारत पर करेंगे !! हद तो तब हो जाती है जब एक पार्टी का सांसद पब्लिक जलसे में कहता है की " हम जो पैसा इस सरकार को भेजते हैं , उसे इस प्रदेश का मुख्यमंत्री अपनी मर्ज़ी से खर्च कर देता है " ....आदि आदि । कोई इनसे पूछने वाला नहीं की पैसा तो बेचारी जनता का होता है जो अलग - अलग टेक्स चूका कर सरकार को देती है इनको तो हमने देख रेख हेतु चुनते हैं और ये हमारे धन को अपना ही बना लेते हैं , शायद इसी लिए लगभग हर नेता बिना कोई काम करे करोड़ों कमा लेता है कैसे ....पता नहीं ????? अगर पता चल जाए तो हम भी नेता ना बन जाएँ .....???? हम क्यों ऐसे लेख लिखते फिरें ....??? क्यों मित्रो , आपका क्या कहना है ....??? जो भी आप कहना चाहें , वो आप हमारे ब्लॉग " 5th pillar coorouption killer " पर जाकर इस लेख के निचे लिखे कमेंट्स पर क्लिक करके लिखें , ताकि हम भी आपके विचारों को अपने पास सहेज कर रखें !! तो आज ही लाग आन करें :- www.pitamberduttsharma.blogspot.com. 

Sunday, April 15, 2012

" मांग पूरी करो ...सजना !! .नहीं तो "...???

" मांग " पूरी करवाने की कला जानने वाले, सभी मित्रों को मेरा नमस्कार !!
                                पहले अपनी जायज़ - नाजायज़ मांग को पूरा करवाने की कला छोटे बच्चों को , बूढों को और महिलाओं को ही आती थी !! आजकल तो जिसे देखो वो अपनी मांगो का ज्ञापन ले कर फिरता है और मांग चाहे नाजायज़ हो या जायज़ बस जिद पकड़ लेता है की बस पूरी करो हमारी ये मांग !! पहले तो भिखारी या कमज़ोर लोग ही माँगा करते थे और मांगने को बहुत बुरा समझा जाता था ! पुराने लोग तो मर जाते थे लेकीन मांगते नहीं थे । शान के खिलाफ होता था ये कार्य !! लेकिन आज जिसे देखो ....वो ही कुछ - न कुछ किसी न किसी से मांग ही रहा है !! पता नहीं क्यों .....इतना गिर गए हैं लोग ...??? शायद इसलिए क्योंकि आजकल लोग " नौकरी " करना ज्यादा पसंद करते हैं !! इसी लिए मांगने की आदत सी पद गयी है लोगों को ! कोई राशन मान रहा है तो कोई कपडा , कोई नोट मांग रहा है तो कोई वोट , कोई क़ानून मांग रहा है तो कोई आरक्षण !! जिस प्रकार हम अपनी पत्नी जी की मांग भरते - भरते थक गए हैं और थोड़े - थोड़े बूढ़े से नज़र आने लगे हैं उसी तरह से हमारी सरकार भी मांगें पूरी करती - करती बूढी सी नज़र आने लगी है !                                आज कल तो उग्रवादी , माओ वादी और न जाने कौन कौन ससुरा मांगने में लगा है , इतने हट्टे - कटते हैं काम नहीं करते म्हणत नहीं करते और कभी किसी को उठा ले जाते हैं तो कभी किसी को !! अभी कुछ दिन पहले हमारी सोनिया जी के पीहर से दो " सज्जन " घूमने हेतु आये और भारत के मशहूर स्थान घुमते - घुमते पता नहीं कैसे और क्यों हमारे " माओवादी नक्सली " "सज्जनों " से मिल लिए या मिला दिए गए ....