Sunday, November 13, 2011

" पारसी ,भंवरी के भंवर में फंसे राम व महिपाल ? आनंदित मीडिया और पीड़ित जनता ?? "

 दूसरों को फंसा देख हंसने वाले मित्रो , हँसता हुआ राम - राम !! भाई वाह ! पत्नी हो तो महिपाल जी की श्रीमती लीला देवी जैसी जिन्होंने मुश्किल के वक्त में अपने राजस्थान के मंत्री श्री मन माहि पाल जी का जो सपोर्ट किया है सपोर्ट ही नहीं जिस प्रकार से मीडिया के खिलाफ " युद्ध " की घोषणा की है , वो तारीफ़ के काबिल है | इन मीडिया वालों को भी दूसरों के मामलों में टांग फंसाने की कुछ ज्यादा ही आदत हो गयी थी | उन्होंने अपने समर्थकों को स्पष्ट कह दिया की ये जितना हमें नुकसान पंहुचा सकते थे इन्होने हमें पंहुचा दिया , अब इनको और इनके कैमरों को तोड़ दो !! तो भागते और गुहार लगाते नज़र आये ये आनंदित होते पत्रकार ???एक महिना हो गया भंवरी देवी को लापता हुए लेकिन इन मीडिया वालों ने तब तक मामले को देश की जनता तक नहीं लाये जब तलक इसमें मंत्री जी नहीं आये ?? पारसी देवी की हत्या हुई या वो आतम हत्या थी आज तक पता नहीं लग पाया ?? बस चलादी फिल्म , बढ़ गयी टी .आर . पी . ?? जनता ऐसे कई गुंडा टैप नेताओं से रोज़ परेशान होती है , उनके घरों पर कब्जे हो जाते हैं और रोज़ बहु - बेटियों की इज्जत दाव पर लग जाती है तब ये " दिखाने वाला मीडिया सोया रहता है ?? तब तलक नहीं जागता जब तलक उस घटना - दुर्घटना में मसाला नहीं मिलता ??? बेचारा प्रिंट मीडिया सही काम करता रहता है ...???कई बार तो ये चेनल वाले कई दिनों तक मामला दबाए - छुपाये रहते हैं " मौका " आने पर ही दिखाते हैं ????   अब जरा इन नेताओं की भी खबर ले लें , जन्हा तलक " पर - नारी " से सम्बन्ध रखने की बात है तो हमारा इतिहास बतलाता है की इस मामले में अमीरों के लिए अलग और गरीबों के लिए अलग कानून और धर्म है | राजे - महाराजे जितनी चाहे रानियाँ रख सकते थे और हर रात को रंगीन बनाने हेतु एक रात की दुल्हन की व्यवस्था हो जाती थी और है | तुलसी दास जी भी लिख गए हैं की " समरथ को नहीं दोष गोसाईं " | और गरीब किसी की और आँख उठा कर भी अगर देखले तो सारा समाज उसे दुत्कारने , मारने और समझाने लग जाता है ?? हर आदमी मौका मिले तो गंगा में नहा लेना चाहता है बस बात " मेनेज " करने की है !! ये " दो - बेचारे " तो बस " मेनेज " ही नहीं कर पाए ! इसी लिए सरकार से बाहर हो गए हैं ?? नहीं तो क्या पक्ष और क्या विपक्ष , क्या राजस्थान और क्या देश सब जगह यही चल रहा है की अगर रजामंदी है तो मज़ा करलो !! कौन देखता है ?? जिस प्रकार छोटे चोर पकडे जाते हैं उसी तरह छोटे आशिक मिजाजी पकडे जाते हैं और बड़े छूट जाते हैं ?? जो पकड़ा जाए वो चोर वाली कहावत फिट बैठती है ?? मैं तो कहता हूँकि अब ये पुराने क़ानून वापिस ले कर नए कानून बना देने चाहियें की अगर दो व्यस्क आपसी सहमती से " शारीरिक सम्बन्ध " बनाते हैं तो कोई अपराध नहीं है !! और फिर बलात्कार की सजा " मौत " होनी चाहिए बशर्ते वास्तविक बलात्कार होना चाहिए ?? अपराधियों के अपराध साबित करने और सजा देने का काम न्यायालय का है मीडिया का नहीं एल .ओ . सी . किसी को नहीं लांघनी चाहिए !! श्रीमती लीला वती जी को भी नहीं ?? बोलो जय श्री कृष्ण ....!!! क्योंकि रास और कूटनीति के देवता श्री कृष्ण ही हैं इसलिए सब मिल कर बोलिए .... जय - जय श्री कृष्णा ....!! जय ....श्री कृष्णा ...!!!

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