Saturday, January 7, 2012

आखिर " उगल " ही दिया बी .जे .पी . ने " बाबू " को !! ??

सब कुछ लुटा के होश मैं आने वाले प्यारे दोस्तों , लुटा पुटा नमस्कार स्वीकार करें !! u. p. में भारतीय जनता पार्टी ने अपनी मर्ज़ी से नहीं , चोर श्री बाबू लाल कुशवाहा की मर्ज़ी से आखिर " उगल " ही दिया बी .जे .पी . ने " बाबू " को !! ?? सांप के मुंह में छुछुदर की तरह फंस गया था वो जो प्यारा लगा था केंद्रीय नेत्रित्व को या श्री विनय कटियार को ये हमें पता नहीं ??? लेकिन हमें ये अवश्य पता है की R.S.S. हो या B.J.P. दोनों में सत्ता सँभालने की या राजनीति करने की समझ अभी तलक विकसित नहीं हुई है !! आम कार्यकर्त्ता जिस बात को दूर से भांप लेता है उसे ये बड़े नेता बात हो जाने के बाद तक भी नहीं समझ पाते आश्चर्य की बात है ???? फिर अपनी न समझी को सही ठहराने हेतु अजीब - अजीब तर्क भी प्रवक्ता लोग देते हैं T.V. पर आ कर ???? 1975. को भी जनता पार्टी जब ढाई वर्ष ही शासन कर पाई , तब भी जनता में ऐसा ही मानना था की इन " विपक्षी " लोगों को राज करना ही नहीं आता ?? B.J.P. के पास जब सत्ता नहीं होती तब R.S.S. अपना हस्तक्षेप बाधा देता है , और जब राज करने का समय आता है और प्रशासनिक मुश्किल भरे निर्णय लेने होते हैं तब R.S.S. ये कहते हुए बाहर हो जाता है की हम हस्तक्षेप नहीं करते ???? मैं यंहा साफ़ करदूं की हालांकि बाबु लाल कुशवाहा को R.S.S. से पूछ कर पार्टी में शामिल नहीं किया होगा लेकीन  जिन्हों ने भी ये काम किया होगा वो अवश्य R.S.S. की अनुशंसा से पार्टी में मनोनीत हुए होंगे !! किसी भी नेता का कोई कोर्स या डिप्लोमा क्यों नहीं होता इस देश में ???? क्यों किसी का बेटा , बहन , पत्नी , भाई आदि एक दम से इस जनता का " लीडर " बन जाता है और उस पार्टी के एनी नेता उसके तलवे चाटने में लग जाते हैं ???? युवाओं को कोई नौकरी देनी हो तो इस देश में तरह - तरह के टेस्ट और इंटरव्यू आदि देने पड़ते हैं और ये नेता एक दम से देश के कर्ण धार बन जाते हैं , और ये समझ दार " जनता " देर सवेर उसे कबूल भी लेती है ??? अभी तो शुरुआत है ....... आगे 4. महीनो में क्या - क्या नाटक इस देश की जनता को देखने को मिलेंगे कुछ कह नहीं सकते ??? देश की जनता भी बड़ी भोली है एक उदहारण देता हूँ ... की एक गाँव में एक महात्मा आया और वंहा के कुछ लोगों को इकठ्ठा करके कथा सुनाने लगा ..... की एक जगह 5. किलो गुड पड़ा था , जनता बोली अच्चा जी , संत बोला वंहा एक एक करके बहुत साडी मखियाँ आकर उस गुड पर बैठने लगीं ....., जनता बोली अच्चा जी , संत बोला वो मख्खियाँ उस गुड को उठा कर चल दीं ..... जनता फिर बोली अच्चा जी ....., ???? तो भाइयो और बहनों तथा मेरे प्यारे दोस्तों ....जागते रहो .......!!! और जगाते रहो ......अन्यथा ....पता नहीं किस भेष मैं देश का दुश्मन आ जाए और देश को लूट कर चला जाये ......!! पंजाबी में कहते हैं की ......रब्ब ------ राखा ......!!  एक साप नाथ है तो दूसरा ....राजनीती का ...... नाग नाथ ........???? निवेदन :- सभी पाठक बंधुओं से , कृपया इसे पहले पढ़ें , पसंद आये तो इसे दूसरों को भी पढ़ाएं , तब अपने अनमोल विचार मेरे ब्लॉग पर ही जाकर लिखें तथा फिर इसे पसंद यानी लायिक करें !! धन्यवाद !

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