राम ही जाने !! लेकिन हमें तो और हमारी सरकार को तब पता चला जब उन जंगल में रहने वाले " क्रान्तिकारों " ने शहरों में रहने वाले अपने " वार्ताकारों " के ज़रिये सम्पर्क साधा !! उन्हों ने मांग रख्खी की जो पुलिस ने म्हणत करके जिन उग्रवादियों को पकड़ा है उन्हें बा - इज्ज़त  रिहा करदो नहीं तो इटली से आये नागरिकों को हम स्वर्गवासी बना देंगे !! 
                          इस घटना से कुछ दिन पहले इसी इटली के जहाजी फोजियों ने हमारी समुद्री सीमा में घुसकर हमारे ही मछुआरों को मार डाला था । इस घटना को हमारी सरकार लाख कोशिशों के बावजूद छिपा नहीं पायी थी !! अब मुझे पता नहीं की इन दोनों घटनाओं का एक दुसरे से कोई सम्बन्ध था या नहीं था ??? लेकिन ये " इटली "अवश्य कामन था ? दोनों सरकारों , सारे मीडिया और हमारे देश के चोक्क्न्ने विपक्ष की समझदारी भरे " आचरण " से दोनों इटली के " मामे " रिहा होगये और ख़ुशी - ख़ुशी अपने देश रवाना हो गए !! लेकिन इस घटना क्रम में एक पक्ष तो बेचारा फंसा का फंसा ही रह गया ........वो बेचारा " विधायक " जो अभी तलक उन्ही माओवादी - नक्सली  सज्ज्न्नो के अधिकार क्षेत्र में है । उसके लिए भी उन्हों ने दर्जन से ज्यादा कैदियों को रिहा करने की मांग रख्खी है जिसे मानना ही पड़ेगा हमारी सरकार को !! अटल जी के टाइम में तो जो हमारे रक्षा मंत्री जी अफगानिस्तान में उग्रवादियों को छोड़ कर आये थे तो कांग्रेसियों ने आज तलक वो रिकार्ड बजाना नहीं छोड़ा था की देखो अटल जी की सरकार सरेंडर हो गयी ....?? अब जब इटली के मामे फंसे तो ससुरा कोई नहीं बोल रहा है क्यों ...??? ये ससुरे भाजपा वाले भी चुप हैं क्यों ...?? अरे बदला लेने का अवसर आया है तो बोल नहीं रहे हो और जब चुप रहना होता है तो बिना मतलब के बोले ही जाते हो ...!!
                              बच्चों , बीवियों और बजुर्गों की मांगें पूरी करना तो हमारा  कर्तव्य है लेकिन इन देश के दुश्मनों के सामने झुकना कन्हा तलक उचित है ...अगर हम अपने सिपाही को शहीद करवाना उचित मानते हैं तो ऐसे मोके पर हमें भी शहीद अगर होना पड़े तो जरूर देश हित में मर जाना चाहिए ...ताकि हमारी सरकार किसी उग्रवादियों के दबाव में ना आने पाए !! और इसी तरह इटली हो या अमेरिका हम उनके लिए देश के दुश्मनों को क्यों रिहा करें ...क्या हमने उन्हें जंगल में जाने हेतु खा था ....????

