Saturday, October 29, 2011

" मौन " - " अन्ना " जी का , और " बोल " " अन्यों " का .... क्या रंग लायेगा ..??

मौन चिकित्सा का सुख भोगने वाले सभी मित्रों को मेरा, प्यार भरा नमस्कार !! मित्रो पंजाबी में एक कहावत है कि " एक चुप्प - सौ सुख " जब चारों और से अन्ना मण्डली पर वार होने लगे तो परेशान हो कर अन्ना ने " मौन व्रत "को अपना हथियार बना लिया | कांग्रेस और उसके सहयोगी एन.जी.ओ.,पत्रकार , सरकारी अफसरों और अन्य पार्टियों के नेताओं द्वारा दागे गए प्रश्न रुपी मिसाइलों के उत्तर देते - देते जब अन्ना जी परेशान हो गए तो उन्होंने मौन रख लिया और उनकी मण्डली के सदस्य जवाब देने लगे | और जब वो भी परेशान हो गए तो कोर कमेटी के कुछ सदस्यों ने " कोर - कमेटी " को ही भंग कर देने का सुझाव दे डाला | अब कांग्रेस कह रही है कि हमें उनके अंदरूनी मसलों से कुछ नहीं लेना ...??? "  अन्दर तक उनका घर तो तोड़ आये , लेकिन मसलों से कुछ नहीं लेना | वाह री कांग्रेस  तेरी चतुराई ...?? लेकिन ये चतुराई किसी काम न आएगी ! जनता सब देख रही है ... कि सोनिया चुप क्यों है ...? द्विगविजय बोल क्यों रहे हैं ...? सलमान खुर्शीद जी मीठी गोली क्यों दे रहे हैं ?? कपिल और तिवाड़ी जी को सांप क्यों सूंघ गया ? मनमोहन - राहुल क्या योजना बना रहे हैं ?? सब पर आज चर्चा हो जाएगी | जनता भी २०१४ के चुनावों में अपना मत दे देगी | भगवान भली करेगा !! 

No comments:

Post a Comment

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...