Monday, November 22, 2010

MERI AAWAZ SUNO

आप का स्वागत है . मेरा अभिवादन स्वीकार करें . भारत में यदि लोकतंत्र का पांचवां खम्बा यानि पत्रकारिता नहीं होती तो इस देश का भगवान ही मालिक होता कलयुग में शराफत की बात करना प्रकिरती का विरोध करना ही होगा .शास्त्रों में लिखा हे की परमात्मा की आगया के बिना पत्ता भी नहीं हिलता .तो गोर करने वाली बात यह है की हम क्यों शोर मचा रहे हैं .क्या सचमुच हम जनता के हितों की खातिर लिख बोल रहें हैं ऐसा लिखबोल कर हम अपनी दुकान तो नहीं चला रहे .गीता में लिखा है की जब अत्याचार बढ़ता है तो भगवान अवतार लेते हैं और दुष्टोंका संघार करते हैं .तो फिर सवाल उठता है की हम कौन होते हैं शोर मचाने वाले .                                            हिन्दू ग्रन्थों के अनुसार इन्सान के अन्दर एक और इन्सान होता है जिसे आत्मा कहते हैं ,उस आत्मा में परमात्मा रहते हैं .जिन्दगी के इस नाटक में जिस वकत जिसने जो रोल निभाना है उस वकत परमात्मा उस मनुष्य की आत्मा में वेसे ही विचार भर देते हैं चुम्बकीय शक्ति द्वारा क्योंकि चुम्किया शक्ति से ही सारी सृष्टि चलती है . यही साइंस कहती है .कुछ लोग अपनी बुधिका प्रयोग कर के अपना फायदा भी निकाल लेते हैं .उस में कोई बुराई नहीं है .क्योंकि बुधि भी तो भगवान ने ही दी है                                                                    मेरा भी मन कई वर्षों से भ्रष्टाचार मिटाने को कर रहा है लेकिन ब्लॉग बनाने के एक माह बाद भी ये नहीं सोच पाया की इसमें से अपना फायदा कैसे करूँ .अतः अपने फायदे बिना आज से ब्लॉग में लिखकर रोज किसी न किसी भ्रष्टाचार की घटना का न केवल जिक्र किया करूँगा !बल्कि आपके विचारों को भी जानना चाहूँगा        

BHAGWAN BHROSE HINDUSTAN

सभी पाठकों को मेरा सादर नमस्कार ! स्वागत 1 विष्वके सबसे विशाल लोकतंत्र में पांचवें स्तम्भ का विशेष स्थान हे ! जब भी इस देश में भ्रष्टाचार उजागर होता हे तो उसमे पत्रकारिता से सम्बंधित लोगों का सहयोग अवश्य होता हे !ये लोग न्याय पालिका ,जनता एवं कार्यपालिका को सक्रिय करने में सहयोग करते हे ! राजा महाराजाओं के समय में यह कार्य धर्मगुरु किया करते थे !आज का मीडिया इन कार्यों को करते हुए अपना फायदा भी कर लेते हैं                  इसी लिए मेने बिना किसी स्वार्थ के यह ब्लॉग शुरू किया है !हर सप्ताह रविवार को मै किसी न किसी भ्रष्टाचार के विषय पर अपने विचार लिखा करूँगा !आज कर्नाटका के मुख्यमंत्री श्री येद्दियोरप्पा जी के सम्बन्ध में मेरी सोच यही हे की जाँच होने तक उन्हें पद पर नहीं रहना चाहिए !आज हर व्यक्ति दुसरे की तरफ उंगली करके दोषारोपण करता हे !परन्तु हम सब कहीं न कहीं दोषी हे !सारी व्यवस्था बदलनी होगी !या सारे दोषियों को फांसी देनी होगी !सब को फांसी कोई दे नहीं सकता !लेकिन संविधान बदल सकते हे ,प्रकिर्यायें बदल सकते हे !उस के लिए फिर नेताओं के पास जाना होगा !ऐसा नेता कहाँ से लायें जादू तो किसी के पास हे नहीं !तो क्या फिर इस देश को किसी तानाशाह की जरुरत है !मै कहूँगा हाँ !!! इस देश को सही तानाशाह की जरुरत है चाहे कम समय के लिए ही सही , तभी इस देश मै सुधार हो सकता है                                                                                           
              मेरे इन विचारों को आप से पहले भगवान जान  गए ! वे बोले वत्स ! मैंने जो कलयुग बनाया उसका क्या ? मै बोला आप क्यों चिंतित हो रहे हो ऐसा मुमकिन ही नहीं हे ! मै तो भोली भाली जनता को राजी कर रहा था !वो तो इतने मै ही वाह वाह करने लग जाती !अगर श्री राहुल गाँधी के किसी गरीब के घर जाने रोटी खाने से जनता बगोबाग हो सकती हे तो मेरी बातों से क्यों नहीं !तो रिजल्ट यह निकला की ये असम्भव है !

"निराशा से आशा की ओर चल अब मन " ! पीताम्बर दत्त शर्मा (लेखक-विश्लेषक)

प्रिय पाठक मित्रो !                               सादर प्यार भरा नमस्कार !! ये 2020 का साल हमारे लिए बड़ा ही निराशाजनक और कष्टदायक साबित ह...