                      आप ही बताइये मित्रो ..!! आपकी क्या राय है इस बारे में ??? आज ही , बल्कि अभी अपने विचार हमारे ब्लॉग  " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " पर  जाइए और अपने अनमोल विचार टाईप कीजिये ! और अगर आपको हमारा ये लेख पसंद आये तो आप इसे अपने मित्रों संग शेयर भी कर सकते हैं , और कंही प्रकाशित करना चाहें तो ख़ुशी से कर सकते हैं हमारी कोई " मांग " नहीं है ! बस विचारों का आदान - प्रदान चाहते हैं बस !! ........धन्यवाद !! बोलो जय श्री राम !!  

Friday, April 13, 2012

" उडी - बाबा , उडी बाबा - उडी -" बाबा "....??

"बाबाओं " की बात मानने वाले "सहेलियों " व बेलियो " !! सबको मेरा प्रणाम !!
                          भारत देश प्राचीन काल से ऋषियों,मुनियों और बाबाओं की मेहरबानी से चलता आ रहा है । जब भी किसी साधारण मनुष्य या किसी असाधारण व्यक्तित्व पर मुसीबत आती है ,तो वो इन सब में से किसी एक या फिर बारी - बारी से सबके पास जाता था , जाता है और जाता रहेगा ....कोई रोक नहीं सकता ..., चाहे कोई बाबा करोड़ों कमा ले , चाहे कोई बाबा किसी के साथ रजामंदी से या बहला - फुसला कर " आनंद " बाँट ले ...इत्यादि - इत्यादि !! क्योंकि ये आदमी की मनोवृत्ति से जुडी हुई बात है । ये अख़बार और चेनल वाले भी बड़े अजीब हैं पहले तो ऐसे बाबाओं के विज्ञापन प्रकाशित करते हैं और फिर उन्हें ढोंगी कहते हैं !!
                                  अब यंहा किसी बाबा का नाम लेना ठीक नहीं क्योंकि कल ही एक प्रोफ़ेसर ने बंगाल की शेरनी के बारे में कुछ फेसबुक पे लिख दिया था तो बेचारे को जेल जाना पडा और कार्यकर्ताओं से मार भी खानी पड़ी ...उस बेचारे को " ममता की क्षमता " का पता चल गया ?? इस लिए हम तो इशारों - इशारों में ही आपको समझा देंगे । पंजाबी में एक कहावत है जी , वो ये की " किसी को मांह ( उड़द की दाल ) बादि , तो किसी को सवादी " ! यानी जिसे फायदा पंहुच जाता है वो तो किसी नियम को नहीं मानता और जिसे फायदा नहीं पंहुचता वो " बाल की खाल उतारता है ....या केस कर देता है !! बाबा चाहे कोई भी हो किसी को कोई फरक नहीं पड़ता बस यही एक " मापक " होता है की फायदा पंहुचा या नुक्सान ?? 
                                   इसमें कोई शक नहीं की जिस प्रकार किसी सड़क पर जादू का खेल दिखाने वाला खेल दिखाते वक्त कुछ अपने आदमी भी जनता को गुमराह करने हेतु भीड़ में खड़े रखता है उसी तरह ऐसे बाबा लोग भी करते हैं , भारत में तो हर तीसरी गली में ऐसे चमत्कारी लोग मिल जायेंगे । क्योंकि यंहा तो भगवन भी तभी मिलता है जब आप अपनी " तार्किक शक्ति को छोड़ कर पूरी तरह परमात्मा की शरण में नहीं आ जाते !! 
                       गंदगी हर जगह अपने आप ही आ जाती है , कंही से लानी नहीं पड़ती , पुराने से पुराना इतिहास निकाल कर देखलो कोई भी वो व्यक्ति जिसने इश्वर के सच्चे ज्ञान को आम आदमी को उसकी आम भाषा में सच्चे मन से भी समझाने की कोशिश की हो , लेकिन कुछ समय बाद उसके " चेलों " ने ही ऐसे - ऐसे नियम क़ानून उस बेचारे " सच्चे - बाबा " के नाम से ही बना दिए की कुछ सालों के बाद एक सच्चा काम भी आडम्बर बन के रह जाता है .....ज़रा ध्यान से सोचिये ...जो आज , सिख , जैन , बोध , इसाई , मुस्लिम , राधा - स्वामी , निरंकारी , आदि - आदि जो किसी मनुष्य द्वारा चलाये गए धरम या डेरे हैं उनमे वो कितना हो रहा है जो उनके गुरुओं ने कहा था , आप देखेंगे की सब जगह सिर्फ और सिर्फ .." आडम्बर " ही रह गया है ! फ़ालतू के नियम पहरावे और महल धरम के नाम पर बनाए जा रहे हैं और अरबों खरबों रुपया पता नहीं किसके लिए इकठ्ठा किया जा रहा है ?? और कौन उस धन का उपयोग कर रहा है या बेकार ही पडा है कौन जानता है ये सब ?? कोई सच सुनने को तैयार ही नहीं ...!! इसलिए सब सोचते हैं भाई हम क्यों बुरे बने अपने आप परमात्मा इनको सबक सिखाएगा ??? क्योंकि हम तो कोई काम करते नहीं जी !! इसी लिए मैं भी हर लेख के अंत में सबको कहता हूँ की बोलो जय श्री राम !!


                     भगत कबीर जी ने भी कहा है की " कबीरा तेरी झोंपड़ी , गल - KATIYAN के पास ! करेंगे जो भरेंगे , तू क्यों भया उदास !!  तो मित्रो हमेशा की तरह आप हमारे ब्लॉग जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " जिसे www.pitamberduttsharma.blogspot.com. लोग - आन करके पढ़ा जा सकता है , कृपया आप सब मित्र इसे पढ़ें , समझें और फिर इसे अपने मित्रों में शेयर करकर अपने अनमोल विचार ब्लाग पर जाकर लेख के निचे टाईप करें , क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं , ताकि पुस्तक प्रकाशन के समय उनको हम प्रकाशित करवा सकें !!................. धन्यवाद !!

" क्या शिलाजीत खाकर खेल रहे हैं , ये खिलाडी I.P.L. में "..??

" शिलाजीत " नामक पदार्थ का किसी न किसी रूप में सेवन कर चुके मेरे प्यारे मित्रो , ताकतवर नमस्कार स्वीकार करें जी !
                                    खेल हो या जंग सब जगह इन्सान को " दम " की जरूरत पड़ती है किसी फ़िल्मी गीतकार जी ने तो यंहा तलक कह दिया की " जिंदगी हर कदम इक नयी जंग है " !! आजकल तो " प्यार " में भी ताकत की आवश्यकता पड़ती है इसलिए मेरे जैसे उम्रदराज़ आदमियों को ये शिलाजीत नामक पदार्थ का सेवन करना ही पड़ता है !! 
                               हमारे क्रिकेट खिलाडी भी बड़े अजीब हैं कभी तो सारी टीम से पूरे दिन में जीत हेतु आवश्यक 280 रन ही नहीं बन पाते , और वो ही खिलाडी एक दिवसीय मैच में आधे दिन में ही लगभग 50 ओवर में ही 350 रन बना देते है । हैरानी तो हमें तब होती है जब वो ही "कमज़ोर " दिखने वाले खिलाडी I.P.L. में मात्र 20 ओवरों में ही इतने ही रन  हस्ते हस्ते बना देते हैं !! या तो ये उन चीयर गर्ल्ज़ का कमाल है या फिर ....कोई ऐसी दवा जो ....इस कमाल के काम करने में काम आ रही है ???? वैसे आज से पहले भी क्रिकेट खिलाडियों का भी डोप टेस्ट होना चाहिए , ये बात उठ चुकी है !! हम तो दम - ख़म बढाने वाली " खुराक के पक्षधर हैं जी !! पंजाब में तो ये कहावत है की " दब के वाह , ते रज के खा "!! 
                            हमें बिलकुल भी ऐतराज़ नहीं की ये खिलाडी अमीरों की टीम का हिस्सा बने .....!! लेकिन देश के लिए भी जब जित हेतु थोडा मुश्किल लक्ष्य हो तो ......होसले से काम लिया करें !! धन्यवाद !!


                         आप सब मित्रों से निवेदन है की आप हमारा ये ब्लॉग , जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " लगातार पढ़ रहे हैं , तो पसंद आने पर इसे आप अपने सभी मित्रों के साथ शेयर भी कर लिया करें , क्या पता , आपके बढ़िया मित्र , हमारे भी मित्र बन जाएँ , क्योंकि मित्र जितने भी हों , कम होते हैं , और किसी ने बड़ा सुन्दर खा है की " हर इक फ्रेंड जरूरी होता है " !!!! तो देर मत कीजिये आज ही लाग आन कीजिये www.pitamberduttsharma.blogspot.com.  और पढ़िए रोज़ एक नया लेख जो आपको स्फूर्ति से भर देगा .....!! अगर आपको पसंद आये तोभी , और कुछ कमी दिखाई दे तो भी हमें अपने अनमोल विचारों से अवश्य अवगत करवाएं !! कृपया हमारे ब्लॉग पर जाकर ही अपने विचार टाईप करें जी , क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को अपने पास सहेज कर रखना चाहते हैं , और जब इन लेखों की पुस्तक प्रकाशित होगी तब आपके विचारों को भी एक अहम् स्थान मिलेगा !! जैसे हमारे दिल में आपके लिए एक विशेष स्थान है !! बोलो जय श्री राम !!  

Wednesday, April 11, 2012

" वाह !! क्या ......सिग्नेचर है "..???

" सिग्नेचर " के जान कार सभी मित्रों को मेरा रसीला नमस्कार !! स्वीकार कीजिये !!
                     आज के लेख का विषय बिलकुल रानीतिक नहीं है लेकिन राजनीती सहित सब क्षेत्रों से सम्बंधित अवश्य है । इसलिए इसे ले लिया की चलो आज सभी मित्रों, चाहे वो लेडीज़ हों या जेंट्स  कईयों  का प्रिय है ये " सिग्नेचर ब्रांड " ?????
      जब हम बचपन से जवानी की तरफ अपने कदम बढ़ा रहे थे तब हमें पहली बार इस सिग्नेचर का चस्का पडा और हम क्या स्कूल में और क्या घर बस ........रोज़,बढ़िया दिखाई देने वाले " सिग्नेचर " लिखने में जुट जाते फिर अपने मित्रों भाई - बहनों को दिखाते की देखो इनमे से कोन  से ऐसे हस्ताक्षर हैं जिनके करने से हम देखने वाले को बड़े अफसर जान पड़ें !! कई बार और कई दिनों की म्हणत के बाद हमने इंग्लिश में पी.डी. शर्मा लिख कर ही अपने " सिग्नेचर " पास किये जो आज तलक चल रहे हैं 
                           अब आते हैं उस सिग्नेचर " की तरफ जो आप समझ रहे थे ....!! क्या कहा नहीं ...? चलो जाने दीजिये मैं अपनी बात ही कहता हूँ .. वो सिग्नेचर की बोतल जिसमे सोम - रस होता है उसका भी स्वाद हम ने कई बरस तक चखा है क्योंकि शायर लोग कहते थे की जो देवदास नहीं बना वो प्यार क्या करेगा और निभाएगा क्या ..??? हमें भी एक साथ पढने वाली कन्या से पहला - पहला प्यार हो गया जो बाद में उसके पापा ने उतार दिया और हमारे एक बड़े मित्र जो हमसे दो कक्षा आगे पढता था , ने हमें इस " सिग्नेचर " नामक सोम -रस से परिचित करवा दिया ....और इस तरह से हम भी ...देवदास बन गए और 2010 की 31 दिसंबर तक बने रहे !! जब हरे घर पुत्रवधू आने का कार्यक्रम बना तब त्यागी ये ससुरी सुरा !!

                       आप कहोगे ये सब तो ठीक है , पर ये लेख का विषय क्यों बना ...?? तो मित्रो अब हम आज के विषय की तरफ आते हैं !! आज मैंने जब समाचार - पत्र खोला तो उसमे एक विज्ञापन पढ़ा की " सिग्नेचर " कम्पनी ने अब ऐसे परफ्यूम तैयार किये हैं जो भारतीय " राशियों " के अनुसार हैं ...!! यानी अब पंडित जी के पास जाने की कोई जरूरत नहीं ...बस ! " सिग्नेचर " कम्पनी का बना अपनी राशि के मुताबिक सैंट लगाओ और अपना भविष्य सही रखो ..!! बोलिए है न ये आज का मनोरंजक विषय !! बस ..!! इसी लिए हमने इस पर विचार लिख दिए ....इसी तरह से आप भी अपने अनमोल विचार हमारे ब्लॉग पर टाईप कीजिये और इस लेख को अपने सभी मित्रों संग शेयर कीजिये ...भगवन आपका भला करे ......!!आज ही लोगआन  करें हमारा ब्लॉग जिसका नाम है " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " www.pitamberduttsharma.blogspot.com.  

" 1947.से आज तक ,किसी को " हिन्दू " मरता नज़र क्यों नहीं आता " ...??

मेरे सभी " जिन्दा - इंसान " मित्रों को मेरा सलाम !!
                 जो पैदा हुआ है वो समय आने पर मरता भी है , प्रकृति का नियम है यह । डरपोक रोज़ मरता है और दिलेर सिर्फ एक बार मरता है । याद दोनों तरह के आदमी रहते हैं हमें और इतिहास को !सज्जन व्यक्ति अच्छे काम करके मरता है और दुर्जन बुरे ! लेकिन आजकल कुछ इस तरह के मनुष्य भी इस संसार में पाए जाते हैं जो  मनुष्यों से ही खेलते हैं , मनुष्यों से ही काम करवाते हैं , मनुष्यों का ही शोषण करते हैं , मनुष्यों को ही खा जाते हैं और मनुष्यों पर ही राज करते हैं ...!!?? ऐसे लोगों को " नेता ,ठेकेदार , सरकारी अफसर , अमीर पत्रकार ,पूंजीपति ,धार्मिक महंत ,और सामाजिक कार्यकर्ता भी कहा जाता है !! ये सब किसी ना किसी राक्षसी प्रवृति के व्यक्ति या सगठन से जुड़े होते हैं । ये सिर्फ उसी के अनुसार चलते हैं । उस मुख्य व्यक्ति के साथ - साथ इनका भी कोई न कोई हित इन पाशविक कार्यों में जुदा होता है !! ये समाज के हर क्षेत्र में पाए जाते हैं !!
                                   ऐसे ही कुछ पाशविक प्रवृति के लोग पिछले तीन सो सालों से हमारे हिन्दुस्तान के पीछे पड़े हैं ...न जाने क्यों ...?? इनका एक ही लक्ष्य है की " हिंदी , हिन्दू और हिन्दुस्तान " को कैसे नुक्सान पंहुचाएं ?? कभी अफगानी मुस्लिम लुटेरे , कभी अँगरेज़ , और कभी पाकिस्तानी - खालिस्तानी ,नक्सली , आदि - आदि बन कर ये अपना काम कर रहे थे हैं और करते रहेंगे ..! जब तलक इनका सम्पूर्ण संघार नहीं किया जाता तब तलक ये समस्या हल नहीं होगी !!
                             ये लोग किसी भी छोटी या बड़ी जाती के छोटे से छोटे दुःख को भी पूरा प्रचारित करते हैं और कंही अगर वो दुर्घटना वश मर जाए तब तो सब इस प्रकार के कौए कांव - कांव करने लग जाते हैं !! लेकिन किसी भी हिन्दू के मरने या जानबूझ कर सेंकडों की गिनती में ही क्यों न मारे जाएँ इनकी आँख में कभी आंसू नहीं दिखाई देते !! 
                         गुजरात के दंगों में कई हिन्दुओं और मुसलमानों सहित एक सांसद भी मारा गया तो ये जिसने उनको मारा उसको कुछ नहीं कह रहे लेकिन नरेंद्र मोदी को फांसी की सज़ा दिलाने की कोशिश में जी - जान से लगे हुए हैं क्यों ...?? क्यों इन्हें काश्मीर का , पंजाब का और गोधरा का हिन्दू मरता दिखाई नहीं देता .....!! हिन्दू अपने ही देश में अल्पसंख्यक बना दिया गया ...क्यूं ...???


                              उनकी बात आने पर सब एक लाइन बोलते हैं की क़ानून अपना काम करेगा ....!! तो आज जब न्यायालय ने नरेंद्र मोदी जी को निर्दोष साबित कर दिया है तो ये सब क्यों मामले को भड़काने में लगे हैं " व्याख्या या चर्चा " के नाम पर !                         मित्रो आप अपने अनमोल विचार हमारे ब्लॉग पर जाकर आज ही टाईप करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com.          ब्लाग का नाम है " 5th pillar corrouption killer "  

Tuesday, April 10, 2012

" किस्तों में दोस्ती - किस्तों में दुश्मनी ", हम हैं हिन्दुस्तानी ...!!

किस्तों में सस्ते की बजाय महंगा  सामान खरीदने - बेचने और नाटक फिल्म देखने वाले सभी मित्रों को मेरा हार्दिक डेली सोप वाला नमस्कार ............!! कृपया फुल T.R.P.सहित स्वीकार करें ....!!
                                     जब से हमारा देश अंग्रेजों और तबके भारतीय नेताओं की वजह से , दो टुकड़ों मे बंट कर आज़ाद हुआ है तभी से हम अपने छोटे भाई से न तो ढंग से दुश्मनी निभा पा रहे हैं और नाही दोस्ती !! क्योंकि हमारे तब से लेकर आज तक के नेता कभी भी एक निति पर नहीं चल सके , वो चाहे इंदिरा जी हों या मोरार जी भाई देसाई , अटल जी हों या श्री नरसिम्हा राव जी , सबके सलाहकार " दोगले " ही रहे  ....??? क्योंकि इन्ही सलाहकारों की वजह से ही हम जीती हुई बाज़ी भी हार गए ...!! चाहे वो शिमला समझोता हो या ....आतंकवाद की निति ..सब गुड- गोबर कर दिया इन बुद्धिजीवियों ने ।। नेता भी बराबर के दोषी हैं जो न तो ढंग से सख्ती दिखा पाए और न ही ढंग से प्रेम !! बंटवारे के समय और बाद में भी न जाने कितनी बार हमने पाकिस्तान को पैसा भी दिया है जिसको कभी तर्क संगत नहीं माना गया ..!! महात्मा गांधी जी के कत्ल में एक ये कारण भी मुख्य  था !!
                                  कभी बेनजीर आयीं तो कभी मुशर्रफ , कभी जरदारी आये तो कभी गिलानी ......नतीजा.......सिर्फ धुंधली सी एक किरण मात्र और कुछ भी नहीं !! फिर कोई ऐसी घटना घटती है की तलवारें निकल आती हैं ...!! वन्ही हम पाकिस्तानी नेताओं की भूमिकाओं की तरफ देखें तो हम पायेंगे की न सिर्फ वो हमसे बल्कि सब देशों से वो पैसा भी ऐंठ लेते हैं और आज तलक हमसे दुश्मनी भी निभाते आ रहे हैं ....चाहे वो काश्मीर हो या पंजाब , बंगला देश हो या अफगानिस्तान , सब जगह हमें जो भी नुकसान हुआ है उसमे पाकिस्तानियों का हाथ अवश्य पाया गया है !!
                                 जनता हर समस्या का निर्णय चाहती है चाहे वो कष्टदायक हो या प्रसन्नतादायक ..परन्तु ढीला - ढाला तो बिलकुल भी नहीं क्यों ....क्या मैंने गलत कहा ....नहीं ना ...?? दोस्ती निभानी है तो दोस्ती निभाओ चाहे जो कुछ भी देना पड़े दोस्ती की खातिर देदो !! चाहे पूरा भारत दे कर फिर से वृहिद भारत बनादो और एक की बजाय इस देश के दो प्रधान - मंत्री , दो संसद और एक संविधान ही क्यों न बना ना पड़े ....हमें यानी जनता को सब मंज़ूर है  !! और अगर दुश्मनी का निर्णय होता है तो देखि जायेगी चाहे परमाणु बम्ब चलें या कोई और लेकिन फैसला करके हम हटें ....ऐसे नहीं !!??? 
                                   जो संसद के हमले में , नक्सलियों के नरसंघार में,या फिर किसी भी और आतंकवादी हमले में शहीद हुए हैं उनकी आत्माएं आज हमारे नेताओं और बुध्धिजीवियों के गलत निर्णयों से तड़प रही हैं  ....!! 


                             क्यों मित्रो आपका क्या कहना है इसके बारे मैं , कृपया आप अपने विचार हमारे ब्लॉग " 5TH PILLAR CORROUPTION KILLER " में जाकर अवश्य लिखें !! आज ही लाग आन करें www.pitamberduttsharma.blogspot.com. हमारे विचार आपको बढ़िया लगे हों तो कृपया अपने सभी मित्रों के साथ अवश्य " शेयर " करें , ताकि आपके अनमोल विचारों को हम सहेज कर रख सकें !! धन्यवाद !!  

Sunday, April 8, 2012

" किसकी सरकार है .....भारत देश में ."..???

सरकारी मूड के मालिक मेरे सभी मित्रों को सलाम !!
              जी हाँ कई लोग हमेशा सरकारी मूड यानि स्वभाव में ही रहते हैं , माथे पर चार सलवटें , आँखें लाल और ज्यादा खुली हुईं , भाषा उखड़ी व भद्दी तथा चाल मतवाली सी .....!! कुछ - कुछ ऐसे ही गुण होते हैं सरकारी मूड वाले लोगों के जी , जेब चाहे उनकी खाली हो या भरी उससे कोई फरक नहीं पड़ता जी , !! बस घर में भी बिना मतलब का रौब झाड़ते फिरेंगे और घर से बाहर भी !!ऐसा दिखाएँगे जैसे बस इन्ही का राज चल रहा है सब जगह !! 
                                             और कुछ लोग जिनके पास सचमुच सभी सरकारी अधिकार होते हैं लेकिन वो ऐसे चुप रहते हैं जैसे बोलने का कोई टेक्स लगता हो !!?? जैसे हमारे पूर्व प्रधानमंत्री श्री  नरसिम्हाराव जी और उन्ही की  पार्टी के सरदार मनमोहन सिंह जी ......????? सीधे - सीधे चलते हैं , सीधे - सीधे बैठते हैं ...प्रियंका जी के बच्चे को भी हाथ जोड़ कर नमस्ते करते हैं , न किसी मंत्री को कुछ कहते हैं और न किसी अफसर को , इतना ही नहीं कौन मंत्री और कौन अफसर क्या काम कर रहा है उनको कुछ नहीं पता ....!! पता नहीं वो पी.एम्.आफिस जाकर क्या करते हैं ?? यंहा तक की देश के सभी नेताओं की इज्ज़त आजकल इसी लिए जीरो हो गयी है क्योंकि कोई भी नेता कोई काम करता जनता को नज़र ही नहीं आता .....??? नेता के घर जाओ तो वह कुछ खाता  - पीता नज़र आता है विधान सभा या लोक सभा में देखो तो वो सोता,लड़ता - झगड़ता या अपना मनोरंजन करता नज़र आता है ...!! उसके चुनावी क्षेत्र में तो वो और उसके चमचे - रिश्तेदार सब साले खाते - पीते और " सरकारी रौब झाड़ते " नज़र आते है ......??? क्यों ....मुझे नहीं पता जी ...!! जनता बेचारी सिर्फ पूछ ही सकती है की ....." किसकी सरकार है .....भारत  देश में ."..???
                                   नेता चाहता है की किसी काम की जिम्मेदारी उस पर ना आ जाए ..कुछ इस तरह से काम हो की उसका सारा क्रेडिट उसे ही मिल जाए ....और अफसर सोचता है की कंही वो फंस न जाए .....इस लिए दोनों काम करने में कम ही विश्वास करते हैं ....??? इसी लिए आजकल सिर्फ वोही काम होता है जिसमे सबकी चांदी पक्की हो .....या जिस काम की रिश्वत मिल रही हो !! इसी लिए अन्ना जी और रामदेव जी के साथ इतनी जनता कड़ी है !! इज्जत की परवाह भी किसे है मिडिया शोर मचाता है तो मचाये उनकी बला से .....उन्हें क्या हो सकता है ??????
                                    इस देश में पूँजी - पतियों की सरकार है किसी u.p.a. - n.d.a. की नहीं और नहीं जनता को किसी भुलावे में रहना भी नहीं चाहिए की उसकी कभी सरकार थी - है - या रहेगी ....!!! पूँजी पति चाहते हैं जब वो किसी चेनल को और किसी अखबार वाले को पैसे देकर या पैसे से खरीदी जा सकने वाली कोई वस्तु या पद देकर अपना काम निकलवा लेते हैं !! किसको कौनसा मंत्री बनाना है और किस अफसर को कौन सा सेक्रेटरी बनाना है सब पूँजी पति ही तय करता है !! यही नहीं सभी प्रकार के सरकारी निर्णयों में भी उनका ही हस्त क्षेप होता है !! बिकाऊ गुंडे मवालियों को मैं कोई दोष नहीं देता क्योंकि उनका तो काम ही यही होता है !!
                                     तो मित्रो वार्ता यंहा समाप्त हो सकती है की जैसे हमारी सरकार हर बड़ी विपदा में सेना का सहयोग लेती है कुछ समय हेतु ...उसी प्रकार से इस लोक तंत्र को सुधारने हेतु सेना को ही बुलाया जाना चाहिए और देश के नेहरु स्टेडियम में सभी पार्टियों के चुने हुए जनप्रतिनिधियों , वकीलों, जजों , विशेषज्ञों  को तब तक बिठाए रखना चाहिए जब तलक हमारे संविधान के एक - एक कालम पर चर्चा पूरी नहीं होजाती और जो बदलाव होना आवश्यक है आज की स्थिति अनुसार !! वो हो नहीं जाता तब तलक किसी भी व्यक्ति को घर नहीं जाने दिया जाना चाहिए !! और एक वर्ष तलक उस नए संविधान को परखा जाना चाहिए की वो वस्तव में प्रभावी है या नहीं .....सारी दुविधाएं सुविधाओं में बदली हैं या नहीं ...!! जब सब ठीक लगे तब इन नेताओं को रिहा किया जाना चाहिए और हमारी सेना को ससम्मान बैरकों में वापिस भेज दिया जाना चाहिए .....???
                             क्यों मित्रो आपका क्या विचार है ....कृपया अपने - अपने अनमोल विचार हमारे ब्लाग के पृष्ठ पर आकर लिखें क्योंकि हम आपके अनमोल विचारों को सहेज कर रखना चाहते हैं ! आज ही हमारा ब्लाग पढ़ें ...जिसका नाम है .." 5th pillar corrouption killer " pl. log on daily www.pitamberduttsharma.blogspot.com. ज्यादा जानकारी हेतु आप मेरी प्रोफाइल पढ़ सकते हैं या फेस-बुक पर मुझसे जुड़ सकते हैं !!
   आपका घनिष्ठ मित्र .....पीताम्बर दत्त शर्मा  मो.न.09414657511. 

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...